ट्रेन रोककर ड्राइवर को बंद करना पड़ता है गेट, फिर आगे बढ़ती है रेलगाड़ी; तस्‍वीरें देख हो जाएंगे हैरान – Lok Shakti
November 2, 2024

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ट्रेन रोककर ड्राइवर को बंद करना पड़ता है गेट, फिर आगे बढ़ती है रेलगाड़ी; तस्‍वीरें देख हो जाएंगे हैरान

देश में वंदे भारत के रूप में सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन चल रही है। चारों ओर विकास हो रहा है लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जो इस दिशा में काफी पीछे है। यहां कोडरमा-गिरिडीह नई रेल लाइन पर कोडरमा के डोमचांच में बंगाईकला और मंझलीटांड़ में एक ऐसा रेलवे फाटक है जिसे लोको पायलट खुद ट्रेन को रोककर नीचे उतरकर खोलते और बंद करते हैं।

01 Dec 2023

कोडरमा : एक तरफ जहां देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात हो रही है। वंदे भारत के रूप में सेमी हाई स्पीड ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। वहीं कोडरमा-गिरिडीह नई रेल लाइन पर कोडरमा जिले के डोमचांच में बंगाईकला और मंझलीटांड़ में ऐसा मानवरहित समपार फाटक है, जहां से यात्री ट्रेन गुजरने के पहले चालक ट्रेन रोककर फाटक बंद करते हैं।फिर ट्रेन को फाटक पार कराकर पुन: ट्रेन रोकते हैं। इस बार पिछले डिब्बे में सवार गार्ड उतरकर फाटक के गेट को खोलते हैं। इसके बाद ट्रेन अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़ती है।

रूट पर हर दिन तीन ट्रेनोंं का होता है परिचालन

इन दोनों समपार फाटक के एक तरफ कोडरमा टाउन स्टेशन है, तो दूसरी तरफ महेशपुर स्टेशन। बंगाईकला में यह रेलवे लाइन डोमचांच और बंगाईकला जाने वाला मार्ग पर है।जबकि मंझलीटांड में यह रेल लाइन डोमचांच-जयनगर मार्ग से होकर गुजरती है। इस रूट पर प्रतिदिन तीन जोड़ी ट्रेनों का परिचालन होता है। इसमें रांची-न्यू गिरिडीह इंटरसिटी एक्सप्रेस के अलावा कोडरमा-महेशमुंडा पैसेंजर ट्रेन और कोडरमा-मधुपुर पैसेंजर ट्रेन शामिल है। तीनों ट्रेन के परिचालन के दौरान आगमन और प्रस्थान के वक्त मंझलीटांड़ और बंगाईकला में रेलवे फाटक को बंद करने और खोलने के दौरान यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।दोनों रेलवे फाटक की दूरी भी महज 500 मीटर की है। ऐसे में इस लाइन से गुजरने वाली हर ट्रेन को रेलवे फाटक बंद करने और खोलने के लिए हर पारी में चार बार रोका जाता है। इस प्रक्रिया में तकरीबन 4 से 5 मिनट लगते हैं।

स्टेशन के बजाए फाटक पर ही चढ़ते-उतरते हैं यात्री

बंगाईकला और मंझलीटांड़ क्षेत्रों में रहनेवाले लोग ट्रेन में सफर करने के लिए महेशपुर स्टेशन जाने के बजाए समपार फाटक से ही ट्रेन में सवार होते हैं और उतरते हैं। स्थानीय निवासी राहुल गुप्ता, पप्पू साव, मुन्ना सिंह समेत अन्य लोगों ने बताया कि महेशपुर स्टेशन इस रेलवे फाटक से तकरीबन 4 किलोमीटर दूर है, जहां जाने में काफी परेशानी होती है। इस रूट से गुजरने वाली तीनों ट्रेन फाटक के आगे और पीछे दो बार रूकती है। लोग यहीं से ट्रेन में सवार हो जाते हैं। स्टेशन के प्लेटफार्म की जगह लोग मंझलीटांड़ रेलवे फाटक और बंगाईकला रेलवे फाटक का इस्तेमाल हर दिन करते हैं।