Vinit Abaha Upadhyay
Ranchi: हजारीबाग में एनटीपीसी के लिए हुए जमीन अधिग्रहण में तीन हजार करोड़ के अनुमानित जमीन-मुआवजा घोटाला की जांच के लिए दायर याचिका पर ED की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है. ED ने अदालत को एफिडेविट के माध्यम से दिए अपने जवाब में कहा है कि एजेंसी इस केस की प्रारंभिक जांच कर सकती है. एनटीपीसी के भूमि मुआवजा घोटाले की जांच के लिए रिटायर्ड IAS देबाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. अन्य दो सदस्यों में एक सेवानिवृत्त जिला और सत्र न्यायाधीश, साथ ही सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव शामिल थे, इनकी रिपोर्ट कभी भी सार्वजनिक नहीं की गई है. इसके अलावे ED ने यह भी कहा है कि राजस्व विभाग के अवर सचिव द्वारा NTPC के सीएमडी को 10.04.2017 को पकरी बरवाडीह, चट्टी-बरियातु और केरेडारी में एनटीपीसी सीमित परियोजनाओं के लिए सरकारी भूमि के अवैध अधिग्रहण और मुआवजे के वितरण में अनियमितताओं से संबंधित पत्र जारी किया गया था.
हाईकोर्ट ने ईडी, सीबीआई और राज्य सरकार से मांगा था जवाब
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी मंटू सोनी की जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. इसमें हाईकोर्ट ने ईडी, सीबीआई और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. बता दें कि हजारीबाग जिले में एनटीपीसी सहित अन्य परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी गैरमजरूआ खास,गैरमजरूआ आम व सार्वजनिक उपयोग के पंचायत भवन,मैदान,तालाब,श्मशान घाट कब्रिस्तान आदि स्थलों का फर्जी कागजात बनाकर सरकारी अधिकारी-कर्मचारी व एनटीपीसी के अधिकारियों से मिलीभगत कर भू-माफियाओं ने मुआवजा ले लिया था. इस पूरे मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी. लेकिन एसआईटी रिपोर्ट पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही वह रिपोर्ट सार्वजनिक हुई. जिसे लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.
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