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दमोह के रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के सागर-जबलपुर मार्ग पर दिखा बाघ, राहगीरों की धड़कनें बढ़ीं

रहली-जबलपुर मार्ग पर नौरादेही अभयारण्य की सीमा पर एक बाघ सड़क पार करते हुए दिखाई दिया। जिसे देख राहगीर काफी रोमांचित हुए। इस अभ्यारण्य में पहली बार सड़क पर बाघ दिखा। एक कार चालक ने अपने मोबाइल में इसका वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया पर भी वायरल किया। 

30 Dec 2023

दमोह : दमोह जिले के रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व जिसमें नौरादेही अभयारण्य का जंगल भी शामिल है यहां अब बाघों का दीदार करना काफी आसान हो रहा है। इस नए टाइगर रिजर्व में जैसे-जैसे बाघों का कुनबा बढ़ रहा है, उनका विचरण क्षेत्र भी बढ़ता जा रहा है। गुरुवार रात रहली-जबलपुर मार्ग पर नौरादेही अभयारण्य की सीमा पर एक बाघ सड़क पार करते हुए दिखाई दिया। जिसे देख राहगीर काफी रोमांचित हुए लेकिन उनकी धड़कनें भी तेज हो गई, क्योंकि इस अभ्यारण्य में पहली बार सड़क पर बाघ दिखा। एक कार चालक ने अपने मोबाइल में इसका वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया पर भी वायरल किया।

दरअसल टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों के साथ ही बाघों की संख्या 19  पहुंच गई है। अब तक बाघ सिंगपुर, नौरादेही, ढोंगरगांव, मुहली आदि रेजों में करीब 50 वर्ग किमी एरिया में ही विचरण करते थे जो कि रहली जबलपुर मार्ग की सड़क से दस किमी दूर तक है, लेकिन अब बाघ सड़क पार दूसरे ओर आ रहे हैं। पिछले दो माह से सड़क के दूसरी ओर के जंगल में बाघ देखे जा रहे हैं और उनकी दहाड़ सुनाई दे रही है। टाइगर रिजर्व की पहली बाघिन राधा एन 1 ने भी अपना ठिकाना बदल लिया है। गुरुवार रात जो बाघ दिखाई दिया है वह बाघिन राधा का पहली संतान नर बाघ बताया जा रहा है जो कि अब युवा हो चुका है और वह अन्य बाघों से दूर विचरण करने लगा है। बता दें सागर के नौरादेही अभयारण्य और दमोह के रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व बनाया गया है जो देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। यहां बीते पांच सालों में बाघों की संख्या 19 पहुंच गई है और लगातार उनका कुनबा बढ़ रहा है जहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है।

राधा ने बदला ठिकाना, मां बनने की संभावना
नौरादेही को बाघों से आबाद करने वाली रानी बाघिन राधा ने पांच साल बाद अपनी टेरेटरी बदल दी है। जिस जंगल में राधा लगातार दिखाई देती थी और जहां उसकी दहाड़ गूंजती थी अब वहां राधा न तो दिख रही है और न ही उसकी दहाड़ सुनाई दे रही है। जिससे राधा द्वारा नई टेरेटरी बनाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि राधा तीसरी बार मां बनने वाली होगी और जिस जगह उसकी टेरेटरी रही है वहां अब बाघों का घनत्व अधिक है। इसलिए नवजात शावकों की सुरक्षा के लिहाज से उसने नई टेरेटरी बनाई होगी। 

2018 में पहली बार लाए गए थे बाघ
नौरादेही में बाघों की पुनर्स्थापना के लिए अप्रैल 2018 में बाधिन राधा लाई गई थी और कुछ दिन बाद ही बाघ किशन को भी लाया गया। नौरादेही में बाघों का कुनबा बढ़कर बीस पर पहुंच चुका था, लेकिन छह माह पूर्व टाइगर रिजर्व का राजा कहलाने वाला बाघ किशन दूसरे बाघ से जून में संघर्ष के दौरान घायल हो गया था और उसकी मौत हो गई। जिससे फिलहाल नौरादेही में 19 बाघ हैं।

50 वर्ग एरिया में बार दिया शावकों को जन्म
राधा ने अपना ठिकाना नौरादेही, सिंगपुर रेंज के जंगलों में पचास वर्ग किमी में बनाया था। इसी एरिया में उसने दो बार में छह शावकों को भी जन्म दिया, लेकिन अब कुछ दिनों से राधा के पदचिह्न नौरादेही, सिंगपुर रेंज से दूर अभयारण्य के एक प्रमुख तालाब के पास देखे जा रहे हैं। जानकारों के अनुसार राधा तीसरी बार मां बन सकती है। जिस कारण वह नए स्थान पर एकांत में पहुंच गई है। हालांकि इस संबंध में अधिकारी अभी कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं बता रहे।