3 साल रजिस्ट्रेशन की बाध्यता खत्म
सर्जरी के लिए सरकारी अस्पताल से रेफरल भी अनिवार्य नहीं
Ranchi : आयुष्मान योजना के तहत अब प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को इलाज कराने में परेशानी नहीं होगी. बीते 13 जून को झारखंड स्टेट आयोग्य सोसाइटी के तात्कालीन निदेशक डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने आदेश जारी करते हुए प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत पाबंदिया लगाई थी. इसमें मोतियाबिंग के ऑपरेशन में सरकारी अस्पताल द्वारा रेफरल आवश्यक होगा, जबकि नए प्राइवेट आंख के अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध होने के लिए कम से कम 3 साल का क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत निबंधन होना अनिवार्य किया गया था. वहीं, मरीज को ऑपरेशन के लिए कम से कम 24 घंटे का भर्ती अनिवार्य होगा. भुवनेश प्रताप द्वारा जारी इस आदेश में स्पष्ट लिखा गया था कि वैसे अस्पताल जो भविष्य में केवल आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध होने के लिए खोले जा रहे हैं, उन पर रोक लगाई जा सकेगी.
भर्ती करने की बाध्यता हुई खत्म
इधर, शनिवार को झारखंड स्टेट आरोग्य सोसायटी ने शुद्धि पत्र जारी करते हुए इन तमाम पाबंदियों से छुट दे दी है. शनिवार को जारी पत्र में कहा गया है कि विभागीय मंत्री के पीत पत्र व विभिन्न संस्थानों ने पूर्व के आदेश के कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद कार्यकारी निदेशक द्वारा 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. 25 जुलाई को उक्त समिति की रिपोर्ट पेश होने के बाद सर्जरी के लिए भर्ती मरीज की 24 घंटे भर्ती की अनिवार्यता खत्म कर दी गई. साथ ही सरकारी अस्पतालों से रेफरल की अनिवार्यता को भी पूरी तरह से खत्म कर दी गई है.
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