मुख्य न्यायाधीश एके मित्त्ल और न्यायाधीश वीके शुक्ला की संयुक्त पीठ ने याचिका की सुनवाई की। मामले में सिविल लाइन निवासी दीपक ग्रोवर और रिज रोड निवासी अनिल सैनी की तरफ से याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया था कि सेना ने दोनों तरफ से रिज रोड को आम व्यक्ति के लिए बंद कर दिया है।
रिज रोड का उपयोग शुरू से आम लोग विश्वविद्यालय, हवाईअड्डे और सिविल लाइन, सदर आने-जाने के लिए करते थे। पहले यह रोड रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक आम व्यक्ति के लिए बंद किया गया था। कोरोना संक्रमण के कारण मार्च माह से आम लाेगों के लिए बंद कर दिया गया। इसके बाद सेना ने इसे खोला ही नहीं।
लॉकडाउन के दौरान बंद कर दिया था, उसके बाद नहीं खोला
मामले में पैरवी करते हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि दिन के समय लॉकडाउन समाप्त होने के बावजूद उक्त रोड आम लोगों के लिए नहीं खोली गया है। मार्ग पर बीएसएनएल का टेनिंग सेंटर है, जो एशिया का सबसे बड़ा है। इसके अलावा धर्मशास्त्र लॉ यूर्निवर्सिटी भी है।
रिज रोड को आपात स्थितियों में बंद करती थी सेना
सेना इमरजेंसी और विशेष परिस्थितियों में आम लोगों के लिए रिज रोड पर आवाजाही बंद करती रही है, लेकिन ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होने के बाद भी रिज रोड सेना ने बंद कर दी है। याचिका की सुनवाई करते हुए संयुक्त पीठ ने रक्षा मंत्रालय, आर्मी हैडक्वार्टर, डिफेंस ईस्टेट ऑफिसर समेत अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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