Ranchi : पॉक्सो एक्ट के मामले में पुलिस कार्रवाई तो करती है लेकिन कई मामलों मे सजा नहीं दिलवा पाती. जिसकी सबसे बड़ी वजह पुख्ता और सटीक अनुसंधान का न होना है. यही कारण है कि दोषी कोर्ट से बरी हो जाते हैं. इसको देखते हुए पॉक्सो एक्ट में बेहतर अनुसंधान कैसे हो और कैसे दोषियों को सजा दिलाई जाये. इसको लेकर झारखंड अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) का चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है. आज सोमवार को कार्यक्रम के दूसरे डीजीपी अजय कुमार सिंह पहुंचे और इस मामले से संबंधित कई जानकारी दी.
28 जून तक अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय में चलेगा कार्यक्रम
बता दें कि पोक्सो एक्ट को लेकर आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 25 जून से शुरू होकर 28 जून तक चलेगा. अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय होटवार में चल रहे कार्यशाला को कारगर बनाने के लिए इसमें न सिर्फ पुलिस बल्कि सीडब्ल्यूसी, डॉक्टर्स और एनजीओ को भी जोड़ा गया है. ताकि जांच की बारीकियों और अनुसंधान के तरीकों को समझा जा सके.
कार्यशाला मे कुल 95 प्रतिभागी हो रहे हैं शामिल
इस कार्यशाला मे कुल 95 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं. जिन्हें कोर्ट प्रोसेस के बारे में जानकारी दी जायेगी. इसके साथ ही फॉरेंसिक और मेडिकल जांच के बारे में जानकारी दी जायेगी. इसमें मुख्यतः विक्टिम कंपनसेशन, पॉक्सो एक्ट 2020 बायोलॉजिकल एविडेंस, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, पॉस्को केस के जांच के लिए एसओपी, डीएनए, फिंगरप्रिंट सीडब्ल्यूसी की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण तथ्यों पर चर्चा होगी. इन सबका का एक मात्र उद्देश्य है कि कैसे अनुसंधान को बेहतर बनाया जाये.
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