2017-18 के बाद केंद्रीय सहायता अनुदान और जीएसटी राशि में भी आई भारी कमी
2017-18 में राजस्व संग्रह माइनस सात प्रतिशत था
वित्तीय वर्ष 21-22 में बढ़कर 24 प्रतिशत पर पहुंचा
Kaushal Anand
Ranchi : हेमंत सोरेन सरकार के मौजूदा कार्यकाल में वित्तीय प्रबंधन में पांच वर्ष पूर्व के मुकाबले काफी सुधार आया है. राजस्व संग्रह में हेमंत सरकार ने शानदार उपलब्धि हासिल की है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में जहां राजस्व संग्रहण माइनस सात प्रतिशत था, वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़कर 24 प्रतिशत पर पहुंच गया है. यह बात महालेखाकार (एजी) की वार्षिक रिपोर्ट में किया गया है. उक्त रिपोर्ट विगत 31 मार्च 2022 को जारी की गई थी. वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने सदन में बताया था कि राज्य सरकार के कॉरपस फंड में 1900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड जमा है, जिससे हम 1500 करोड़ रुपये का लोन किसी भी समय लेने में सक्षम हैं.
बता दें कि वर्ष 2017-18 में प्रदेश में रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी. राज्य सरकार का कहना है कि हेमंत सोरेन सरकार को केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के बावजूद राज्य ने वित्तीय क्षेत्र में पूर्ववर्ती सरकार से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है. राजस्व संग्रहण की दिशा में मौजूदा वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव की मेहनत और सरकार की नीतियां काफी कारगर साबित हुई हैं. इसी का परिणाम रहा कि राजस्व संग्रहण में अप्रत्याशित सुधार हुआ.
जीएसटी एवं राज्य के अतिरिक्त संसाधन से जुटाई राशि
11,733 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार ने अपने स्रोतों से जुटाए.
9,557 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2021-22 में जीएसटी के हिस्से के रूप में तहत प्राप्त हुए.
11,733 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार ने अपने स्रोतों से जुटाए.
सरकार की सख्ती का दिखा असर
हेमंत सोरेन सरकार जब सत्ता में आई थी तो उस वक्त प्रदेश में राजस्व संग्रह की स्थिति बेहद खराब थी. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि राजस्व संग्रह माइनस सात प्रतिशत था. सत्ता में आने के बाद वित्त मंत्रालय की कमान अर्थशास्त्र में पारंगत पूर्व आईपीएस अधिकारी रामेश्वर उरांव को सौंपी गई. सरकार की सख्ती और वित्त मंत्री के बेहतर प्रबंधन का असर राजस्व संग्रह में देखने को मिला. लगभग तीन वर्षों में ही राजस्व संग्रह में अभूतपूर्व वृद्धि हुई. साल दर साल राजस्व संग्रह का आंकड़ा बढ़ता गया. पहले वर्ष यह 15 फीसदी पर पहुंचा, दूसरे वर्ष 16 और तीसरे वर्ष 17 फीसदी राजस्व संग्रह हुआ. जो आंकड़ा माइनस सात प्रतिशत पर था वह बढ़कर वर्ष 2021-22 में 24 प्रतिशत पर आ गया. यानि मौजूदा सरकार में राजस्व संग्रह में लगभग 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
केंद्रीय सहायता अनुदान में आई कमी
अगर केंद्रीय सहायता अनुदान प्राप्ति की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारी कमी दर्ज की गई है. वित्तीय वर्ष 2019-20 तक यह उच्चतम 33.21 प्रतिशत थी जो वित्तीय वर्ष 2021-22 में 11.06 प्रतिशत तक घट गई. 2020-21 में केंद्रीय सहायता अनुदान राजस्व प्राप्ति 21.36 प्रतिशत घटकर 2021-22 में 15.30 प्रतिशत रह गया. अगर जीएसटी की बात करें, तो राज्य के ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों के लिए आधारभूत अनुदान में 433 करोड़ रुपये की कमी हुई है. पहले यह अनुदान 1,134 करोड़ रुपये मिलता था. बताते चलें कि हेमंत सरकार दिसंबर 2019 में बनी थी. इसके बाद से ही केंद्रीय सहायता में भी कमी आई है.
वित्तीय प्रबंधन में सुधार और राजस्व संग्रह का लेखा-जोखा (राशि करोड़ रुपये में)
वित्तीय वर्ष
राजस्व संग्रह
प्रतिशत
2017-18
12.553
माइनस सात
2018-19
14.752
15
2019-20
16,771
16
2020-21
16,880
17
2021-22
21,290
24
वित्तीय वर्ष 2021-22 में किस मद से कितनी राशि आई
मद
2021-22 कुल राशि (करोड़ रुपये में)
बिक्री, व्यापार
5,213
एसजीएसटी
9,557
राज्य उत्पाद
1,807
वाहन कर
1,263
मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क
987
भू-राजस्व
1,621
अन्य मद
842
More Stories
मंदिर जा रही 50 साल की महिला के साथ कंकाल, पत्थर से कुचलकर हत्या, शव जंगली कंकाल नोचा
रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव: रायपुर दक्षिण विधानसभा का चुनावी मैदान, वार्डों और बूथों से निकलेगी किले की चाबी
दीवाली की प्रतियोगिता से उजाड़ दिया गया श्रमिक का परिवार, औद्योगिक पुल के नुकसान में नारियल की बाइक सवार, 1 की मौत