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Man Infertility: पुरुष में बांझपन के लिए मां या पिता कौन जिम्मेदार? स्टडी में सामने आई बड़ी बात

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अभिषेक कुमार झा, वाराणसी: आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म विक्की डोनर (Vicky Donor) तो आपने देखी ही होगी। फिल्म में एक सीन है, जब आयुष्मान खुराना और अभिनेत्री यामी गौतम के बीच विवाद चल रहा होता है। यामी गौतम अपना जांच कराने के बाद आयुष्मान खुराना पर आरोप लगाती है कि तुमने अपनी फर्टिलिटी (Fertility) की जांच क्यों नहीं करवाई उस समय यह भेद खुलता है कि आयुष्मान खुराना एक स्पर्म डोनर रहा है इसलिए उसे जांच कराने की जरूरत नहीं है। आम तौर पर समाज में महिला को ही निःसंतान होने का दंश झेलना पड़ता है और बांझ शब्द का उलाहना झेलना पड़ता है। चिकित्सा विज्ञान के शोध के बाद ये बात भी सामने आई की पुरुषों में भी बांझपन होता है।

बांझ पुरुषों के लिए गए हजार सैंपल
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देश के प्रख्यात जिन वैज्ञानिकों का एक सेमिनार चल रहा है। इस समय नार में सीसीएमबी के प्रख्यात जीव वैज्ञानिक प्रोफेसर के थंगराज भी अपना शोध कार्य प्रस्तुत करने के लिए वाराणसी पहुंचे हैं। प्रोफ़ेसर थंगराज के शोध के मुताबिक 1000 से ज्यादा बाज पुरुषों के सैंपल की टेस्टिंग ये बात सामने आई है।

पुरुषों के अंदर बच्चा पैदा करने का जींस जिसे वैज्ञानिक भाषा में माइटोकांड्रियल डीएनए कहते हैं वह मां की तरफ से बच्चे में ट्रांसफर होता है लेकिन 9 सैंपल में इस माइटोकांड्रियल डीएनए का ट्रांसफर नहीं देखा गया है। अतः हम इस नतीजे पर पहुंच सकते हैं कि पुरूषों में बांझपन कई एक बड़ी वजह मां के द्वारा माइटोकांड्रियल डीएनए का बच्चे में ट्रांसफर नहीं होना है।

पुरुषो में बढ़ रहा है बांझपन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रख्यात जी वैज्ञानिक और सेमिनार के आयोजक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि समाज में आमतौर पर बांझपन के लिए परिवार की बहु को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। लगातार शोध के बाद यह पता चल रहा है कि पुरुषों में भी बांझपन की समस्या बढ़ती जा रही है। उसकी वजह जानने के लिए प्रोफ़ेसर थंगराज ने यह शोध किया है उन्होंने अपना रिसर्च वर्क आज सेमिनार में दिखाया और यह पता चला कि पुरुषों में बांझपन की एक बड़ी समस्या माता की तरफ से ट्रांसफर होने वाले जींस के वजह से हो रही है।