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रेलवे में सीबीआई की दबिश: इंस्पेक्टर को भी बनाया गया कदम, एसआईबी और रिटायर्ड आईजी भी सवालों के घेरे में

उत्तर रेलवे के आलमबाग स्टोर डिपो में आरपीएफ के एएसआई की रिश्वत लेने के मामले में एक और जानकारी लल्लूराम को मिली है। लल्लूराम के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सीबीआई की जांच में कथित आरपीएफ पोस्ट के पदस्थ इंस्पेक्टर के चेंबर से भी करीब 9 हजार रुपये कैश जब्त किया गया है। सूत्रों का दावा है कि राकेश कुमार ओझा पदस्थ हैं जो इस प्रकरण में अब अपने घर में ताला लगाकर कहि चले गए हैं। इस पूरे मामले की आधिकारिक पुष्टि के लिए लल्लूराम ने कमांडेंट और एएससी को फोन किया, लेकिन संतोष ने फोन का जवाब नहीं दिया।

इस मामले में आईएएस अधिकारी की टीम भी सवालों के घेरे में है, कि यदि उनके थानाक्षेत्र में ऐसा चल रहा था तो इसकी आईएएस अधिकारी रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई। तो यहां तक ​​दावा किया गया है कि जोन के पूर्व आरपीएफ आईजीएन (रिटायर्ड) में कथित इंस्पेक्टर की पोस्टिंग भी सवालों के घेरे में है। ये आरपीएफ के लिए जांच का विषय है कि यूएक्स इंस्पेक्टर की पोस्टिंग यूएक्स पोस्ट में कब और कैसे की गई? का दावा है कि बिना किसी तत्परता वाले इंस्पेक्टर की पोस्टिंग की गई थी। हालांकि, सभी आपत्तियों में कितनी सच्चाई है, इसकी जांच आरपीएफ करने के बाद ही पूरा मामला सामने आएगा।

लेकिन सीबीआई की कार्रवाई में ये स्पष्ट हो गया है कि आरपीएफ में इन दिनों सीबीआई के लेन-देन का लंबा खेल चल रहा है।

ये है सबूत का पूरा मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे के एक अधिकारी और आरपीएफ के एएसआई को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। अब सीबीआई की टीम उनके घर दबिश देने पहुंची है, जहां जांच जारी है। पूरा मामला उत्तर रेलवे के आलमबाग स्टोर डिपो का है। यहां पदस्थ मुख्य डिपो अधीक्षक (सीडीएमएस) और उत्तर रेलवे में तैनात आरपीएफ के एक एएसआई ने ब्रिगेड की मांग की थी।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मुख्य डिपो अधीक्षक (सीडीएमएस) का नाम अविरल कुमार और आरपीएफ एएसआई मनोज कुमार राय बताया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कथित तौर पर निवेश के खिलाफ 13 जून 2024 को केस दर्ज किया गया। जिसमें बताया गया कि रेलवे डिपो से छुटकारा पाने के लिए उंगलियों को काटने, उठाने की अनुमति के लिए एक बार 12 हजार 800 रुपये और दूसरी बार 8 हजार 200 रुपये का जुर्माना लिया गया।

वहीं इस मामले में भी सीबीआई ने जाल बिछाया और दोनों पीएफआइ, आरपीएफ और सीडीएमएस को शिकायतकर्ता से क्रमश: 9 हजार और 8 हजार 200 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। दोनों राजधानी के लखनऊ स्थित आवास पर तलाशी ली गई है और मामले की जांच जारी है।