Greater Noida Murder Mystery: करोड़ों के कमीशन ने ली अमित कुमार राठौर की जान, HDFC बैंक मैनेजर निकली मास्टरमाइंड! – Lok Shakti
October 21, 2024

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Greater Noida Murder Mystery: करोड़ों के कमीशन ने ली अमित कुमार राठौर की जान, HDFC बैंक मैनेजर निकली मास्टरमाइंड!

Greater Noida Murder Mystery ग्रेटर नोएडा में हाल ही में सामने आए बैंक एजेंट अमित कुमार राठौर की हत्या के मामले ने इलाके में सनसनी फैला दी है। इस हत्याकांड ने पूरे नोएडा वेस्ट की सुरक्षा और पुलिस की सतर्कता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की प्राथमिक जांच से जो जानकारी मिली है, वह न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि शहर में चल रहे अपराध के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा करती है।

कर्ज और कमीशन की खतरनाक साजिश

यह पूरा मामला कर्ज दिलाने और उससे जुड़े कमीशन के करोड़ों रुपये के बकाया से जुड़ा हुआ है। Greater Noida पुलिस का दावा है कि अमित कुमार राठौर, जो एक निजी बैंक से जुड़े एजेंट थे, उनकी हत्या उन्हीं के सहयोगियों ने की। हत्याकांड का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि एचडीएफसी बैंक की मैनेजर नेहा कुमारी थी। अमित के पास इन चार आरोपियों—हिमांशु, ओमप्रकाश, सचिन और रमेश—का करीब डेढ़ करोड़ रुपये कमीशन बकाया था। जब अमित ने पैसे लौटाने से इनकार किया, तो इन चारों ने मिलकर उसकी हत्या की साजिश रच डाली।

कैसे हुई अमित राठौर की हत्या?

Greater Noida  पुलिस ने इस खौफनाक हत्या के बारे में बताया कि 6 अक्टूबर की रात करीब 11:15 बजे, अमित को फोन कर सोसायटी से बाहर बुलाया गया। अमित अपनी क्रेटा कार लेकर बाहर निकले और आरोपियों के साथ एक दूसरी सोसाइटी के पास पहुंचे। वहां बातचीत के दौरान अचानक विवाद बढ़ गया। गुस्से में आरोपियों ने अमित के सिर पर लोहे का पंच और गाड़ी का टायर खोलने वाला पौना मारकर उसकी जान ले ली। हत्या के बाद, आरोपी घंटों शव ठिकाने लगाने की योजना बनाते रहे और अंततः दादरी इलाके में 15 किलोमीटर दूर जाकर शव फेंक दिया।

हत्या के बाद आरोपियों की चौंकाने वाली प्लानिंग

हत्या के बाद आरोपियों ने न केवल अमित के शव को ठिकाने लगाने की पूरी योजना बनाई, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए उसके फोन को स्विच ऑफ कर दिया ताकि किसी को शक न हो। शव को 130 मीटर रोड से होकर हायर कंपनी के पास फेंक दिया गया। पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो आरोपियों की पहचान हुई, लेकिन इसमें भी समय लगा, क्योंकि कार और लोगों की स्पष्ट पहचान नहीं हो पा रही थी।

पुलिस गश्त पर उठे सवाल

इस पूरे मामले ने Greater Noida की पुलिस व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस का दावा है कि वे रात भर गश्त करते हैं, लेकिन 15 किलोमीटर तक शव को ले जाते हुए भी कोई उन्हें नहीं रोक सका। इस तरह की घटनाओं ने पुलिस की चेकिंग और गश्त पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे एक कार जिसमें मृतक का शव था, बिना किसी चेकिंग के 15 किलोमीटर तक चलती रही?

नेहा कुमारी: मास्टरमाइंड बैंक मैनेजर की गिरफ्तारी

इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आई एचडीएफसी बैंक की मैनेजर नेहा कुमारी को पुलिस ने उसके घर इको विलेज 2 से गिरफ्तार किया। नेहा का गैंग न केवल बैंक लोन दिलाने में फर्जीवाड़ा कर रहा था, बल्कि इसके जरिये मोटा कमीशन भी कमा रहा था। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन और क्रेडिट कार्ड बनवाने की यह योजना उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही थी। नेहा इस गैंग की मास्टरमाइंड मानी जा रही है, जिसने फर्जी आधार कार्ड और रेंट एग्रीमेंट के माध्यम से यह काम किया।

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

Greater Noida  पुलिस ने इस हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए बताया कि नेहा कुमारी और उसके साथी फर्जी आधार कार्ड, रेंट एग्रीमेंट और फर्जी पे स्लिप बनाकर लोन और क्रेडिट कार्ड के जरिए मोटी रकम कमाते थे। इस पूरे खेल में नेहा को 5 से 10 लाख रुपये तक का कमीशन मिलता था। इसके बावजूद, जब कमीशन के पैसे को लेकर विवाद हुआ, तो गैंग ने साजिश रचकर अमित की हत्या कर दी।

अन्य गिरफ्तारियां और आगे की जांच

अब तक Greater Noida  पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि एक अन्य आरोपी रमेश अभी भी फरार है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस इस केस में लगातार नई जानकारी जुटा रही है और फरार आरोपियों की धरपकड़ के लिए कई टीमों को लगाया गया है।

साइबर फ्रॉड का खुलासा

यह पूरा मामला केवल हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें साइबर क्राइम का बड़ा खेल भी सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों और पहचान पत्रों के जरिये बैंक लोन दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में पुलिस की बड़ी सफलता मिली है। अब पुलिस उन सभी लोगों की जांच कर रही है, जिन्होंने इस गैंग की मदद से बैंक से लोन लिया है। इसके साथ ही, बैंकिंग सिस्टम में इस तरह के घोटालों को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बैंक के अंदरूनी कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना इतने बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा संभव नहीं है।

ग्रेटर नोएडा का बढ़ता अपराध और पुलिस की चुनौतियां

ग्रेटर नोएडा वेस्ट एक तेजी से विकसित होता क्षेत्र है, लेकिन इसके साथ ही अपराध की घटनाओं में भी लगातार वृद्धि हो रही है। हाल के वर्षों में यहां कई संगीन अपराध हुए हैं, जिनमें लूटपाट, मर्डर और साइबर फ्रॉड जैसी घटनाएं प्रमुख हैं। पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे कैसे इस क्षेत्र में अपराध को नियंत्रित करें। इस हत्याकांड ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अपराधी किस हद तक जा सकते हैं, और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।

Greater Noida  पुलिस की गश्त और निगरानी बढ़ाने की जरूरत

इस घटना ने पुलिस की निगरानी और गश्त की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। आवश्यक है कि पुलिस अपनी गश्त और निगरानी तंत्र को और मजबूत करें ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, सोसायटी के अंदर और आसपास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने और उनकी नियमित मॉनिटरिंग की भी जरूरत है।

ग्रेटर नोएडा में हुए अमित राठौर हत्याकांड ने न केवल इलाके में सनसनी फैलाई है, बल्कि बैंकिंग और लोन फ्रॉड के एक बड़े नेटवर्क का भी खुलासा किया है। इस तरह के मामले न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करते हैं। पुलिस को इस केस में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दिलवानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।