नाराज कलेक्टर ने सिम्स के भोजन ठेकेदार पर ठोंका एक लाख का जुर्माना – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

नाराज कलेक्टर ने सिम्स के भोजन ठेकेदार पर ठोंका एक लाख का जुर्माना

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका में सुनवाई हो रही है। चीफ जस्टिस की नाराजगी के बीच कलेक्टर अवनीश शरण ने अपनी बात रखी।

29 Dec 2023

बिलासपुर : सिम्स की अव्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की नाराजगी खुलकर सामने आई है। नाराज चीफ जस्टिस ने कलेक्टर से दोटूक पूछा कि अखबार में रोज खबरें छप रही हैं। आप सिम्स का निरीक्षण करने जाते हैं। वापस आने के बाद क्या हो रहा है यह देखने का आपका धर्म है या नहीं। निर्देश का कितना अमल हो रहा है, अस्पताल प्रबंधन कितना गंभीर है। यह सब कौन देखेगा। किसकी जिम्मेदारी है। जनहित याचिका की सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 17 जनवरी की तिथि तय कर दी है। वही कलेक्टर अवनीश शरण ने सिम्स का गुरुवार को दोबारा निरीक्षण किया। इस दौरान विभिन्न वार्डों का दौरा कर मरीजों से चर्चा की व मिल रही सुविधाओं को लेकर जानकारी ली। मरीजों ने भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान मरीजों की शिकायत सही पाई गई। कलेक्टर ने ठेकेदार फिलिप्स केटरर्स पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोंका है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका में सुनवाई हो रही है। चीफ जस्टिस की नाराजगी के बीच कलेक्टर अवनीश शरण ने अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सुबह सिम्स का निरीक्षण करने गए थे। निरीक्षण के दौरान अफसरों से यह भी पूछा कि कल जो निर्देश दिए थे उस पर कितना अमल किया गया है। क्या-क्या काम किए गए हैं। निर्देश पर अमल हो रहा है या नहीं इसकी भी हमने निगरानी की है। संबंधित जिम्मेदारी अफसरों से सीधी बात की है। कलेक्टर अवनीश शरण ने चीफ जस्टिस को बताया कि सिम्स की व्यवस्था दुरुस्त करने में जो लोग आड़े आ रहे हैं और जो लोग निर्देश के बाद भी गंभीरता के साथ अमल नहीं कर रहे हैं, ऐसे लोगों की पहचान कर ली गई है। कलेक्टर ने कोर्ट को आश्वस्त करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खुद ही कानून के दायरे में जो भी संभव है सख्त कार्रवाई करेंगे।

व्यवस्था दुरुस्त करना स्वाभाविक प्रक्रिया

चीफ जस्टिस के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि सुबह के वक्त जब सिम्स का निरीक्षण करने गए थे उस दौरान एक मरीज ने बताया कि आलमारी में काकरोच है। जब मैंने खोलकर देखा तो वाकई काकरोच थे। कलेक्टर ने कहा कि सर यह व्यवस्था तो प्रबंधन को करनी है। व्यवस्था दुरुस्त करना स्वाभाविक प्रक्रिया है। डीएम के निर्देश जारी होंगे तभी सब ठीक करेंगे। कलेक्टर के जवाब के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि यह तो संबंधित संस्थान के प्रभारी से लेकर मातहत अधिकारी व कर्मचारी का कर्त्तव्य बनता है कि कार्यालय को कैसे रखा जाए। सीजे ने फिर सवाल किया, सिम्स के एमएस और डीन क्या कर रहे हैं। व्यवस्था सुधारने और ठीक रखने का काम प्रबंधन का होता है। जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से निभा नहीं पा रहे हैं।

कलेक्टर ने कहा-सात दिन में सब ठीक हो जाएगा

कलेक्टर अवनीश शरण ने चीफ जस्टिस से एक सप्ताह की मोहलत मांगी। उन्होंने सात दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन दिया और कहा कि वे लगातार निगरानी करेंगे। हर दूसरे दिन औचक निरीक्षण करेंगे। व्यवस्था सुधारने में रोड़ा बनने वाले अफसर से लेकर स्टाफ पर कार्रवाई करेंगे। कलेक्टर जब अपनी बात रख रहे थे उसी बीच सिम्स के डीन कलेक्टर के पीछे खड़े थे, तब चीफ जस्टिस ने पूछा आप कौन हैं। कलेक्टर ने बताया सिम्स के डीन हैं। तब सीजे ने पूछा कब से हैं। डीन ने जवाब दिया 2021 से। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि इतने साल से आपने क्या किया। डीन के जवाब के बाद सीजे ने कहा कि राउंड लेने से व्यवस्था आपने सुधार ली क्या।

सुविधा बढाइए, लोग दुआएं देंगे

चीफ जस्टिस ने कलेक्टर से कहा कि आम लोगों के लिए अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाइए। लोगों की उम्मीद पर खरा उतरें। आम लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराइए। ऐसा कर लिया तो लोग आपको दुआएं देंगे

ये गड़बड़ी आई सामने

कलेक्टर ने अपने जवाब में तीन कारण गिनाए हैं। आधारभूत संरचना में कमी को काफी हद तक सुधार लिया गया है। चिकित्सक व नर्स समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। कुछ चिकित्सक निजी प्रैक्टिस पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।