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जिस पुल पर दो साल से ट्रक बैैन, मरम्मत करके बरसात में उसी का उपयोग

लॉकडाउन खुलने के साथ ही तेलघानी नाका ओवरब्रिज पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। यह पुल जर्जर हो गया है, इसलिए इसपर भारी वाहनों की आवाजाही पर दो साल से रोक है। ट्रैफिक प्रेशर और कमजोर पुल की स्थिति को देखकर अब इसकी मरम्मत शुरू कर दी गई है। 
बरसात में कोई हादसा ना हो जाए, इसलिए आनन-फानन में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सबसे पहले पुल के जर्जर रेलिंग को तोड़कर यहां दीवार खड़ी कर रहा है। इसके बाद फुटपाथ और खराब हो चुके पैच की मरम्मत होगी। ब्रिज को सुधारने में विभाग करीब 40 लाख रुपए खर्च करेगा। कमजोर हो चुके पुल को सुधारने का काम यूं ही नहीं किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू तेलघानी नाका में बन रहे ओवरब्रिज व अंडरब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे थे। पुल की हालत देखकर मंत्री दंग रह गए। कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने भी मंत्री को विभाग की लापरवाही के बारे में बताया। इसके बाद माैके पर ही अफसरों को फटकार लगाई और तुरंत ब्रिज के जर्जर हिस्से की मरम्मत करने का निर्देश दिया। इसके बाद ही अफसरों ने पुल की मरम्मत शुरू करने के निर्देश दिए।

दरारें पड़ी हैं पुराने पुल पर इसलिए बना रहे थे नया
पिछली सरकार ने तेलघानी नाका में नए ओवरब्रिज को बनाने की मंजूरी दी थी। लेकिन काम शुरू होने के तीन महीने बाद ही इसे रोकना पड़ा। नए ओवरब्रिज का काम सालभर से ठप है, लेकिन विभाग के किसी अफसर ने जर्जर पुल पर किसी हादसे के बारे में नहीं सोचा और ना ही इसकी मरम्मत का प्लान बनाया। 32 साल पुराने इस रेलवे ओवरब्रिज के पिलरों में दरारें पड़ गई हैं। खतरे की आशंका को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने कलेक्टर व राज्य शासन को इस पुल के बारे में बताया। इसके ही रेलवे ने इस ब्रिज पर भार वाहनों को बैन किया और पिलर को मजबूत रखने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। 

नए ओवरब्रिज के लिए सालभर का इंतजार
तेलघानीनाका में नया ओवरब्रिज बनाया जा रहा है, लेकिन सालभर से इसका काम अधूरा है। नए ब्रिज की सुविधा मिलने में अभी सालभर से अधिक का वक्त लग सकता है। ब्रिज के लिए अनिवार्य भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की गई है।