‘हम फूल चढ़ाने वाले ही नहीं, फूल उगाने वाले भी बनेंगे’, अर्जुन मुंडा ने कहा- झारखंड में कृषि की काफी संभावना – Lok Shakti

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‘हम फूल चढ़ाने वाले ही नहीं, फूल उगाने वाले भी बनेंगे’, अर्जुन मुंडा ने कहा- झारखंड में कृषि की काफी संभावना

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखंड में कृषि की काफी संभावना है। इसको देखते हुए जल्द ही एक बड़ा प्लान तैयार किया जाएगा। फसल और हरियाली बना रहे इसी के लिए हमारे पूर्वजों ने कुर्बानी दी थी। इस चीज को बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है। एग्रीकल्चर को विस्तार देने के लिए काफी संभावना देखी जा रही है।

23 Dec 2023

चाईबासा। खरसावां शहीद दिवस में हम फूल चढ़ाने वाले ही नहीं, फूल उगाने वाले भी बनेंगे। यह बातें केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने दो दिवसीय उड़ीसा भ्रमण के दौरान चाईबासा में भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वागत कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कही।मुंडा ने कहा कि झारखंड में कृषि की काफी संभावना है। इसको देखते हुए जल्द ही एक बड़ा प्लान तैयार किया जाएगा। खास करके खरसावां गोलीकांड के शहीदों को एक जनवरी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए फूल चढ़ाते हैं, लेकिन अब हम फूल उगाने वाले भी बनेंगे। इससे कृषि के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सके।

किसानों को दिया जाएगा आधुनिक प्रशिक्षण

फसल और हरियाली बना रहे इसी के लिए हमारे पूर्वजों ने कुर्बानी दी थी। इस चीज को बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है। एक जनवरी को सरायकेला खरसावां जिला के खरसावां शहीद दिवस पर शहीद कृषि मेला का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे हम शहीदों को फूल चढ़ाने वाले ही नहीं फूल उगाने वाले भी बनेंगे। एग्रीकल्चर को विस्तार देने के लिए काफी संभावना देखी जा रही है। साथ ही किसानों को आधुनिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिससे अधिक से अधिक किसानों को लाभ पहुंच सके। कम जगह, कम पैसा और उन्नत खेती इस प्रयास को किसानों के बीच लेकर जा रहे हैं।

खाली जगह को एग्रीकल्चर के लिए डेवलप करने का प्लान

रास्ते में देख रहे हैं कि काफी खाली जगह दिख रही है, ऐसी जगह को एग्रीकल्चर के लिए किस प्रकार डेवलप किया जा सके इसका प्लान भी तैयार किया जा रहा ।जिससे किसान आत्मनिर्भर बनकर एक मजबूत देश की निर्माण कर सके। 12 माह खेती किस प्रकार किया जा सके। किस जगह पर हार्टिकल्चर , सेरीकल्चर, फ्लोरीकल्चर की क्या संभावना है। इसको देखते हुए तैयारी किया जा रहा है। उत्पादन के साथ बाजार की भी जरूरत होती है । किसानों के उत्पादन को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक कैसे पहुंचना है।

इसके लिए भी तैयारी की जा रही है। जल्द ही बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। खासकर झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में खेती के संभावना और जरूरत को ध्यान में रखा जा रहा है । जिससे किसानों के उत्पादन को लेकर आगे बढ़ाया जा सके उन्हें बड़ा बाजार दिया जा सके।