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पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के पहले घोटालों से देश निराशा के गर्त में डूब चुका था

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 के उन दिनों को याद करेंगे तो हमें ध्यान देना चाहिए कि देश के लोगों का आत्मविश्वास खो चुका था। देश निराशा के सागर में डूबा था। 2014 के पहले देश ने जो सबसे बड़ा नुकसान झेला था, अमानत खोई थी, वह आत्मविश्वास था।

2014 के पहले यही शब्द दिए गए थे- इस देश का कुछ नहीं हो सकता। ये 7 शब्द भारतीयों की निराशा की पहचान बन गए थे। अखबार भयभीत थे तो घोटालों की खबरें ही पढ़ने को जाते थे। रोज नए घोटाले, घोटाला ही घोटाला। घोटालों की घोटालों से प्रतियोगिता, घोटालेबाज लोगों के घोटाले, बेशर्मी के साथ ये स्वीकार भी कर लिया जाता था कि दिल्ली से 1 रुपया सवार है तो 15 पैसे तक पहुंच गए थे। भाई-भतीजावाद इतना फैला हुआ था कि सामान्य हवा तो आशा छोड़ चुका था कि अगर कोई सिफारिश करने वाला नहीं है, तो जिंदगी ऐसे ही लेनी चाहिए।

पीएम मोदी ने बताया विकसित भारत का मतलब

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की जनता ने हमारी सीट को देखा है। हमारी नियत, हमारी निष्ठा पर जनता ने भरोसा किया है। इस चुनाव में हम जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ आशीर्वाद दुश्मन गए थे और हमने आशीर्वाद मांगा था विकसित भारत के लिए हमारे संकल्प के लिए। इसके लिए एक रास्ते के साथ जनसामान्य का कल्याण करने के इरादे से गए थे। जनता ने विकसित भारत के संकल्प को चार चांद लगाने के बाद एक बार फिर विजयी व्यापक सेवा का वादा किया है।

जब देश विकसित होता है, कोटि-कोटि जनों के सपने पूरे होते हैं, संकल्प सिद्ध होते हैं, आने वाली असुविधा के लिए भी मजबूत आधार तैयार हो जाता है। विकसित भारत का सीधा लाभ हमारे देश के नागरिकों की गरिमा, राष्ट्रीय जीवन में सुधार, प्राकृतिक रूप से भाग्य में आता है। स्वतंत्रता के बाद सामान्य नागरिक इन परिस्थितियों के लिए तरस रहा है। हमारे गांव, शहरों की स्थिति में भी बहुत बड़ा सुधार होता है। गांव के जीवन में गरिमा भी होती है, विकास के नए अवसर भी होते हैं। दुनिया की विकास यात्रा में भारत के बराबरी करेंगे, यह हमारा सपना है। विकसित भारत का मतलब होता है कोटि-कोटि नागरिकों को अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं और वह अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दे सकता है। देशवासियों को विश्वास है कि विकसित भारत के जिस संकल्प को हम लेकर चलेंगे, उसकी सुरक्षा के लिए हम भरसक प्रयास करेंगे, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे। हमारे समय का पल-पल, शरीर का कण-कण विकसित भारत के सपने को साकार करने में लगेंगे। हम उस काम को ज़रूर पूरा करेंगे.