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Umesh Pal Murder: गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच बेधड़क बना रही थी वीडियो, पीले सूट वाली वो लड़की कौन थी?

प्रयागराज: उमेश पाल मर्डर केस में हर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। हमलावरों की धरपकड़ में जुटी एसटीएफ को अब एक पीले सूट वाली लड़की की तलाश है। 24 फरवरी को सुलेमसराय इलाके में सड़क पर जब शूटर उमेश पाल और उनके गनर पर दिनदहाड़े गोलियां बरसा रहे थे, उसी दौरान यह लड़की दूर खड़ी होकर पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना रही थी। गोलियों की गूंज और बम धमाकों के बीच देखते ही देखते वहां पूरी सड़क खाली हो गई थी। राहगीर अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर दुबक गए थे लेकिन इस लड़की को बिल्‍कुल डर नहीं लगा। सामने आए वीडियो में वह निडर खड़ी दिख रही है।

एक दिन पहले जब चकिया मोहल्‍ले में अतीक अहमद के खास गुर्गे जफर अहमद का आलीशान मकान ढहाया जा रहा था, उस दौरान भी एक लड़की खड़ी होकर वीडियो बना रही थी। जैसे ही पुलिस की नजर उस पर पड़ी और उससे पूछताछ करने की कोशिश की गई तो वह तत्‍काल स्‍कूटी से भाग निकली। एसटीएफ को शक है कि हो न हो, यह वही पीले सूट वाली लड़की है जो उमेश पाल हत्‍याकांड का वीडियो बना रही थी। कहा जा रहा है कि यह लड़की किसी लाइव एप के माध्‍यम से जेल में बंद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लाइव टेलिकास्‍ट दिखा रही थी।
अतीक अहमद को सता रहा एनकाउंटर का डर?
आपको बता दें कि अतीक अहमद ने खुद को साबरमती जेल से प्रयागराज ट्रांसफर किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अहमद को पुलिस एनकाउंटर में अपनी जान को खतरा होने की आशंका है। अहमद ने एक दलील में कहा कि कुछ स्थानीय नेताओं ने उमेश पाल की हत्या की साजिश रची थी। उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी, जिसमें अतीक अहमद की पत्नी, चारों बेटों और भाई को मात्र संदेह के आरोप में फंसाया गया है।

याचिका में आगे कहा गया है कि याचिकाकर्ता का उमेश पाल को मारने का कोई मकसद नहीं है, क्योंकि सुनवाई अगले महीने समाप्त होने जा रही है और अदालत दलीलें पूरी होने के बाद मामले का फैसला करेगी। अहमद ने कहा कि वह लगातार पांच बार विधायक और एक बार निर्वाचित सांसद थे। उन्होंने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार में कुछ नेता उनकी पत्नी को बहुजन समाज पार्टी में शामिल करने और मेयर के चुनाव में बसपा उम्मीदवार के रूप में उनका नाम स्वीकार नहीं कर सकते, जैसा कि वे स्थानीय निकाय चुनाव और 2024 के आगामी आम चुनाव में भी अपने भाग्य को जानते हैं।

उमेश पाल की हत्‍या के बाद विपक्ष ने आग में घी डाला: अतीक अहमद
याचिका में कहा गया है, उमेश पाल की हत्या के बाद विपक्ष ने आग में घी डाला। उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह कहने के लिए उकसाया कि वह माफिया (मुझे) माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा को खत्म कर देंगे, क्योंकि याचिकाकर्ता सदन में बहस का मुख्य विषय। आगे कहा गया है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस बयान से कुछ पुलिस अधिकारियों की कुटिल योजना को बल मिला है जो याचिकाकर्ता के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के हाथों में खेल रहे हैं। वे जेल से अदालत के बीच पारगमन में याचिकाकर्ता और उसके भाई को खत्म करने की योजना बना रहे हैं। पिछले तीन साल में यूपी पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश में इस तरह की कुछ घटनाएं हुई हैं।