आकार लेने लगा कांटाटोली फ्लाईओवर – Lok Shakti
November 1, 2024

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

आकार लेने लगा कांटाटोली फ्लाईओवर

मंगल टावर के पास फ्लाईओवर पर चढ़ चुके हैं 11 सेग्मेंटल बॉक्स
कोकर-कांटाटोली चौक तक सेग्मेंटल बॉक्स चढ़ाने का काम तेज
44 पिलरों के बीच रखे जाएंगे 486 सेग्मेंटल बॉक्स
खादगढ़ा से बहू बाजार तक 20 पिलरों की कैपिंग बाकी

Ranchi : राजधानी के लोग पिछले 6 साल से कांटाटोली फ्लाईओवर की शक्ल देखने का इंतजार कर रहे हैं. 2018 से 2022 तक फ्लाईओवर का काम कई बार बंद और शुरू होता रहा. इस दौरान लोगों को वहां आधे-अधूरे पिलर से ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था. 6 साल बाद अब जाकर फ्लाईओवर शक्ल लेता दिख रहा है. कोकर शांति आश्रम से बहू बाजार तक बनने वाले इस फ्लाईओवर के सभी 44 पिलर खड़े हो गये हैं. 24 पिलरों की कैपिंग भी कंप्लीट हो चुकी है. खादगढ़ा से बहू बाजार के बीच बचे हुए 20 पीलरों की कैपिंग का काम तेजी से चल रहा है. मंगल टावर से कांटाटोली चौक तक पिलरों उपर लॉचिंग गडर से प्री-कास्ट सेग्मेंटल बॉक्स रखने का काम भी शुरू हो चुका है. यही सेग्मेंटल बॉक्स फ्लाईओवर की सड़क की शक्ल लेते जाएंगे. अबतक 11 सेग्मेंटल बॉक्स अबतक रखे जा चुके हैं. मंगल टावर से कांटोटाली चौक के बीच बचे हुए 6 पिलरों के बीच सेग्मेंटल बॉक्स रखने की तैयारी चल रही है.

2024 में तैयार हो जाएगा फ्लाईओवर

सेग्मेंटल बॉक्स लगने के बाद जल्द ही कांटाटोली चौक से शांति आश्रम तक फ्लाईओवर आकार ले लेगा. 2.24 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर में 44 पिलरों के बीच कुल 486 सेग्मेंटल बॉक्स रखे जाएंगे. 30-30 मीटर की दूरी पर बने पिलरों के बीच 11-11 सेग्मेंटल बॉक्स रखने के बाद इन्हें केबल के जरिये जोड़ा जाएगा. उसके बाद रेलिंग, डिवाइडर, लाइट समेत अन्य काम कंप्लीट किए जाएंगे. कांटाटोली फ्लाईओवर का काम कर रही कंपनी दिनेश अग्रवाल एंड संस को मार्च 2024 तक फ्लाईओवर को कंप्लीट करने का डेडलाइन दिया गया है. कंपनी ने जनवरी तक ही इसे कंप्लीट करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है.

198 करोड़ रुपये की है योजना

198 करोड़ रुपये की लागत से यह फ्लाईओवर तैयार हो रहा है. पूर्व सीएम रघुवर दास के कार्यकाल में 2016 में कांटाटोली फ्लाईओवर का काम कराने का निर्णय लिया गया था. 2017 में टेंडर निकला. 2018 में काम शुरू, लेकिन काम लेने वाले मोदी कंस्ट्रक्शन ने सिर्फ 19 पिलर भी बनाए. लंबे समय तक काम बंद रहा. 2022 में दोबारा फ्लाईओवर बनाने की योजना बनी. फ्लाईओर की लंबाई 1.25 किलोमीटर से बढ़ाकर 2.24 किमी की गई. टेंडर निकाला गया और काम दिनेश अग्रवाल एंड संस को मिला. शुरुआत में इस कंपनी को भी अतिक्रमण समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन जुडको और प्रशासन के सहयोग से सारी अड़चनें दूर होती गईं और अब फ्लाईओवर आकार लेने लगा है.

इसे भी पढ़ें – खूंटी SP हुए हाईकोर्ट में हाजिर, कोर्ट ने दिया गवाही जल्द पूरा कराने का निर्देश