मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लीज और उनके स्वजन को जमीन आवंटित किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था यह कहते हुए कि यह सुनवाई योग्य नहीं है। अब यह सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
30 Nov 2023
रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लीज और उनके स्वजन को जमीन आवंटित किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
अदालत ने प्रार्थी को तीन दिनों में अपना लिखित पक्ष कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने पूछा है कि उनकी याचिका पूर्व में सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई याचिका से अलग कैसे है। अदालत ने प्रार्थी को अपना क्रेडेंशियल भी दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रार्थी ने इस याचिका में भी उन्हीं मुद्दों को उठाया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
सीएम सोरेन पर लगाए गए ये आरोप
प्रार्थी ने अनगड़ा में खनन लीज आवंटित किए जाने का मुद्दा उठाया है, जिसे शिवशंकर शर्मा ने भी अपनी याचिका में उठाया था। याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है। प्रार्थी की ओर कहा गया कि इस मामले में सीएम और उनके स्वजन को औद्योगिक क्षेत्र में जमीन आवंटित करने का मामला उठाया गया है, जिसका जिक्र पूर्व की जनहित याचिका में नहीं था।इस कारण याचिका पर सुनवाई की जानी चाहिए। आरटीआइ कार्यकर्ता सह अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि सीएम हेमंत सोरेन ने खान मंत्री रहते हुए स्वयं और अपने रिश्तेदारों को खनन लीज दिया है।
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