कैबिनेट के फैसले के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया संकल्प-अफसर-कर्मियों को वार्षिक 6 हजार ही देना होगा प्रीमियम
Kaushal Anand
Ranchi : राज्य के सभी विधायक, करीब साढ़े चार लाख वर्तमान एवं सेवानिवृत अफसर, कर्मियों और उनके परिजनों को कैशलेश मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा मिलेगी. कैबिनेट में प्रस्ताव को हरि झंडी मिलने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्यवाही करते हुए इसको लेकर संकल्प जारी कर दिया. बतातें चलें कि 2014 में निवर्तमान सरकार ने मेडिकल इंश्योरेंस को लेकर कैबिनेट से प्रस्ताव पारित किया था. मगर बाद में इसे लागू नहीं किया जा सका. . इसकी मांग राज्य सरकार के गजेटेड अफिसर और कर्मी लगातार मांग कर रहे थे और आंदोलित थे. अब जाकर यह स्कीम धरातल पर उतर पायी है. इससे अफसरों और कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है.
पांच लाख तक की ओपीडी एवं चिकित्सीय सुविधा मिलेगी
अब राज्य सरकार के अफसरों, कर्मियों एवं उनके परिजनों को 6 हजार रूपया वार्षिक प्रीमियम पर सालाना पांच लाख तक के ओपीडी और चिकित्सीय सुविधा मिलेगी. वर्तमान में कर्मियों को केवल प्रतिमाह एक हजार रूपया चिकित्सीय भत्ता के तौर मिलता था. जो अब केवल पांच सौ रूपया ही मिलेगा. सरकार स्वास्थ्य बीमा के लिए पांच सौ रूपया इससे ले लेगी.
योजना के प्रमुख बिंदु
राज्य में सेवानिवृत और वर्तमान में कार्यरत करीब 4.50 लाख अफसर और कर्मी हैं. जिसमें 3.60 लाख तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कमी है.
वर्तमान में प्रतिमाह मिल रहा 1 हजार रूपया का चिकित्सा भत्ता के बदले अब केवल 5 सौ रूपया ही मिलेगा. 5 सौ रूपया सरकार इससे लेकर वार्षिक 6 हजार रूपया के हिसाब से नया मेडिकल इंश्योरेंस होगा.
सभी विधायक, राज्य के सभी सेवाओं के कर्मियों, सेवानिवृत कर्मियों एवं उनके परिवार के आश्रित पति, पत्नी, पुत्र, वैध दत्तक पुत्र (बशर्ते उनकी आयु 25 साल तक हो और वे बेरोजगार हों), पुत्री (अविवाहित, विधवा, परित्यक्ता ), नाबालिग भाई, अविवाहित बहन, आश्रित माता-पिता (प्रतिमाह 9 हजार और उस पर ततसमय अनुमान्य महंगाई राहत से कम पेंशन प्राप्त करते हों) आदि इस स्कीम में शामिल होंगे और उन्हें लाभ मिलेगा.
राज्य कर्मियों, सेवानिवृत कर्मियों के दिव्यांग आश्रितों को आजवीन स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा.
योजना को लागू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विधिवत्त चिन्हित गंभीर बीमारियों की चिकित्सा के लिए बीमा कंपनी का चयन किया जाएगा. जल्द ही बीमा कंपनी के चयन के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी.
प्रीमियम भुगतान के लिए स्वास्थ्य विभाग को वर्तमान वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रूपए का फंड उपलब्ध कराया जाएगा.
विशेष परिस्थिति में एयर एंबुलेंस, वायुयान यात्रा की व्यवस्था होगी. जिसका खर्च का वहन झारखंड राज्य अरोग्य समिति के स्तर पर संधारित कॉरपस फंड से किया जाएगा.
राज्य के बाहर चिकित्सका के लिए केवल अफसर-कर्मी और एवं उनके एक सहयोगी को ही यात्रा भत्ता मिलेगा. इस यात्रा के लिए रोड माइलेज, इंसिडेंटल, चार्ज और विश्राम भता देय नहीं होगा.
झारखंड राज्य अरोग्य समिति के द्वारा संलाचित आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन अरोग्य योजना की प्रक्रिया अपनाते हुए राज्य के अंदर और बाहर के अस्पतालों का सूचीकरण, झारखंड सरकारी कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड निर्गत करने, अस्पतालों को समय पर भुगतान करने,सुगम चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने आदि समस्त कार्य इस योजना के तहत किए जाएंगे.
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