-दो अन्य सीट खूंटी और लोहरदगा भी बहुत कम मार्जिन से जीत पायी थी भाजपा, पांच आदिवासी आरक्षित सीट को जीत पाना भाजपा के लिए चुनौती भरा टास्क
Kaushal Anand
Ranchi: झारखंड में गत लोकसभा चुनाव 2019 भाजपा झारखंड की दो अहम आदिवासी सीट राजमहल और चाईबासा हार गयी थी. ये दोनों न केवल एसटी सीट है बल्कि आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यह दोनों सीट किस तरह से भाजपा की झोली में आए. इसके लिए भाजपा आलाकमान पूरी ताकत झोंक दी है. झारखंड की दोनों सीटों पर भाजपा का विशेष फोकस होगा. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर ही चुनावी रणनीति का खाका तैयार किया गया है. राष्ट्रीय महामंत्री विनोद पावड़े के साथ भाजपा के आला नेता इस टीम में शामिल हैं पूरी चुनावी रणनीति की मॉनिटरिंग यह टीम करेगी इसके साथ ही लोकसभा की कमजोर सीटों का कलस्टर बनाया गया है. भाजपा ने ने राजमहल सीट पर केंद्रीय राज्य मंत्री राव साहब दानवे को वहीं चाईबासा सीट पर केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को लगाया है. जबकि खुद अमित शाह दोनों सीटों की खुद मॉनटेरिंग कर रहे हैं.
गत दो लोकसभा चुनाव का चुनाव परिणाम इस प्रकार रहा
वर्ष 2019-राजमहल संसदीय सीट
नाम- कुल मिले मत
विजय हांसदा (झामुमो)-5,07,830
हेमलाल मुर्मू (भाजपा)-4,08,635
2014
नाम- कुल मिले मत
विजय हांसदा (झामुमो)-3,79,507
हेमलाल मुर्मू (भाजपा)-3,38,170
वर्तमान में इस लोकसभा अंतर्गत छह विधानसभा में पांच पर यूपीए का कब्जा
इस लोकसभा अंतगर्त पड़ने वाले छह विधानसभा में से पांच पर यूपीए का कब्जा है. पाकुड़-कांग्रेस, लिट्टीपाड़ा, बरहेट, बोरियो, महेशपुर झामुमो का कब्जा है. जबकि एक सीट राजमहल भाजपा के हिस्से है.
नोट : इस बार हेमलाल मुर्मू झामुमो में शामिल हो चुके हैं, यह भाजपा की सबसे बड़ी चिंता का विषय है.
2019-चाईबासा संसदीय सीट
नाम- कुल मिले मत
गीता कोड़ा (कांग्रेस) -4,31,815
लक्ष्मण गिलुआ (भाजपा)-3,59,660
2014
नाम- कुल मिले मत
लक्ष्मण गिलुआ (भाजपा)-3,03,131
गीता कोड़ा (जेबीएसपी)-2,15,609
इस बार कोड़ा दंपत्ति के भाजपा में जाने की चर्चा जोरो पर हैं. मगर इस चर्चा को खुद मधु कोड़ा ने सिरे खारिज कर दिया है.
नोट : वर्तमान में लोकसभा अंतर्गत सभी छह विधानसभा में यूपीए का कब्जा है .सरायकेला, चाईबासा, मनोहपुर, मंझगांव, चक्रधरपुर सीट पर झामुमो का तो नहीं जगरनाथपुर सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
खूंटी संसदीय सीट बहुत माइनर मार्जिन और विवादों के बीच जीती थी भाजपा
इसमें एक और अहम सीट रहा. खूंटी संसदीय सीट के बारे में सभी जानते हैं कि यहां भाजपा करीब हारकर जीती है. इस सीट पर देर रात तक हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ था. खूंटी सीट पर जीत का मार्जिन 0 प्रतिशत रहा. यही हाल लोहरदगा का रहा है जहां पर भाजपा 1 प्रतिशत की मर्जिन से विजयी हुई थी. दुमका में भी मार्जिन महज 4 प्रतिशत का रही रहा. यानि की आगामी लोकसभा चुनाव में झारखंड के पांच आदिवासी आरक्षित सीट को जीत पाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम होगा.
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