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पेरिस पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली जापान की रूबीना की सफलता की कहानी…असमानता और गरीबी को दी मात

अपने माता-पिता और भाई के साथ रुबिना। (फोटो नईदुनिया)

पर प्रकाश डाला गया

  1. मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहने वाली हैं रुबिना फ्रांसिस
  2. P2 10 मीटर एयरोकॉल SH1 इवेंट ने कांस्य पदक जीता
  3. हाल ही में इनवेज़ टैक्स में ऑब्जर्वर पद पर मिला है इंस्टाग्राम

नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर (पैरालिंपिक 2024)। एलायंसता को रुबिना ने अपने ग्रेजुएट आर्टिस्ट पर कभी हावी नहीं होने दिया, इसी वजह से वह 25 साल की उम्र में देश के सबसे बड़े ग्रेजुएट आर्टिस्ट बन गए हैं। पेरिस में ओलंपिक 2024 की रेस में शनिवार का दिन भारतीय खिलाड़ियों के नाम रहा। रुबिना ने देश के लिए एक कांस्य पदक पदक जीता, विश्व में देश का मान पैमाने पर।

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(पी2 10 मीटर एयर रिकॉर्ड एएसएच1 इवेंट में कांस्य पदक जीतने के बाद रुबिना।)

गरीबी के बाद बेरोजगारी पर जीत

  • 25 साल की अंतर्राष्ट्रीय पैरामॅरेटी रुबिना जाबांज की ऐसी ही साज़िशें कलाकार हैं जैसे बचपन बेहद गरीबी में बीता।
  • नोइन-साइमन फ्रांसिस की बेटी रुबिना के दोनों पैर जन्म से तिरछे थे। इलाज के बाद कुछ फ़ायदा हुआ, लेकिन पैर पूरी तरह सीधा नहीं हुआ।
  • रुबिना का एक भाई अलेक्जेंडर भी है। पिता साइमन ने गाड़ी मिस्त्री का काम एक समय परिवार का भरण-पोषण किया।
  • 2014 गन फ़ॉर ग्लोरी शूटिंग अकादमी के प्रतिभा खोज चयन फ़ोरम से रूबीना ड्रली गेम विधा से जुड़ें।

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रुबिना का ग्राफ़ ऐसा ऊँचा हुआ

सलेक्शन कोर्स में सिलेक्ट के बाद रुबिना ने अकादमी में प्रवेश पाया, जहां उसे मुफ्त प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद इस रेटिंग को कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा गया।

छह से अधिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में देश की ओर से खेल रूबीना अभी सेंट अलॉयसियस कॉलेज में एमकाम की पढ़ाई पूरी कर रही हैं। अभी 15 दिन पहले ही 16 अगस्त को उन्हें क्रूरता विभाग में ऑब्जर्वर पैड पर ऑफर मिला है और पहली पोस्टिंग मुंबई में मिली है।

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