बंदा रेत घाटों पर दो साल से हो रहा प्रतिबंध, पांच वैध घाटों पर चार महीने से लगा प्रतिबंध आज से हटेगा – Lok Shakti
October 16, 2024

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बंदा रेत घाटों पर दो साल से हो रहा प्रतिबंध, पांच वैध घाटों पर चार महीने से लगा प्रतिबंध आज से हटेगा

रिसोर्ट में लगा हाइवा और माउंटेन माउंटेन मशीन

पर प्रकाश डाला गया

  1. आठ रेतीले नए घाट शुरू होने से पहले पूरी तरह से,इससे रेती की यात्रा कुछ हद तक दूर होगी।
  2. जिले में केवल पांच रेत घाट ही खनिज विभाग के रिकार्ड में अभी भी संचालित है।
  3. दो साल से बंद रेत घाटों पर फिर से शुरू करने के लिए शासन को भेजा गया प्रस्ताव।

नईदुनिया प्रतिनिधि, जांजगीर-चांपा। रेत घाटों पर चार महीने से लगायी गयी रोक आज से हटेगी। इससे संबंधित रेस्तरां कुछ हद तक दूर होगा। हालांकि चार महीने की रोक के बीच भी रेत माफिया, रेतीले वाहन और परिवहन जारी रहे। हसदेव, महानदी सहित अन्य सहायक नदियों के रेती घाटों से दिन रात की शुरुआत होती है।

खनिज विभाग के रिकार्ड में केवल पांच रेत घाट का संचालन किया गया

जिले में केवल पांच रेत घाट ही खनिज विभाग के रिकार्ड में अभी भी संचालित है। जबकि आठ रेत घाट और बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह से शुरू हो चुकी है। वहीं जिन जिलों में नौ रेत घाट दो साल से बंद हैं, उन रेत घाटों से भी बड़े पैमाने पर निर्माण और परिवहन हो रहा है। ऐसे में इन रेत घाटों को भी फिर से शुरू करने का प्रयास किया जाएगा, क्योंकि ये जिले के बड़े रेत घाट हैं। जिले के पीथमपुर, हथनेवरा, शिवरीनारायण, तनौद, देवरघटा, बसंतपुर, किकिरदा, बलौदा क्षेत्र के रेतघाटों का ठेका दो साल पहले समाप्त हो चुका है। अभी केवल घुटिया, लखनपुर, बरबसपुर, चांपा और नवागांव सहित पांच रेत घाट ही वैध हैं। जबकि बंदे रेत घाटों से भी अवैध अवैध निर्माण और परिवहन का कार्य पिछले दो वर्षों से रेत माफिया कर रहे हैं।

बिना रियल्टी के नदियों का सीना चिरकर रेत खनन

क्षेत्र के रेत माफिया एक साल से बिना रियल्टी के नदियों का सीना चीरकर रेत खनन कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। जिले में रेत माफिया जिला प्रशासन के अधिकारियों पर भारी प्रहार कर रहे हैं। माफिया बेखौफ रेत का ट्रैक्टर और परिवहनकर्ता परिवहन कर रहे हैं।

शासन को हो रहा राजस्व का नुकसान

क्षेत्र में रेत माफिया के शेयरों की मजबूती बनी हुई है कि बंदा रेत घाटों से भी रेत का खनन किया जा रहा है। जिले के हसदेव, महानदी सहित अन्य नदियों के सहायक घाटों को रेत खनन के लिए ठेका दिया गया था। जिसका ठेका अक्टूबर 2022 में समाप्त हो चुका है। उसके बाद यहां भी अवैध चित्रण किया जा रहा है। रेत माफिया बिना रियल्टी के रेत बेचकर शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं खनिज एवं राजस्व विभाग के अधिकारी जानकारी के बाद भी मशीनरी पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। रियल्टी लेकर रेलवे का परिवहन कर रहे सोसायटी को जब्त कर लिया गया है। जबकि ऑर्केस्ट्रा वर्क में लेज़ समेकन पर एक्शन नहीं किया गया है।

अक्षय पात्र का निर्माण रिस्टोर इलेक्ट्रोडिंग यार्ड में हुआ

जिले में रेतीले पशुपालन के स्थान पर रेत की मात्रा कभी नहीं बची थी। खनिज विभाग द्वारा उन्हें निर्धारित मात्रा में राइटर अल्कोहल की मात्रा दी जाती है। मगर द्वारा उनके द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक रेतीले भंडार रखा गया था। कई अवशेष एक से अधिक जगह पर रेतीले गोदाम बनाकर रखे थे। यहां से रेत की बिक्री रोज होती थी, लेकिन दूसरे दिन फिर से रेत की मात्रा जस की तस हो गई।

विघटन

‍डिजाइना के टूटे हुए ‍रेठे घाटों में ‍अचल ‍अवैध ‍कलाकृति कर मनमाने से ‍रेत घाटों पर ‍रेथ बनाते रहे। शिवरीनारायण में तीर्थयात्री द्वारा दो बार दो-दो ट्रिप सौ रायट को जब्त कर लिया गया था। जिले की नदियों के रेत घाट में अवैध खनन जोरों पर है। कंपनी, चेन मैनुटेन से अंडधुंध राट्रेक्टर कर हाइवा में लोड किया जा रहा है।

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