Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Aligarh News: एडीए में सीलिंग की जमीनों का तैयार होगा डिजिटल रिकार्ड, गायब नहीं होंगे अभिलेख

डिजिटल
– फोटो : iStock

विस्तार

सरकारी कार्यालयों से आए दिन राजस्व एवं संपित्तयों के अभिलेखों के गायब हो जाने अथवा क्षतिग्रस्त हो जाने की शिकायतें मिलती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सभी विकास प्राधिकरणों में सीलिंग की जमीनों का डिजिटल रिकार्ड तैयार कराने का निर्णय लिया है। 

इसमें अलीगढ़ एडीए के पास कुल 247 मामले सीलिंग की जमीनों से जुड़े हुए हैं। यह वर्ष1999 के बाद स्थानांतरित किए गए हैं। इनमें से भी करीब 100 से भी अधिक अभिलेखों से जुड़ी फाइलें गायब हो चुकी हैं। इनका प्राधिकरण मे किसी तरह का कोई रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं हैं। 

करीब 24 साल पहले वर्ष 1999 में अंतिम बार शहरी सीलिंग कराई गई थी। इसमें सरकार की ओर से अधिकतम दो हजार वर्गमीटर प्रति परिवार के हिसाब से मानक तय किए थे। इससे अधिक जमीन सीलिंग में सरकार के पास चली गई थी। कुछ लोगों ने इस नियम से छूट पाने को सीलिंग में आने वाली जमीन का अपने रिश्तेदार, नातेदारों के नाम बैनामा करा दिया था। शहर में करीब 15 लाख वर्ग मीटर यानी 115 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार के हिस्से में आयी थी। सीलिंग के बाद इस जमीन को राजस्व अभिलेखों में जिला प्रशासन के नाम दर्ज कर दिया गया था। इस जमीन में से करीब 40 हेक्टेयर जमीन एडीए के हिस्से आयी थी। 

सीलिंग में मिली इस जमीन को एडीए को पार्क आदि बनाने के साथ ही अन्य योजनाएं में उपयोग करना था, लेकिन अफसरों की शिथिलता के चलते इनका कोई रिकार्ड नहीं रखा जा सका । इसके बाद सीलिंग की इन जमीनों पर अवैध कब्जे हो गए अथवा कोर्ट केस के रूप में दर्ज हो गए। इनमें 35 मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। सीलिंग की इस जमीन को प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन को कब्जा लेने के निर्देश दिए थे, लेकिन कागजों में तो पालन दिखा दिया गया, लेकिन इनका वास्तविक अनुपालन नहीं हो सका। 

एडीए के नाम जो भी सीलिंग से जुड़ी जमीनें हैं उनका रिकार्ड डिजिटिलाइज्ड किया जाएगा। इसकी शासन स्तर से मूल पत्रावलियां मंगवायी जा रही हैं। -अतुल वत्स, उपाध्यक्ष एडीए