सेंट्रल लाइब्रेरी की मरम्मत का कार्य अबतक नहीं हुआ शुरू
Ranchi : रांची विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी के बंद होते ही स्टेट लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स की भीड़ बढ़ गई है. स्टूडेंट्स को बैठने की जगह नहीं मिल रही है. कुछ स्टूडेंट्स बाहर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. बता दें कि 13 जून को सेंट्रल लाइब्रेरी के छत का हिस्सा टूटकर गिरने से एक छात्र मंतोष बेदिया की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाइब्रेरी को बंद कर दिया था. भवन की जांच के लिए डीएसडब्ल्यू सुदेश कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की जांच कमिटी बनाई गई थी. जांच की कोई रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी गई है. इस वजह से सेंट्रल लाइब्रेरी की बिल्डिंग की मरम्मत का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है. इससे स्टूडेंट्स को परेशानी हो रही है.
बता दें कि लाइब्रेरी में अलग-अलग जगह से स्टूडेंट्स यहां पढ़ने आते हैं, क्योंकि यह लाइब्रेरी फ्री ऑफ कॉस्ट है. यहां लड़के और लड़कियों के लिए अलग बिल्डिंग उपलब्ध है. स्टेट लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन अमरेंद्र कुमार ने बताय कि सेंट्रल लाइब्रेरी बंद होने से पहले इस लाइब्रेरी में 500 सौ स्टूडेंट आते थे पर अब 800 सौ से अधित स्टूडेंट आते हैं. यहां कुल किताबें 50 से 60 हजार के बीच उपलब्ध है. लाइब्रेरी 9 बजे सुबह से रात 9 बजे तक खुला रहता है.
लाइब्रेरी के स्टूडेंट हर्षित सिंह से बताया कि पहले के मुकाबले अब ज्यादा भीड़ होने लगी है. जगह नहीं होने के कारण कई दिनों तक बाहर ही बैठ कर पढ़ाई की थी. पवन यादव ने बताया कि यहां का नियम है (फस्ट कम फस्ट गेट) जो पहले आया उसे ही बैठने के लिए जगह मिलेगी. इस कारण कभी कभी सीट नहीं मिलती है. जगह की कमी के कारण बाहर बैठकर पढ़ना पड़ता है.
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