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रेलवे वैकेंसी के आवेदनों की जांच अंतिम दौर में, सितंबर में परीक्षा संभव

भारतीय रेलवे को तकरीबन 90,000 पदों के लिए 2.4 करोड़ आवेदन मिले हैं और इन आवेदनों की स्क्रूटनी का काम बड़ी तेजी से किया जा रहा है. भारी संख्या में मिले आवेदनों को तीन स्तर पर जांचा जा रहा है.
रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर इंफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी आर डी बाजपेयी का कहना है कि भारी संख्या में मिले आवेदनों के बावजूद भर्ती प्रक्रिया को सुचारू ढंग से करने की तैयारी की गई है. उन्होंने बताया कि ग्रुप डी के लिए 62,907 पोस्टों के लिए पहले भर्ती प्रकिया स्थानीय लेवल पर की जाती थी लेकिन इस बार इसको राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है.
बाजपेयी के मुताबिक प्राप्त आवेदनों की जांच का काम 10 जुलाई के आसपास तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.  इसके बाद योग्य आवेदकों की सूची 20 रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की वेबसाइटों पर डाल दिया जाएगा. ऐसी उम्मीद है कि सितंबर में रेलवे के सबसे बड़े भर्ती अभियान के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन शुरू हो जाएगा.
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा भर्ती अभियान साल की शुरुआत में शुरू किया था. इसके तहत ग्रुप सी और ग्रुप डी के असिस्टेंट लोको पायलट टेक्नीशियन गैंगमैन स्विच मैन ट्रैकमैन और पोर्टर जैसे तमाम पद आते हैं.
करीब 62,907 पदों के लिए देशभर से आवेदन मंगाए गए हैं. वहीं न्यूनतम योग्यता हाई स्कूल और आईटीआई रखी गई है. वहीं मासिक न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए होगा. इसमें सातवें वेतन आयोग के मुताबिक अन्य भत्ते देय होंगे. ग्रुप D की भर्तियों का काम रेलवे रिक्रूटमेंट सेल द्वारा किया जाएगा. इन नौकरियों के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 31 साल तय की गई है. इसके अलावा इस आयु में अलग-अलग श्रेणियों के लिए छूट का प्रावधान भी है.

रेलवे के मुताबिक असिस्टेंट लोको पायलट के लिए और ग्रुप सी के टेक्नीशियन के पदों पर भी भर्ती का अभियान शुरू है,  इसके लिए 26,502 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं.
रेलवे के मुताबिक रेलवे भर्ती अभियान में ज्यादातर पद सेफ्टी कैटेगरी के हैं. एक मोटे अनुमान के मुताबिक रेलवे में निकाले गए पदों की वजह से रेल मंत्रालय पर 3000 से लेकर 4000 करोड़ रुपए सालाना का अतिरिक्त भार पड़ेगा. रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर इंफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी आर डी बाजपेयी के मुताबिक असिस्टेंट लोको पायलट की लिखित परीक्षा में सफल आवेदकों का साइको टेस्ट होगा और उसके बाद मेडिकल टेस्ट में इनको सफल होना पड़ेगा.
उनके मुताबिक रेलवे के बंपर भर्ती अभियान के लिए परीक्षा पूरी तरह से कंम्प्यूटर आधारित होगी और इसके लिए रेलवे ने एजेंसी का चयन कर लिया है.  ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अगर सितंबर में परीक्षा का आयोजन शुरू हो जाता है तो आवेदकों की भारी संख्या को देखते हुए लिखित परीक्षा को पूरा करने में ही तीन से चार महीने का वक्त लग सकता है. उसके बाद लिखित परीक्षा का रिजल्ट आने और साइको टेस्ट और शारीरिक क्षमता का परीक्षण होते-होते मार्च-अप्रैल बीत जाएगा.