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मुजफ्फरनगर के दो पूर्व सांसद होली बाद करेंगे हाथी की सवारी! कादिर राणा और राजपाल सैनी पर टिकीं नजरें

मुजफ्फरनगर: उत्‍तर प्रदेश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मुजफ्फरनगर में सियासत के सितारों ने अपनी चाल बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा आम हुई है कि पूर्व सांसद कादिर राणा और राजपाल सैनी होली के बाद हाथी की सवारी कर सकते हैं। हालांकि, दोनों ही नेताओं ने बसपा में शामिल होने सबंधी खबर से इनकार किया है। कादिर राणा इस समय सपा में और राजपाल सैनी रालोद में सक्रिय हैं।

मौजूदा विपक्षी राजनीति की बात करें तो पूर्व सांसद कादिर राणा और पूर्व सांसद राजपाल सैनी उसके अहम किरदार माने जा सकते हैं। मुस्लिम वर्ग की सियासत में कादिर राणा ने 1993 में सपा के टिकट पर सदर विधानसभा क्षेत्र से हार के बावजूद सर्वाधिक वोट लेकर अपने आप को स्थापित किया। उसके बाद भाजपा सरकार के दौरान सपा के टिकट पर स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव जीत कर उच्च सदन में प्रवेश किया। उन्होंने बसपा के टिकट पर 2008-9 में मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि इससे पहले वह मोरना सीट से चुनाव जीतकर विधायक भी बन चुके थे। लेकिन 2013 दंगे के बाद बदले सियासी हालात कादिर राणा के लिए मुफीद साबित नहीं हुए। 2014 लोकसभा चुनाव में वह हार गए। 2017 विधानसभा चुनाव में भी उनकी पत्नी सईदा बेगम को बुढाना सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। 2019 लोकसभा चुनाव और 2022 विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से कादिर राणा की सियासत को झटका लगा।

जनता दल के समय राजनीति में स्थापित हुए थे सैनी
मुजफ्फरनगर की सियासत में राजपाल सैनी का किरदार भी अहम है। देश में जनता दल गठबंधन की सरकार बनी तो जनपद स्तर पर राजपाल सैनी पार्टी के कद्दावर नेता माने गए। जनता दल से लेकर सपा और बसपा तक का सफर तय किया। इस दौरान राजपाल सैनी मोरना से विधायक चुने गए तो उन्हें बसपा की सरकार में मंत्री पद भी मिला। बसपा प्रमुख मायावती ने राजपाल सैनी पर विश्वास जताते हुए उन्हें राज्यसभा भी भेजा। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बसपा छोड़ सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। बदले सियासी घटनाक्रम के तहत राजपाल सैनी ने खतौली सीट पर रालोद के टिकट पर 2022 विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे।

दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी में जताई आस्था
पूर्व सांसद कादिर राणा का कहना है कि वह सपा में सक्रिय हैं और पार्टी अध्यक्ष की ओर से उन्हें लोकसभा चुनाव में बिजनौर सीट से टिकट दिए जाने का आश्वासन मिला है। जबकि राजपाल सैनी का कहना है कि वह रालोद के समर्पित सिपाही हैं।