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मां भारती के भक्तों की बिंदी ही नहीं, अभिव्यक्ति का भी हिंदी माध्यम है: राज्यपाल मंगुभाई पटेल

कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते राज्यपाल मंगुभाई पटेल।

पर प्रकाश डाला गया

  1. मप्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने किया सम्मान समारोह का आयोजन।
  2. नौ हिंदी भाषी हिंदी सेवियों और 21 विभूतियों को सम्मानित किया गया।
  3. हिंदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों से आये साकेत।

नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। हिंदी माँ भारती के मस्तक की बिंदी। यह सिर्फ भाषा नहीं, भावों की अभिव्यक्ति और घरों पर मिटने की भक्ति है। क्षेत्रीय शब्दों का हिंदीकरण और सरलीकरण के लिए हिंदी का सतत विकास, समृद्धि और प्रसार आवश्यक है। आज हिंदी विश्व में अपनी पहचान बना रही है और इसका श्रेय हमारे वैज्ञानिकों को जाता है। मप्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष जैस प्रकाश ने भी हिंदी को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

गांधी जयंती पर हिंदी भवन में आयोजित हिंदी भाषी हिंदी सेवी सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने यह बात कही। इस मौके पर उन्होंने नौ हिंदी भाषी हिंदी सेवियों और 21 विभूतियों को विभिन्न सम्मानों से अलंकृत किया।

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गुजरात और मप्र इस मायने में अनुठे

गवर्नर पटेल ने कहा कि देश में गुजरात एक ऐसी स्थिति है, जहां दो राजभाषाएं हैं- गुजराती और हिंदी। इसी प्रकार का मानचित्र केवल ऐसी स्थिति है, जहां इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी का चलन है, इसलिए आधुनिक तकनीक और इंटरनेट मीडिया को बढ़ावा देने के लिए हिंदी को पूरी मदद लेनी चाहिए। सम्मान समारोह के राष्ट्रपति मप्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखदेव प्रसाद जोसेफ ने की। इस कंपनी पर समिति के मंत्री-संचालक कैलाशचंद्र पंत, पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा मौजूद हैं।

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अहिन्दी भाषियों का समाधान, समाधान करें

गवर्नर पटेल ने कहा कि हमें हिंदी भाषियों की हिंदी प्रति रुचि बढ़ाने के लिए उनकी सुविधा को बहाल करना होगा। उसका समाधान करना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंदी भाषियों के कोमोडेशन के लिए हिंदी में चर्चा की जानी चाहिए। हिंदी के भाषायी विकास में योगदान देने वाले लोगों और हिंदी के क्षेत्र में व्यावसायिक सामग्री प्राप्त करने वाले लोगों का सम्मान पहले भी जरूरी है।

उदाहरण के लिए

समारोह में हिंदी भाषी हिंदी सेवी एमएस मिर्ज़ामन (तमिल), अरविंद सुसरला (तेलुगु), रश्मी कुलकर्णी (मराठी), बिवाश चंद्र मंडल (बांग्ला), बाघराय विद्वत (उदेड़िया), महेंद्र गौरखेड़े (मराठी), भरत पटेल (गुजराती) विजय बैंक (उदेड़िया) तथा रूबी सरकार (बांग्ला) को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार अन्य सम्मानों में स्व. महिमा एश्वर्य सम्मान वाराणसी की एसोसिएट डा. नीरजा माधव को, विशिष्ट हिंदी सेवी सम्मान गोदावरी यादव छिंदवाड़ा, संपत्तिदेवी विजयवर्गीय स्मृति महिला कल्याण पुरस्कार डॉ. कुसुम सक्सेना भोपाल, स्व. इंदिरा स्मृति मेधावी छात्र सम्मान तनु गुलाटी, रामाधारप्रसाद नवीन पुरस्कार भानुप्रताप सिंह भोज, अंबिकाप्रसाद वर्मा दिव्य पुरस्कार डॉ. इलिनोइस पालरिया, प्रकाश कुमारी हरकावत नारी लेखन पुरस्कार डॉ. जयंती फेथ, हुक्मदेवी प्रकाशचंद कपूर स्मृति पुरस्कार अशोक मनवानी, हजारीलाल जैन स्मृति वाड्मय पुरस्कार दिनेश कुमार माली, शशि बालकृष्ण ओबेरॉय महिला सम्मान कुलतार कौर कक्कड़, सुंदरबाई शंकरलाल तिवारी नागालैंड सम्मान सुधा कश्यप, रामायण-गार्गी मेधावी छात्र पुरस्कार आदित्य गौड़ और रामचन्द्र श्रीवल्लभ चौधरी मेधावी छात्र पुरस्कार सहयोग साहू प्रदान किया गया। सम्मान प्रमाण पत्र जारी किया गया।