अध्यापक संवर्ग से शिक्षा विभाग में शामिल हुए हजारों शिक्षकों को तो तीन माह से वेतन नहीं मिला है। रक्षाबंधन त्योहार सामने होने के कारण कर्मचारियों में महंगाई भत्ता व वेतन नहीं मिलने से असंतोष भी बढ़ने लगा है। लिहाजा, इसे लेकर नाराज शिक्षकों ने मंगलवार को सभी जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन सौंपकर नाराजगी प्रकट की। उधर, इसी तरह प्रदेश के कुछ विभागों में स्थाईकर्मी भी अलग-अलग समस्याओं से परेशान हैं। कुछ विभागों में तो काम का बोझ भी बढ़ता जा रहा है और इनकी सुनवाई भी नहीं हो रही है। प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने कुछ मुद्दों पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है।
प्रदेश के कर्मचारी संगठन इसलिए नाराज
– छठवें वेतनमान के एरियर की राशि की तीसरी किस्त नहीं मिली। यह मई 2020 में मिलनी थी।
– महंगाई भत्ता का लाभ नहीं दिया, पूर्व में भी देरी से दिया था, उसका एरियर नहीं दिया गया।
– सालाना वेतनवृद्धि का तत्काल लाभ नहीं मिलेगा, कोरोना की आड़ लेकर लाभ देने से वंचित रखने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
– खाली पद कब तक भरे जाएंगे, इस पर स्थिति साफ नहीं है। हर दफ्तर में कर्मचारियों की कमी है, जो मौजूद हैं, उन पर बोझ बढ़ता जा रहा है।
– जब कोरोना संक्रमण नहीं था, तब भी वेतन विसंगति, पदनाम परिवर्तन जैसी गैर आर्थिक मांगों पर सुनवाई नहीं की गई। अब कोरोना में इन मांगों की तरफ सरकार का ध्यान ही नहीं है। हर दूसरे दफ्तर में कोरोना संक्रमण से बचाव के इंतजाम ठीक नहीं है। मंत्रालय के कर्मचारी तो कई बार नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
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