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एडमिट कार्ड के पीछे लिखकर विद्यार्थी कर रहे नकल, पूरक परीक्षाओं में 150 प्रकरण बने

देवी अहिल्‍या विश्‍वविद्यालय की पूरक परीक्षा में नकल के 150 प्रकरण बने हैं।

29 Dec 2023

इंदौर : दिसंबर के दूसरे सप्ताह से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने स्नातक पाठ्यक्रम में फेल विद्यार्थियों के लिए पूरक परीक्षा रखी है। जहां परीक्षा केंद्रों के निरीक्षण के दौरान उड़नदस्ता दल ने कई नकलची छात्र-छात्राओं को पकड़ा है। जिन्‍होंने एडमिट कार्ड के पीछे दिशा-निर्देशों के बीच खाली जगह उत्तर लिखे थे। पूछने पर विद्यार्थी बताते हैं कि परीक्षा कक्ष में प्रवेश करते समय चेकिंग के दौरान आसानी से बच जाते है। वहीं कुछ विद्यार्थियों के पास किताबों के पन्ने नकल सामग्री के रूप में मिली है। इन्हें जूते में छिपाकर परीक्षा कक्ष तक लेकर आते थे। यहां तक कि कुछ विद्यार्थियों को कापी के पन्नों बीच में चिट रखकर जवाब लिख रहे थे। 25 दिन में विश्‍वविद्यालय ने 150 प्रकरण बनाए है।

40 हजार विद्यार्थी हुए थे शामिल

12 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच बीए, बीकाम, बीएससी, बीजेएमएसी, बीबीए, बीसीए प्रथम व द्वितीय वर्ष की पूरक परीक्षा रखी है। दोनों पाठ्यक्रम की परीक्षा में 40 हजार विद्यार्थी सम्मिलित हुए है। अधिकांश छात्र-छात्राओं को फाउंडेशन विषय में फेल हुए है, जिसमें अंग्रेजी और हिन्दी विषय रखे है। विश्वविद्यालय के दायरे में आने वाले 70 कालेजों को केंद्र बनाया गया है। जहां दो सत्र में परीक्षा करवाई जा रही है, क्योंकि कालेजों में विद्यार्थियों की कक्षा भी लगाई जा रही है।

दस उड़नदस्ते बनाए गए

परीक्षा से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विश्वविद्यालय ने दस उड़नदस्ते बनाए है। इन्हें संवेदनशील केंद्रों पर विशेषतौर से निरीक्षण करने के निर्देश दिए है। नकलचियों में ज्यादातर प्रथम वर्ष के विद्यार्थी है। अधिकारियों के मुताबिक कई केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने से पहले ही विद्यार्थियों ने नकल सामग्री जमा कर दी। उनका प्रकरण नहीं बनाया है। जबकि जिन विद्यार्थियों के पास से परीक्षा के दौरान चिट बरामद हुई है। उनकी कापियां भी जब्‍त की है।

नकल प्रकरणों पर होगी सुनवाई

अब इन नकल प्रकरणों को समिति के सामने रखा जाएगा और नकल सामग्री और कापियों में लिखे जवाब का मिलान होगा। उसके आधार पर विद्यार्थियों पर कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी का कहना है कि नकल प्रकरणों को फरवरी में समिति के समक्ष रखेंगे। 45 दिनों में इन प्रकरणों की सुनवाई होगी।