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Aligarh में यूट्यूब प्रैंक की चूक: गुरिल्ला’ के वेश यूट्यूबर की भारी धुनाई

28 सितंबर को Aligarh के थाना क्वार्सी क्षेत्र में एक विशेष घटना घटी, जो न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई। घटना की शुरुआत दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई, जब टीकाराम कन्या डिग्री कॉलेज के गेट पर तीन युवक खुद को यूट्यूबर बताते हुए छात्राओं के साथ प्रैंक वीडियो बनाने में लगे थे। एक युवक, जो ‘गुरिल्ला’ के वेश में था, छात्राओं के हाथ पकड़कर उन्हें डराने और हाथ मिलाने की कोशिश कर रहा था। इस बीच, उसके दो साथी इस सभी हरकतों का वीडियो बना रहे थे।

जब राहगीरों ने देखा कि ये युवक छात्राओं के साथ छेड़खानी कर रहे हैं, तो उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप किया। स्थानीय लोगों ने तीनों युवकों को पकड़कर उनकी जमकर धुनाई की और बाद में उन्हें थाना ले जाकर पुलिस के हवाले कर दिया। यह घटना अलीगढ़ में शहरी समाज के लिए एक चेतावनी बन गई है कि किसी भी तरह की छेड़खानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया

जैसे ही घटना की जानकारी स्थानीय भाजपा नेताओं को मिली, वे तुरंत थाने पहुंच गए। पूर्व मेयर शकुंतला भारती और भाजपा नेता संजू बजाज ने थाने में जाकर युवकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पुलिस पर दबाव डालते हुए कहा कि ऐसे युवाओं को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा करने की हिम्मत न करे। यह नज़ारा समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गहन चिंता का कारण बन गया है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने युवकों से पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपने आप को यूट्यूबर बताते हुए कहा कि वे सोशल मीडिया के लिए प्रैंक वीडियो बना रहे हैं। हालांकि, जब पुलिस ने उनके सोशल मीडिया चैनल की जांच की, तो सत्यता सामने आई। इसके बाद, भाजपाई शांत हो गए और युवकों पर शांतिभंग के मामले में कार्रवाई की गई। थाना प्रभारी विजयकांत शर्मा ने बताया कि पकड़े गए तीनों युवकों, जिनके नाम बादशाह, रवि और ललित हैं, के खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई की गई है।

प्रैंक वीडियो का बढ़ता चलन

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रैंक वीडियो बनाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। युवा अपने वीडियो को हिट करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, लेकिन इस प्रकार की हरकतें कई बार गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकती हैं। प्रैंक के नाम पर छेड़खानी और डराने-धमकाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह जरूरी है कि युवा अपनी रचनात्मकता को सकारात्मक दिशा में लगाएं और समाज में सही संदेश पहुंचाएं।

समाज का आक्रोश और सुरक्षा की मांग

इस घटना ने यह साबित कर दिया कि समाज में छेड़खानी के खिलाफ कितना आक्रोश है। युवाओं को यह समझने की आवश्यकता है कि उनके द्वारा की जाने वाली हरकतों का समाज पर प्रभाव पड़ता है। महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है, और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि हमें अपनी सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है।

छेड़खानी के खिलाफ सख्त कदम

इस घटना के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि समाज में छेड़खानी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। पहले से ही कई महिलाओं ने प्रैंक के नाम पर छेड़खानी का शिकार होने की बात कही है। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन को भी सक्रियता से कार्य करना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। समाज को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए, ताकि युवा और छात्राओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।

युवा मानसिकता में बदलाव

इस घटना ने यह भी संकेत दिया है कि युवाओं को अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता है। प्रैंक वीडियो बनाने के नाम पर किसी की भावनाओं से खेलना सही नहीं है। हम सबको यह समझना चाहिए कि मनोरंजन के नाम पर किसी की इज्जत और सम्मान को ठेस पहुंचाना अनैतिक है। यह आवश्यक है कि युवा अपनी ऊर्जा और रचनात्मकता को सकारात्मक दिशा में लगाएं और समाज में एक अच्छा उदाहरण स्थापित करें।

अलीगढ़ की यह घटना केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ती असुरक्षा और छेड़खानी की प्रवृत्ति का एक बड़ा उदाहरण है। इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हमें समाज में बदलाव लाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। हम सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए कि युवा अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार बनें और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाएं।

इस घटना ने साबित किया है कि समाज को किसी भी प्रकार की छेड़खानी को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हमें चाहिए कि हम युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन प्रदान करें और उन्हें सकारात्मक दिशा में प्रेरित करें।