कोरोना के मामले में प्रदेश के चार महानगरों में ग्वालियर सबसे बेहतर स्थिति में है। यहां संक्रमित मरीज कम मिलने के साथ ही मौतें भी केवल चार हुई हैं। इसमें प्रशासन, मेडिकल कॉलेज एवं स्वास्थ्य विभाग का सीपीएफ का फार्मूला असरकारक साबित हुआ है। प्रदेश में केवल ग्वालियर एकमात्र जिला है, जहां पर नाइट कोल्ड ओपीडी संचालित हो रही है। अब तक रात में करीब 2900 मरीजों का चेकअप किया गया है। वहीं जिले में कोरोना को फैलने से रोकने में फीवर क्लीनिक एवं पूल सैंपलिंग का भी अहम रोल रहा है।
ग्वालियर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब तक 351 है, जबकि चार मौतें हुई है। वहीं इंदौर में अब तक 4615, भोपाल में 2967 एवं जबलपुर में 392 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। ग्वालियर में कोरोना को रोकने के लिए प्रशासन, जीआर मेडिकल कॉलेज एवं स्वास्थ्य विभाग ने सीपीएफ के फार्मूले पर काम किया है।
मेडिकल कॉलेज में कोल्ड ओपीडी का संचालन होने से मरीजों की भीड़ नहीं लगी, जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों में संक्रमण का खतरा कम रहा है। वहीं फीवर क्लीनिक शुरू करने से कोल्ड ओपीडी एवं सामान्य बुखार के मरीजों को अलग कर दिया गया।
जबकि जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में मरीज मिले, वहां पूल सैंपलिंग कराकर तत्काल कोरोना पर काबू पाया गया। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में ग्वालियर की सबसे बेहतर स्थिति रही है। विशेष रूप से नाइट कोल्ड ओपीडी के संचालन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह एवं जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ एसएन अयंगर की तारीफ भी की है।
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