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हेमन्त सोरेन :- झारखंड के मुख्यमंत्री रसेल सोरेन ने शनिवार को झारखंड उच्च न्यायालय में एक रिपोर्ट में धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें समन भेजकर चुनौती दी है। उनके वकील ने यह जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को धन शोधन से जुड़े कथित कथित मामले में एचडी की ओर से जारी समन के खिलाफ सोरेन की याचिका पर विचार खारिज कर दिया था। रेज़ियो अनिरुद्ध बोस और क्रैन्टा बेला एम स्कोर्स की पीठ ने केस में राहत के लिए सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट का रुख अपनाने की छूट दे दी। सोरेन के वकील पीयूष चित्रेश ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट में दाखिल समन को चुनौती देते हुए एम.एच.डी. की याचिका दायर की है। ईडी ने सोरेन को 14 अगस्त को रांची में संघीय एजेंसी के कार्यालय में पेश किया और धन शोधन को रोकने के लिए कानून के तहत बयान दर्ज करने के लिए समन भेजा था।
सोरेन ईस्ट में स्थापित कार्यक्रम का दस्तावेजीकरण कथित रक्षा भूमि घोटाले मामले में भी पीएचडी के दस्तावेज पेश नहीं किए गए थे। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता सोरेन (48) से राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में पिछले साल 17 नवंबर को नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी। केंद्रीय एजेंसी एक दस्तावेज से अधिक भूमि की जांच कर रही है, जिसमें रक्षा भूमि से संबंधित एक सौदा भी शामिल है, जिसमें माफिया, बिचौलियों और बिक्रीकर्ताओं के एक समूह ने 1932 तक की तारीख के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप लगाया है। था।
एचडी ने झारखंड में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा भी शामिल हैं। सोरेन को एडी ने शुरुआत में तीन नवंबर 2022 को तलब किया था, लेकिन वह सरकारी सहायकों का वाहन लेकर पेश नहीं हुए थे। झामुमो नेता ने केंद्रीय जांच एजेंसी को उन्हें गिरफ़्तार करने की चुनौती भी दी थी और समन को तीन सप्ताह के लिए तलने का प्रस्ताव दिया था। प्रशांत झामुमो ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री राजनीतिक तौर पर राजनीतिक रूप से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले सप्ताह कहा था कि सोरेन ने राज्य में ”जिस तरह का समझौता” किया है, उन्होंने उन्हें किसी भी अदालत में भी बुलाया है। कोई राहत नहीं दी गई और उन्हें स्थायी रूप से निदेशालय की जांच का सामना करना पड़ा। (भाषा)
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