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पाक और आईएसआई की उपज अमृतपाल

इन दिनों पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है लेकिन उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई नापाक इरादों से बाज नहीं आ रही है। पंजाब में उग्र अमृतपाल सिंह उसी की ही उपज है। सामना कर रहे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्लान की ही उपज अमृतपाल सिंह थी।

आईएसआई अब भारत में युवाओं का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में कर रही है। इसी कड़ी में उसने पंजाब में अमृतपाल के रूप में नया प्रयोग किया है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि अमृतपाल की आईएसआई के एजेंटों से मुलाकात दुबई में हुई। आंखों के इलाज के दौरान पहली बार अमृतपाल आईएसआई के गुर्गों से मिला। इन एजेंटों में कुछ पाकिस्तान में रह रहे खालिस्तान समर्थक भी हैं। दरअसल, उन्होंने भांप लिया था कि अगर अमृतपाल का इस्तेमाल किया तो अच्छा फायदा हो सकता है।

आईएसआई अमृतपाल से पहले आंतकी रिंदा और अर्शदीप सिंह डल्ला का भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है लेकिन उनके माध्यम से वह सीधे लोगों तक नहीं पहुंच पा रही थी।  इस बीच अमृतपाल सिंह को तैयार किया गया। जॉर्जिया में आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग भी दी गई। इसके बाद उसे दुबई के रास्ते भारत भेजा गया।

इसके बाद अमृतपाल जींस, टी-शर्ट को छोड़ धार्मिक पहनावा पहनने लगा। उसे विदेश से फंडिंग भी मिल रही थी। पिछले साल यानी 2022 के अगस्त महीने में अमृतपाल भारत आया। इसके बाद उसने दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे की कमान संभाली। इसके बाद वह अपने कार्यक्रमों में भड़काऊ भाषण देने लगा और देखते-देखते उसके समर्थकों की संख्या बढऩे लगी।

अमृतपाल की हर हरकत पर केंद्र की खुफिया एजेंसियों की निगाहें थीं। चार महीने पहले ही उस पर कार्रवाई को कहा था। इसके अलावा दिल्ली में सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (ष्ठत्रक्क) की बैठक में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने अमृतपाल सिंह के मामले को गंभीरता से उठाया था। फरवरी महीने में उसके समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था। वहीं एक साथी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। साथी को छुड़वाने के खातिर अमृतपाल ने भीड़ के साथ अजनाला थाने पर हमला किया था। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी। इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ एक्शन की रणनीति बनाई थी।