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पहले पेड़ उखाड़ेंगे दूसरी जगह फिर बनाएंगे वंदे भारत ट्रेन का नया डिपो

पेड़ उखाड़ने के बाद दूसरी जगह जगह जा रहे हैं।

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। कोचिंग डिपो से जुड़े एफसीएआई पोर्टफोलियो के पास वंदे भारत ट्रेन के किराए के लिए नया डिपो बनाया जाएगा। इसके लिए जिस जगह को चिन्हित किया गया है, वहां 50 लोगों को भुगतान किया गया है। इन डिपो को बचाने के लिए डिपोजिट निर्माण की योजना बनाई गई है। रेलवे इन पेड़ों की कटिंग के बजाय उखाड़कर दूसरी जगह पर लगी हुई है। उनकी इस पहल से पर्यावरण सुरक्षित रहें और यात्रियों की प्रमुख ट्रेन वंदे भारत ट्रेन का बेहतर रखरखाव हो सकता है।

वंदे भारत रेलवे की विशेष ट्रेन है। इसके नियम अलग-अलग हैं। जिस समय में कामकाज शुरू हुआ, रेलवे के पास इतना समय नहीं था कि अलग-अलग डिपो तैयार कर सके। इसलिए जहां से पहले एक ही सामान्य सूची की सूची बनाई गई है, कोचिंग डिपो में टेनेंस की स्कोप व्यवस्था की गई है। जैसे-तैसे प्रारंभिक समय तो गुजर गया। लेकिन, अब नए डिपो के लिए मेंटेनेंस की जरूरत पड़ रही है। निर्माण के संबंध में निर्देश बैठक के बाद संबंधित विभाग की सर्वेक्षण टीम ने एफसीएआई के पास की खाली जगह ढूंढी। यह जगह कोचिंग डिपो से लगी हुई। हालांकि सर्वे में यह भी बात सामने आई कि इस जगह पर 50 डिपो बनाने के लिए जगह बनाई गई है। लेकिन, रेल प्रशासन ने इस पर विशेष सहमति दी। उनका कहना था कि एक पेड़ नहीं काटना चाहिए। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। टैब पर इस बात पर सहमति बनी कि सभी पेड़ों को काटने वाले के बजाय उकेरे गए और नई जगह पर इस्तेमाल किया जाएगा। अब पेड़ उखाड़कर नई जगह पर लगाने का काम शुरू हो गया है। रक्षा संरक्षण में इसे रेलवे का विशेष प्रयास कहा जा सकता है।

इस विधि को अपनाकर लगा रहे पेड़

0 पेड़ों का पूर्व उपचार-स्थान अनुवादन से पहले पेड़ों को उपचार की आवश्यकता है, ताकि उनका स्वास्थ्य अच्छा बना रहे।

0 स्थलों की तैयारी-नई जगहों पर पेड़ों को दोबारा से रोपित करने के लिए विशेष स्थलों और दर्शनों के लिए जगहें तैयार की गईं।

0 पुनः आरंभिक-पेडोर्स को पोर्टफोलियो में नए स्थान पर स्थानांतरित किया गया।

0 केयर-पेडर्स के सोलोमन के बाद उनकी निरंतर जांच और निगरानी की जा रही है।

वंदे भारत का सफर मजेदार है

वंदे भारत ट्रेन का सफर आरामदायक के साथ भी मजेदार है। यह ट्रेन आपकी उच्च गति के लिए खास है। यही कारण है कि मशीनरी पर विशेष जोर दिया जा रहा है। रेलवे का मानना ​​है कि अलग-अलग डिपोजिट में बेहतर ढंग से रखरखाव किया जा सकता है। रेलवे अधोसंरचना विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए इस प्रकार के सकारात्मक प्रयास जारी रखेंगे। भारत अमृत स्टेशन योजना के अंतर्गत आने वाले रेलवे पर भी इसी तरह के कार्य करें, जिससे रेलवे को हरित को बढ़ावा मिले और बढ़ावा मिले।