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विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने वाला शिगूफा I.N.D.I.A, यूपी BJP चीफ भूपेंद्र चौधरी ने कह दी सीधी बात

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के उत्‍तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को अपना पद संभालते हुए आज एक साल हो गए। लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. को उन्होंने विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने वाला शिगूफा बताया है। चौधरी ने कहा कि भाजपा संगठन लगातार जनता के बीच कार्यक्रम कर रही है। अभियानों को गति दे रही है। जनता के दुख दर्द में साथ है। पार्टी के नेतृत्व के प्रति लोगों का विश्वास है। जैसा 2014 से ही ऐसा माहौल देखने को मिल रहा है। हमें पूरा विश्वास हम यूपी की सभी सीटें जीतेंगे। मोदी जी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रस्तुत है भूपेंद्र चौधरी से बातचीत के प्रमुख अंश-

क्या भाजपा को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) से चुनौती है?
लोकतंत्र में सभी दलों को चुनाव लड़ने और अपनी बात जनता के बीच रखने का अधिकार है। विपक्ष ने हमसे सारे चुनाव गठबंधन में ही लड़े हैं। 2017 में सपा और कांग्रेस गठबंधन में ही थे। 2019 में सपा और बसपा ने मिलकर लड़ा। 2022 में भी गठबंधन था। लेकिन सभी चुनावों में जनता ने मोदी और योगी जी को अपना आशीर्वाद दिया। हमारे कार्यकर्ता लगातार जनता के मुद्दे को लेकर उनके ही बीच में रहते है। विपक्ष का कहीं कोई पता नहीं होता, लेकिन जब चुनाव आता है तो ध्यान भटकाने के लिए गठबंधन का राग अलापते हैं। इनसे हमें कोई चुनौती नहीं है। हमारी पूरी तैयारी है मोदी जी के नेतृत्व में हम सभी सीटें जीतेंगे।

क्या आप भी गठबंधन के साथियों को बढ़ाने वाले हैं? जयंत चौधरी की भी एनडीए साथ आने की संभावना है?
किस पार्टी से गठबंधन होगा यह केंद्रीय टीम तय करती है। राजनीति संभावनाओं का खेल है। संभावना हमेशा बनी रहती है।

एनडीए के साथी चाहे संजय निषाद हों या और कोई दल हो, वह चुनाव नजदीक आते ही अपने मनमुताबिक सीट की डिमांड करने लगते हैं। क्या कहेंगे?
सीट शेयर का फॉर्मूले केंद्रीय नेतृत्व का विषय है। वह केंद्र तय करेगा। वही निर्णय करेंगे। कोई कन्फ्यूजन नहीं होगा। जो भी दिक्कत होगी, बातचीत के माध्यम से हल कर ली जाती है। अभी हाल के दिनों में भाजपा से घोसी उम्मीदवार दारा सिंह पर स्याही फेंकी गयी।

सपा के नेता स्वामी प्रसाद पर जूता फेंका गया। इन दोनों मामलों पर आपकी क्या राय है?
दारा सिंह पर स्याही किसने फेंकी? जगजाहिर है। जिसने यह कृत्य किया है, वह समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता है। स्वामी प्रसाद के साथ जो घटना हुई हैं, उन्हीं के कार्यक्रम में ही हुई हैं। मैं व्यतिगत रूप इस प्रकार की घटना का आलोचक हूं। इसकी निंदा करता हूं। सपा का इस प्रकार का चरित्र रहा है। लोकतंत्र में असहमति के कारण हो सकते हैं, लेकिन विरोध का यह तरीका सही नहीं है।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने चुनाव घोषणा के पहले ही टिकट घोषित कर दिए। क्या यूपी में ऐसा होने की संभावना है?
पार्टी ने एक नया प्रयोग किया है। सामान्यतया हमारे यहां ऐसा करते नहीं है। राज्यों की परिस्थिति के आधार पार्टी ने निर्णय लिया होगा, लेकिन अभी यूपी में ऐसी कोई स्थित नहीं है। हमारे उम्मीदवार चयन करने का अधिकार केंद्रीय चुनाव समिति के पास है। अभी यूपी में ऐसा प्रयोग होने जा रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं हैं।

सांसदों की उम्र वाले फार्मूले तय होने के पीछे क्या मंशा है?
इसे केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगा। इस बारे में मेरे स्तर से कुछ भी नहीं होना है।

सांसदों के रिपोर्ट कार्ड के बारे में कुछ बताइये।
सभी लोकसभा क्षेत्र के सांसद जनता के बीच में जाकर सरकार की उपलब्धियां बता रहे हैं। उनकी उपस्थिति जनता के बीच लगातार है।

जिलाध्‍यक्षों मे बदलाव कब तक करेंगे?
पार्टी ने मिड सेशन में काम दिया है। एक आंशिक पुनर्गठन का काम प्रदेश और क्षेत्र में किया है। जिलों की तरफ बढ़ रहे हैं। जिलों में हम आंशिक परिवर्तन करेंगे। शीघ्र ही आयोगों और निगम बोर्ड के पद भी भरे जाएंगे।

आप सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। आधार क्या है?
भाजपा संगठन लगातार जनता के बीच कार्यक्रम कर रही है। अभियानों को गति दे रही है। जनता के दुख दर्द में साथ है। पार्टी के नेतृत्व के प्रति लोगों का विश्वास है। जैसा 2014 से ही ऐसा माहौल देखने को मिल रहा है। हमें पूरा विश्वास हम यूपी की सभी सीटें जीतेंगे। मोदी जी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

एक साल की आपकी उपलब्धियां क्या हैं?
भाजपा की सरकार बनने के बाद मिड सेशन में मुझे अवसर मिला। केंद्रीय नेतृत्व के अभियान और कार्यक्रम में यूपी भाजपा देश में नंबर एक पर है। अभी हाल में हुए पीएम के नौ वर्ष पूरे सेवा सुशासन गरीब कल्याण के कार्यक्रम पार्टी ने व्यापक जनसंपर्क चलाया है। चाहे जनता की भागीदारी हो, व्यक्तिगत संपर्क समाजिक आधार पर एकत्रीकरण अभी कार्यक्रमों में हम पहले नंबर पर रहे हैं। अगर राजनीतिक दृष्टि से बात करें तो बड़ा परिणाम नगर निकाय में रहा है। यूपी की करीब वन थर्ड आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। भाजपा का यह परिणाम किसी भी राजनीति दल के लिए आजादी के बाद से सबसे अच्छा परिणाम है। हम सभी नगर निगम जीते आधी नगर पालिका जीते। लगभग 40 फीसद नगर पंचायत जीते। सारे नगर निगमों में भाजपा को बहुमत है। यह बड़ा जनादेश है। हमारे नेतृत्व के प्रति लोगों का विश्वास और कार्यकर्ता की सक्रियता और मेहनत का नतीजा है। अब हमारे सामने लोकसभा चुनाव की चुनौती है। हम अपने कार्यकर्ताओ को काम बांटकर, मोदी जी के रिपोर्ट कार्ड को जनता के सामने लेकर जायेंगे। जनता हमें आशीर्वाद जरूर देगी। पार्टी ने जो कहा है वो हमारी सरकारों ने पूरा किया है।