Saurav Singh
Ranchi : केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए दी जा रही सहायता राशि का उपयोग झारखंड में पूरी तरह से नहीं हो रहा है. इसकी वजह से आवंटित धनराशि की तुलना में राज्य को प्रतिवर्ष काफी कम धनराशि केंद्र द्वारा दी जा रही है. केंद्र सरकार का कहना है कि पुलिस आधुनिकीकरण के लिए जो राशि आवंटित की जाती है, उसका उपयोग प्रमाण-पत्र न मिल पाने की वजह से जारी राशि कम होती है. यह जानकारी लोकसभा में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय द्वारा दी गई है. कम राशि मिलने की वजह हर बार जो आवंटन हुआ, उसका उपयोग राज्य द्वारा नहीं किया गया. उपयोग प्रमाण-पत्र मिलने पर ही केंद्र अगली किश्त जारी करता है.
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केंद्र से मिला मॉर्डनाइजेशन रकम खर्च नहीं कर पा रही सरकार
केंद्र से मिला मॉर्डनाइजेशन का पैसा भी सरकार खर्च नहीं कर पा रही है. साल 2019-20 में केंद्र के द्वारा झारखंड सरकार को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 9.21 करोड़ आवंटित किए थे और इसके विरुद्ध 7.08 करोड़ रूपया जारी हुआ था. लेकिन झारखंड सरकार सिर्फ 2.71 करोड़ रूपया खर्च कर पाई. वहीं साल 2020-21 और साल 2021-22 में केंद्र सरकार के द्वारा झारखंड को 9.21 करोड़ रूपया आवंटित किया गया था. लेकिन आवंटन के विरुद्ध धनराशि जारी नहीं की जा सकी, क्योंकि झारखंड के पास पर्याप्त पिछले साल की शेष राशि थी, जिसे खर्च नहीं किया जा सका था. वहीं साल 2022-23 में केंद्र सरकार के द्वारा झारखंड को 11.87 करोड़ रूपया आवंटित किया गया है और इसके विरुद्ध 2.96 करोड़ रूपया जारी किया गया है.
पुलिस आधुनिकीकरण योजना काफी महत्वपूर्ण है
पुलिस आधुनिकीकरण योजना काफी महत्वपूर्ण है. मौजूदा चुनौतियों के मद्देनजर पुलिस बलों को AK47 राइफल, यूएवी, नाइट विजन डिवाइस, सीसीटीवी कैमरे, बॉडी योर्न कैमरे सहित कई अन्य खुफिया उपकरण आधुनिकीकरण योजना के तहत उपलब्ध कराए जाते हैं. साइबर, फॉरेंसिक, यातायात पुलिस व्यवस्था के लिए अत्याधुनिक उपकरणों और संचार उपकरण की व्यवस्था भी योजना में की जाती है. इसके अलावा नक्सल प्रभावित इलाकों में निर्माण व ऑपरेशनल वाहनों के प्रस्ताव शामिल करने की छूट भी राज्यों को दी गई है. पुलिस आधुनिकीकरण योजना का मकसद पुलिस बलों को अपराध व आतंक से लड़ने में सक्षम स्मार्ट बल बनाना और उनकी जरूरतों को पूरा करना है. लेकिन राज्य अपने प्रस्ताव के बावजूद कई बार खर्च में ढिलाई करते हैं. इसकी वजह से उन्हें जो पैसा मिलना चाहिए वह नहीं मिलता.
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