विधानसभा में विधि निर्माण की प्रक्रिया एवं कार्यपालिका का दायित्व विषय पर प्रशिक्षण संपन्न
Ranchi : झारखंड विधानसभा में बुधवार को विधि निर्माण की प्रक्रिया एवं कार्यपालिका का दायित्व विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने प्रशिक्षुओं और विशेषज्ञ अतिथियों को प्रमाणपत्र दिया. कहा कि विधायिका और कार्यपालिका के बीच समन्वय बहुत ही जरूरी है, क्योंकि विधायिका कानून बनाती है, लेकिन इसको अमल में कार्यपालिका ही लाती है. इस प्रशिक्षण से दोनों के बीच और ज्यादा समन्वय स्थापित होगा, क्योंकि कार्यपालिका विधायिका की सहयोगी है. सदन में मंत्रीगण जो उत्तर देते हैं, उसे अधिकारी ही तैयार करते हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है. कहा कि इस तरह का आयोजन पहली बार हुआ है और आगे भी ऐसे प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होता रहेगा. उन्होंने अधिकारियों को शुभकामना देते हुए कहा कि कम समय में तमाम विषयों का अध्ययन हुआ और व्यस्तता के बीच सभी अधिकारी आये, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं.
इंदुगम ने संसदीय विशेषाधिकार पर चर्चा की
तीन दिनों तक चली इस कार्यशाला में लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य, लोकसभा के पूर्व अपर सचिव देवेंद्र सिंह ओसवाल, आईआईपीए के सुरेंद्र लाल त्रिपाठी, पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के चक्षु राय और लोकसभा की उपसचिव मिरांडा इंदुगम के अलावा झारखंड विधानसभा के संयुक्त सचिव मिथिलेश मिश्र और मधुकर भारद्वाज ने अपने व्याख्यान दिए. कार्यशाला के अंतिम दिन सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने विधायिका और कार्यपालिका के बीच समन्वय, चक्षु राय ने विधि निर्माण की प्रक्रिया के पुनर्स्थापन और मिरांडा इंदुगम ने संसदीय विशेषाधिकार पर चर्चा की. मिथिलेश मिश्र ने सदन की समिति की व्यवस्था से प्रशिक्षुओं को अवगत कराया.
हर दिन कुछ नया सीखने काे होता है- सुनील सिंह
कार्यशाला के अनुभव को साझा करते हुए उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव सुनील सिंह ने कहा कि मनुष्य के लिए हर दिन कुछ नया सीखने काे होता है. किसी को अगर भ्रम है कि वह सब कुछ जानता है, तो ये गलत है. इस शिविर में आकर उन्हें कई नयी जानकारियां मिलीं. इस तरह का आयोजन पहली बार हुआ है, जिसके लिए वे आभार प्रकट करते हैं.
कई जिज्ञासाएं शांत हुईं- विजय कुमार भगत
स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव ध्रुव प्रसाद ने कहा कि इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए. कई वक्ताओं ने अंग्रेजी में अपने व्याख्यान दिये. अगर वे हिंदी में देते, तो ज्यादा उपयोगी होता. ग्रामीण कार्य विभाग के उप सचिव विजय कुमार भगत ने कहा कि 3 दिनों का यह प्रशिक्षण शिविर काफी प्रेरक रहा. इससे विधि निर्माण की प्रक्रिया में सरलता आएगी. यहां आकर कई जिज्ञासाएं शांत हुईं. इस प्रशिक्षण कार्यशाला में भारतीय प्रशासनिक सेवा,राज्य प्रशासनिक सेवा और सचिवालय संवर्ग के पदाधिकारियों ने भाग लिया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी सचिव सैयद जावेद हैदर ने किया.
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