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स्टारडम की ‘भीड़’ में असली खड़े की अदाकार, नेचुरल एक्टिंग से कुछ प्रतिशत रूबरू करने वाले पंकज कपूर की ये

Pankaj Kapur 5 Best Movies: छोटा कद मगर बड़ा! हर दौर में स्टारडम की दौड़ के बीच कुछ ऐसे एक्टर होते हैं, हर रोज पावरफुल और नैचुरल एक्टिंग सब पर भारी पड़ती है। ऐसा ही नाम है पंकज कपूर। पंकज कपूर दशकों से अपनी आमद के लिए फैन्स के जरिए एक अलग जगह रखते हैं। उन्होंने यह साबित किया कि अभिनय के लिए सिक्स पैक एब्स की ट्रेन नहीं होती है। अगर आपका इनसाइड टैलेंट है तो आप कुछ भी कर सकते हैं और रियल एक्टिंग के लिए बॉडी, फेस, कद-काठी कुछ खास जबरदस्त नहीं है।

पंकज कपूर उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं जो सिर्फ अपने टैलेंट पर भरोसा रखते हैं और टैलेंट के दम पर ही आगे बढ़ते हैं। हर किरदार में आसानी से फिट होने की कला पंकज कपूर से बेहतर कौन जानता है। पंकज कपूर ऑफिस ऑफिस, करमचंद, जबान हैंडल के जैसे शोज से अपनी छाप छोड़ चुके हैं।

राउंड और जॉनर कोई भी हो एक अच्छी फिल्म के लिए दो चीजें सबसे जरूरी होती हैं और वो हैं एक तो अच्छी स्टोरीलाइन और दूसरे स्टार्स की दिल में उतरने वाली नैचुरल एक्टिंग। पंकज ने अपने अभिनय से हर पीढ़ी को प्रभावित किया है। अब वो अनुभव सिन्हा की फिल्म ‘भीड़’ में नजर आने वाले हैं। ऐसे में हम आपको पंकज कपूर की सबसे अच्छी 5 फिल्मों के बारे में बता रहे हैं, सच में कॉन्सेप्ट आपको एक बार सोचने पर जरूर मजबूर कर देगा।





रूई का बोझ
हमारे बड़े-बुजुर्गों को हमेशा एक संयुक्त परिवार की इच्छा होती है। लेकिन जब घर में कलह बढ़ रहा है तो उनका पास एक ही ऑप्शन बचता है और वो बंटवारा करता है। ‘रूई का बदन’ न केवल इसी मुद्दे पर बात करती है बल्कि बंटवारा होने के बाद एक बुजुर्ग के घर में क्या अस्तित्व रहता है उसे भी बखूबी नज़र आता है।

बात फिल्म की करें तो पंकज कपूर इस फिल्म में तीन बेटों के पिता बन गए हैं। घर में आगे बढ़ते-लड़ते झटकों को देखते हुए वो बंटवारा करते हैं और खुद तीसरे (सबसे) बेटे के साथ छोटे रहते हैं। जैसे-जैसे दिन संचार होते हैं और उनकी उम्र बढ़ती जाती है तो कैसे जीवन की कहानी और लगभग हमारे देश के हर परिवार की लापरवाही है ये देखते हुए काफी दिल को छू लेने वाला है।

इस फिल्म में एक्ट्रेस रीमा लागू ने पंकज कपूर की छोटी बहू का रोल किया है और रघुवीर यादव ने छोटे बेटे का रोल किया है।

कमला की मौत
इस फिल्म में एक परिवार की कहानी सामने आई है, जिसमें मां-बाप और उनकी दो बेटियां हैं। फिल्म में एक दिन पड़ोस की एक लड़की कमला खुदकुशी कर लेती है, जिसके बाद उस परिवार के सभी लोग अपने किए हुए कर्मों को याद करते हैं। सभी को तनाव होता है कि किस तरह कमला को अपने कर्मों के कारण सुसाइड किए, उनमें से कुछ भी तो कुछ कम नहीं समझते।

इस फिल्म में पंकज कपूर के अलावा फिल्मी सितारे, आशुतोष गोवारिकर, सुप्रिया पाठक और फिल्मी सितारे हैं।

डॉक्टर की मौत
इस फिल्म में एक डॉक्टर की वर्दी दिखाई दी है। फिल्म पंकज कपूर डॉक्टर की बीमारी की कहानी हैं, जो कुष्ठ की वैक्सीन की खोज करते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग में उनके वरिष्ठ अधिकारी उन्हें थपथपा देते हैं और उनके किसी दूर गांव में लोकेशन दे देते हैं। फिल्म में शबाना आजमी फीमेल लीड में हैं। अभिनेता इरफान खान भी इसमें अहम रोल प्ले करते हैं। फिल्म को तपन सिन्हा ने डायरेक्ट किया है।

एक रुका हुआ फैसला
ये एक क्लासिक फिल्म है। इसे बासु चटर्जी ने बनाया है। फिल्म में एक मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लिया गया है, लेकिन इसमें सबसे दिलचस्प हिस्सा है जो ये है कि पूरी फिल्म एक ही कमरे में शूट की गई है। इस फिल्म में पंकज कपूर के अलावा अन्नू कपूर, दीपक काजिर, के रैना, अमिताभ श्रीवास्तव जैसे कलाकार भी मुख्य भूमिका में हैं।

धर्म
इस फिल्म में पंकज कपूर पंडित चतुर्वेदी की भूमिका में हैं। वहीं सुप्रिया पाठक अपनी पत्नी के रोल में हैं. जैसा कि नाम से ही साफ है फिल्म की कहानी पूरी तरह से धर्म के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी में तब आता है जब पंडित चतुर्वेदी की पत्नी और बेटी का एक अनाम छोटा बच्चा घर लेकर आता है। मगर पंडित चतुर्वेदी इसके खिलाफ होते हैं। हालांकि, समय के साथ वो खुद भी बच्चे से जुड़ जाते हैं, लेकिन उन्हें झटका तब लगता है जब उन्हें बच्चे के धर्म के बारे में पता चलता है।

फिल्म में पंकज त्रिपाठी, ऋषिता भट्ट, दया शंकर पांडे जैसे अभिनेता भी अहम रोल में हैं। फिल्म को भावना स्वॉर्डर ने बनाया है।

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