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रांचीः लो वोल्टेज समस्या को लेकर पेयजल विभाग और JB

रूक्का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और बूटी जलागार में विगत कई दिनों से लो-वोल्टेज की समस्या
वाटर सप्लाई हो रही है प्रभावित

Kaushal Anand

Ranchi: शहर के सबसे बड़े क्षेत्र में वाटर सप्लाई करने वाले रूक्का डैम वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और बूटी जलशोधन केंद्र में विगत कई दिनों से लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है. इसे लेकर पेयजल विभाग के इंजीनियर ने बताया कि कई बार जेबीवीएनएल के अफसरों से पत्राचार, मौखिक रूप से बातचीत हुई. मगर इसका समाधान अब तक नहीं निकला है. इसके कारण विगत कई दिनों से शहर में अनियमित एवं आंशिक वाटर सप्लाई की स्थिति बनी हुई है. जनता परेशान-बेहाल है. शहर के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर लोगों को पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है. कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां एक बूंद भी पानी नहीं मिल पा रही है.

शहर के इन क्षेत्रों में नहीं पहुंच पाता पर्याप्त पानी

शहर के मधुकम, किशोरगंज, आनंद नगर, कैलाश नगर, कुम्हार टोली, हरमू रोड, पुरानी रांची, मेन रोड, लालपुर, चुटिया, बहु बाजार, रातू रोड, पिस्का मोड आदि इलाके में जलमीनार तक पर्याप्त पानी बूटी से नहीं आने के कारण फुल प्रेशर से पानी नहीं मिल पाता है. इसके कारण शहर के इन ड्राई जोन वाले इलाके में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है.

पेयजल विभाग के अनुसार क्या है समस्या

पेयजल विभाग रूक्का डिविजन के मेकेनिकल कार्यपालक अभियंता प्रदीप भगत ने बताया कि फुल लोड का दावा केवल जेबीवीएनएल के अफसर करते रहते हैं. मगर सच्चाई कुछ और ही है. उन्होंने बताया कि 33 केवीए के बदले 31, 33.5, 32.00 केवीए का वोल्टेज मिल रहा है. प्लांट में 630 एचपी के तीन मोटर चलते हैं. जिससे बूटी जलागार को पानी भेजा जाता है. मगर 11 केवीए के बदले 10, 9.5 केवीए वोल्टेज मिल रहा है. इसके कारण मोटर फुल रेंज में नहीं चल पा रहा है. इसके कारण बूटी जलागार को पर्याप्त पानी नहीं भेजा जा सका रहा है. इसका परिणाम हो रहा है कि आम जनता को फुल प्रेशर में पानी नहीं मिल पा रहा है. दूरी में बसे लोंगो तक बहुत या नहीं के बराबर पानी भेजा जा रहा है. उन्होंने जेबीवीएनएल के तर्क को पूरी तरह से खारिज कर दिया. कहा कि जहां तक टैप चेंज करने या अर्थिंग की बात है तो खुद जेबीवीएनएल के इंजीनियर आकर सारा कुछ देख चुके हैं. 24 घंटे अर्थिंग की मॉनेटरिग होती है. टैप चेंज भी किया जा चुका है.

भगत ने बताया कि जेबीवीएनएल को पेयजल को प्राथमिकता के आधार लेना चाहिए. उसके पास कई विकल्प हैं सिकिदिरी, नामकुृम, हटिया और कांके ग्रिड. कहीं से भी पीक ऑवर में बिजली फुल लोड और फुल वोल्टेज पर दिया जा सकता है.

जेबीवीएनएल का तर्क

जेबीवीएनएल के ईस्ट डिविजन ईई राजेश मंडल ने कहा कि रूक्का और बूटी को फुल लोड पर ग्रिड से बिजली दी जा रही है. पेयजल विभाग के अपनी समस्या है. सीधे 33 केवीए ग्रिड से रूक्का को बिजली दी जाती है. 32.5 केवीए वोल्टेज ग्रिड इंड से दिया जाता है. रूक्का की अपनी समस्या के कारण वोल्टेज ड्रॉप होता है. लोड 10 एमीए तक है. वोल्टेज इ्ंप्रुव करने के लिए वहां पर टैप को चेंज करना चाहिए. हमारे अधीक्षण अभियंता वहां का निरीक्षण करके जरूरी दिशा-निर्देश दे चुके हैं. अर्थिंग भी चेंज करना चाहिए. उसके पावर ट्रांसफार्मर का टैप चेंज करने की जरूरत है. फिर भी हम एक दूसरे से संपर्क स्थापित करके समस्या का हल करने का प्रयास करेंगे.