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राजस्थान: 12 साल की बच्ची बनी मां का शिकार, बाल संरक्षण आयोग ने लिया स्मरण

जोधपुर, 23 अगस्त। जोधपुर ग्रामीण के बालेसर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग बच्चे ने बच्चे को जन्म दिया है। जोधपुर जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती है। प्रयोगशाला और उनका नवजात मेडिकल ऑब्जर्वेशन में है। घटना की जानकारी प्राप्त करें राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग ने मामले में स्मारक लिया है। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल एवं जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. धनपत गुर्जर ने डिजिटल से बात कर पूरी जानकारी प्राप्त की और अस्पताल का कुशलक्षेम पूछा। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, गैजेट के साथ स्कूल के एक से अधिक सहपाठियों ने नामांकित किया था।

जोधपुर के एक अस्पताल में रविवार रात 12 साल की भीड़ ने एक बच्चे को जन्म दिया। गॉल्ज के गर्भवती परी ने पहले बताया कि हत्या की कोशिश की गई, लेकिन सफल नहीं हो पाए। बालेसर के अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर वे उसे लेकर आए, जहां से पुलिस को मामले की जानकारी मिली। कम उम्र की वजह से उत्तर प्रदेश में होने वाली पाइपलाइन को ध्यान में रखते हुए उसे जोधपुर रेफर कर दिया गया। यहां उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। पुलिस की पूछताछ में वैज्ञानिकों ने बताया कि उनके साथ पढ़ने वाले दस्तावेजों में संबंध बनाए गए थे। पिछले साल वह घर आ रही थी, तो एक सुपरमार्केट जीप लेकर आया था, जिसमें एक अन्य व्यक्ति का भी अपहरण कर लिया गया था। बाद में दोनों ने उससे दोस्ती कर ली। डर के मारे कलाकार ने परिवार में किसी को इसकी जानकारी नहीं दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

बच्ची का हालचाल दर्शन संगीत अस्पताल पशु बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा बेनीवाल ने घटना के बारे में बहुत कुछ बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। घटना से डर गई बच्ची, हमें बच्चों के मन से यह डर लगता है, जिससे वह अपने साथ वाली हर घटना को अपनी हकीकत को बताता था। एविजेल ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्हें लगा कि अभी कोरोना चल रहा है जिसकी वजह से बच्ची घर पर है तो खाने से शरीर बढ़ रहा है। दो दिन पहले जब उसका बीमार मरीज़ तो उसे स्थानीय अस्पताल लेकर गया, तब विक्रेता मामले का खुलासा हुआ।