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नहीं हो सकता गांडेय विधानसभा का द्रव्यमान, राज्यपाल से मिले बाबूलाल मरांडी

केरल:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा के एक प्रचारक ने कैथोलिक देवता महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की और वर्ष 2024 की शुभकामनाएं पिछले दिनों गांडेय विधानसभा में विधानसभा जाने की स्थिति में होने वाले संवैधानिक संकट से संबंधित संदेश दिया। पत्र की चर्चा में प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश एवम मुख्यालय प्रभारी डॉ. प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहायक भी शामिल थे। मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सत्यपक्ष के एक नेता जो गांडेय विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे वो मुख्यमंत्री अनिल सोरेन दबाव सीट सीट खाली कर रहे थे। श्री मरांडी ने कहा कि सरफराज अहमद जी पूरी तरह से स्वस्थ हैं, वे देश से बाहर भी नहीं जा रहे हैं, ऐसे में उनका स्वर्गवास नहीं हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री ने जेल के पूर्व में यात्रा की थी, मौलाना प्रसाद की समाधि पर उनकी पत्नी सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की कल्पना की गई थी। ।। उन्होंने कहा कि झारखंड में गांडेय के विधायक के नेतृत्व में इस्तिफे के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। धारा 151ए, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अगर सामान्य चुनाव में एक साल कम का समय शेष हो तो विधानसभा नहीं बनाई जा सकती। कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने निर्णय (प्रमोद लक्ष्मण गुड़ाधे बनाम भारत टेलीकॉम आयोग) में यह स्पष्ट किया गया था कि यदि आम चुनाव एक साल के भीतर हो तो विधानसभा नहीं बन सकती। 8 जनवरी 2023, बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा रिजेक्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक आदेश जारी किया गया, जिसमें एक साल की अवधि से कम समय तक रहने का आदेश दिया गया था, उस पर रोक लगा दी गई है। झारखंड में विधानसभा का चुनाव दिसंबर 2024 में होना है। सितंबर अक्टूबर से प्रक्रिया हो सकती है। धारा 151ए, लोक प्रतिनिधित्व प्रारंभ अधिनियम, 1951 एवं जिला निर्वाचन आयोग के जिला मुख्यालय में विधानसभा का चुनाव नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिस विधानसभा क्षेत्र के नियुक्त रिटर्निग पदाधिकारी चुनाव आयोग को विधानसभा के नतीजों की घोषणा करते हुए सार्वजनिक करते हैं, उनमें कहा गया है कि किस दल से और कितने स्थायी अध्यक्षों के पास मौजूद निर्वाचित पदाधिकारियों के पदाधिकारियों की पहचान है। सरकार का गठन, विधान सभा सत्र के कुछ दिन बाद हुआ, जिससे उनका कुछ लेना देना नहीं। उन्होंने कहा कि राज्य के अस्थायी गठबंधन राज्य की जनता और चुनाव आयोग दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। श्री मरांडी ने कहा कि उन्होंने महामहिम राज्यपाल द्वारा चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र में भी शपथ लेने की मांग की है।