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चंडीगढ़। पंजाब में स्थित नागालैंड फ्रैंकलिन मामले में सिमरजीत सिंह बैंस की याचिका पर रोक की मांग को लेकर लगाए गए आरोप तय थे। 44 साल की महिला के साथ बलात्कार के मामले में सिमरजीत सिंह मुख्य अतिथि हैं। एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर बैंस और उनके दो सहयोगियों समेत पांच लोगों के खिलाफ 16 जुलाई 2021 को मामला दर्ज किया गया था. और पढ़ें-पंजाब समाचार: देश की प्रमुख एयरलाइंस ने नीचे दिए गए दस्तावेजों की खरीद का मूल्य, जाने-माने स्टार्टअप का समय और विवरण दिया
बैंस और पंजाब सरकार के वकील ने मंगलवार को कहा कि वह उच्च न्यायालय में इस याचिका पर सुनवाई का इंतजार करेंगे और लोन की विशेष अदालत से अनुरोध करेंगे कि उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद ही मामले पर सुनवाई तय की जाए। उच्च न्यायालय ने 6 फरवरी 2023 को सुनवाई तय की।
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बैंस की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 25 सितंबर को लोनी स्पेशल कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया गया था, जिसमें केस से जुड़े दस्तावेज दाखिल खारिज की मांग को खारिज करने के लिए जिरह के लिए सुनवाई तय की गई थी। विशेष अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया था, जिसके बाद अब उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया गया है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि, पिछले साल जुलाई में एक कथित बलात्कार के मामले में केस दर्ज होने के एक साल बाद लोक समाजवादी पार्टी (एलआईपी) के प्रमुख और आत्म नगर के पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने चार अन्य लोगों के साथ मिलकर लंदन की एक स्थानीय अदालत में केस दर्ज किया था। समर्पण कर दिया.
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