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धनबाद की हवा में सांस लेने में दिक्कत, आंखों में भी जलन की शिकायत ,राष्ट्रीय मानक से कहीं अधिक एक्यूआइ दर्ज

धनबाद में पिछले कुछ दिनों से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। आंखों में जलन की शिकायत मिल रही है। यहां पांच प्रमुख जगह चासनाला कोलाकुसमा लिलोरी पार्क मोहलबनी स्टीलगेट बैंक मोड़ आदि इलाकों में राष्ट्रीय मानक से कहीं अधिक एक्यूआइ दर्ज किया गया है। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।

29 Dec 2023

धनबाद। धनबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इधर एक सप्ताह के आंकड़ों पर गौर करें तो यह खतरनाक स्थिति पर पहुंच गया है। पिछले कुछ दिनों से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। आंखों में जलन की शिकायत मिल रही है। शुक्रवार को अप्रत्याशित रूप से पीएम-2.5 और पीएम-10 का स्तर 300 एयर क्वालिटी इंडेक्स तक पहुंच गया। पीएम-2.5 का स्तर 299.8 और पीएम-2.5 का स्तर 230.9 दर्ज किया गया। यह राष्ट्रीय मानक से कहीं अधिक और स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक है।

धनबाद के पांच प्रमुख जगह चासनाला, कोलाकुसमा, लिलोरी पार्क, मोहलबनी, स्टीलगेट, बैंक मोड़ आदि इलाकों में राष्ट्रीय मानक से कहीं अधिक एक्यूआइ दर्ज हुआ। प्रदूषण का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स में मापा जाता है। पीएम यानी पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण की एक किस्म है। इसके कण बेहद सूक्ष्म होते हैं और हवा में बहते हैं। पीएम-2.5 और पीएम-10 हवा में कण का आकार बताते हैं। यह राष्ट्रीय मानक 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) से तीन गुना हो गया है। इस आधार पर धनबाद की हवा बहुत खराब हो चुकी है। नगर निगम की ओर से लगाए गए दस कंटीन्युअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन (सीएक्यूएमएस) प्रदूषण का यह स्तर बता रहा है। प्रदूषण कम करने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जिम्मेवार इससे छुटकारा नहीं दिला रहे हैं। जिला प्रशासन, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बीसीसीएल आंख बंद किए हुए हैं।

हवा में बढ़ी सूक्ष्म कणों की संख्या

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह बताते हैं कि पीएम का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर। यह हवा के अंदर मौजूद सूक्ष्म कणों को मापते हैं। 2.5 और 10 हवा में मौजूद कणों के आकार को दर्शाते हैं, यानि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का आंकड़ा जितना कम होगा, हवा में मौजूद कण उतने ही छोटे होते हैं।

पीएम 10 का मतलब होता है कि हवा में मौजूद कण 10 माइक्रोमीटर से भी छोटे हैं और जब पीएम 10, पीएम 2.5 का स्तर 100 से ऊपर पहुंचता है तो ये खराब श्रेणी दर्शाता है। इसका सीधा अर्थ है कि हवा में धूल, मिट्टी, धुंध के कण अधिक मात्रा में मौजूद हैं। ये आसानी से सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं। इसी तरह पीएम 2.5 का स्तर धुएं से अधिक बढ़ता है। यानी यदि हम कुछ चीजें वातावरण में जलाते हैं तो वो पीएम 2.5 का स्तर बढ़ाता है। ये धुएं, धूल आदि के कणों को दर्शाता है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर और प्रभाव

  • शून्य से 50 : अच्छा
  • 51 से 100 : संतोषजनक
  • 101 से 200 : असंतोषजनक
  • 201 से 300 : खराब
  • 301 से 400 : बहुत खराब
  • 401 से 500 : अतिगंभीर

नोट – एक्यूआइ का राष्ट्रीय मानक 100 माइकोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित है।