- 10-Jun-2023
उज्जैन,१० जून । उज्जैन की चंद्रभागा या इस तरह की वर्षाजलित नदियों को पुनर्जीवित करना ठीक वैसा है, जैसा पुरखों को लौटा लाना। देश में ऐसी वर्षाजनित और भी कई नदियां हैं, जिन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। देश में इकोनोमी के साथ इकोलोजी का भी ध्यान रखना होगा। मध्य प्रदेश इस क्षेत्र में अच्छा कार्य करता दिख रहा है। ये बातें पद्मभूषण से सम्मानित पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कही। वे गत दिवस शिप्रा-चंद्रभागा पुनर्मिलन नदी महोत्सव यात्रा में शामिल हुए। यात्रा मोहनुपरा स्थित चंद्रभागा नदी के उद्गम स्थल से शुरु होगी। बता दें, चंद्रभागा मोक्षदायिनी शिप्रा की सहायक नदी है। पर्यावरण के लिए कौन से बुनियादी कार्य करने की आवश्यकता है, इस प्रश्न के उत्तर में डॉ. जोशी ने कहा कि हम सभी को प्रकृति के विज्ञान को समझना होगा। कितना अजीब है कि दुनियाभर के विज्ञानी मंगल, चंद्रमा पर पानी खोज रहे हैं और अपनी धरती पर खत्म हो रहे पानी की चिंता नहीं कर रहे हैं। बार-बार कहता हूं कि इकोनॉमी के साथ इकोलोजी भी मजबूत होगी।
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