क्या कांग्रेस-झामुमो फिर देगी इम्पोर्टेड कैंडिडेट !
Satya Sharan Mishra
Ranchi : 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले धनबाद संसदीय सीट में राजनीति के कई रंग देखने को मिलेंगे। धनबाद में फिलहाल भाजपा का कब्जा है। पीएन सिंह लागातार तीन बार यहां से भाजपा की टिकट पर सांसद बन चुके हैं। वे 2024 में 75 साल के हो जाएंगे। इसलिए इस बार वहां भाजपा का कैंडिडेट बदलना तय है। धनबाद में भाजपा की टिकट से एमपी का चुनाव लड़ने वाले कई चेहरे सामने हैं। सूत्र बताते हैं कि पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा, बोकारो विधायक बिंरची नारायण के अलावा बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो रेस में है। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के नाम भी चर्चा जोरशोर से चल रही है। उधर कांग्रेस और झामुमो के पास कोई मजबूत कैंडिडेट अबतक नजर नहीं आ रहा है। 2019 में कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले कीर्ति आजाद भी एक्टिव नहीं हैं। इससे लग रहा है कि इस बार भी विपक्ष किसी आयातित कैंडिडेट को ही यहां से उतार सकती है।
धनबाद में काम नहीं करता लोकल फैक्टर
धनबाद संसदीय सीट में हुए चुनाव परिणामों में यह बात सामने आई है कि यहां लोकल फैक्टर काम नहीं करता है। दूसरे इलाकों से आकर कई नेता यहां से जीतकर सांसद बनते रहे हैं। भाजपा सरयू राय पर इसलिए भी दाव लगा सकती है क्योंकि सरयू भले ही धनबाद जिले के नहीं हैं, लेकिन कोयलांचल में उनकी अच्छी पकड़ है। दामोदर बचाओ आंदोलन को लेकर उन्होंने इस क्षेत्र में काफी काम किया है। भाजपा के कार्यकर्ताओं से भी उनका संपर्क अच्छा है। दूसरा फैक्टर यह भी है कि धनबाद में राजपूत वोटर्स का भाजपा को सपोर्ट मिलता रहा है। इसलिए भाजपा यहां से पीएन सिंह के बाद राजपूत कैंडिडेट ही खड़ा करना चाहेगी।
6 में 5 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा
धनबाद लोकसभा क्षेत्र के अंदर 6 विधानसभा सीट आते हैं। इनमें से 6 विधानसभा सीट फिलहाल भाजपा के कब्जे में है, जबकि एक सीट कांग्रेस के पास है। 2019 में चंदनकियारी सीट से भाजपा के अमर बाउरी जीते थे। निरसा से अपर्णा सेन गुप्ता, बोकारो से बिरंची नारायण, सिंदरी से इंद्रजीत महतो, धनबाद से राज सिन्हा चुनाव जीते थे। वहीं झरिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस की पूर्णिमा नीरज सिंह ने जीत हासिल की थी। विधानसभावार स्थिति देखें तो धनबाद में भाजपा काफी मजबूत स्थिति में है।
धनबाद लोकसभा सीट पर एक नजर
जनसंख्या- 30,01,429
ग्रामीण आबादी- 38.76%
शहरी आबादी- 61.24%
साक्षरता दर- 75.71%
अनुसूचित जाति की आबादी- 15.83%
अनुसूचित जनजाति की आबादी- 7.72%
2019 में 60.37 फीसदी वोट पड़े थे
2019 में भाजपा का वोटर शेयर 66% था
2019 में कांग्रेस का वोट शेयर 27% था
2019 में भाजपा को मिले थे 8,27,234 वोट
2019 में कांग्रेस को मिले थे 3,41,040 वोट
धनबाद लोकसभा क्षेत्र में झारखंड, बिहार, बंगाल के लोग रहते हैं
धनबाद लोकसभा के अंदर 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं
वर्ष जीती हारी जीत का मार्जिन
2019 भाजपा कांग्रेस 39%
2014 भाजपा कांग्रेस 26%
2009 भाजपा कांग्रेस 7%
2004 कांग्रेस भाजपा 13%
कांग्रेस की परंपरागत सीट पर 1991 में भाजपा ने मारी थी सेंध
धनबाद लोकसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। कांग्रेस यहां से 6 बार चुनाव जीत चुकी है। भाजपा ने 1991 में धनबाद में पहली बार कब्जा जमाया। 1991 से 2019 तक 8 बार यहां से भाजपा चुनाव जीत चुकी है, जबकि 2 बार मासस ने भी यहां चुनाव जीता है। पिछले 4 लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2019 में भाजपा के पीएन सिंह को 8,27,234 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 3,41,040 वोट प्राप्त हुए थे। इससे पहले 2014 में 5,43,491 (48%) वोट लाकर भाजपा से पीएन सिंह चुनाव जीते थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय कुमार दुबे को 2,50,537 (22%) वोट मिले थे। 2009 में भी पीएन सिंह ने 2,60,521 (32%) वोट लाकर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के ददई दुबे उपविजेता रहे थे। उन्हें 2,02,474 (25%) वोट मिले थे। 2004 में कांग्रेस ने धनबाद सीट में कब्जा जमाया था। ददई दुबे ने 3,55,499 (38%) वोट लाकर भाजपा की रीता वर्मा को हराया था।
धनबाद संसदीय सीट से कब कौन जीता
वर्ष पार्टी प्रत्याशी
1952 कांग्रेस पीसी बोस
1957 कांग्रेस पीसी बोस
1962 कांग्रेस पीआर चक्रवर्ती
1967 स्वतंत्र रानी ललिता राज्य लक्ष्मी
1971 कांग्रेस राम नारायण शर्मा
1977 मासस एके रॉय
1980 मासस एके रॉय
1984 कांग्रेस शंकर दयाल सिंह
1989 भाकपा एके रॉय
1991 भाजपा रीता वर्मा
1996 भाजपा रीता वर्मा
1998 भाजपा रीता वर्मा
1999 भाजपा रीता वर्मा
2004 कांग्रेस ददई दुबे
2009 भाजपा पीएन सिंह
2014 भाजपा पीएन सिंह
2019 भाजपा पीएन सिंह
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