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10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा पर शिक्षाविदों ने कहा, बच्चे टेंशन फ्री स्टडी करें

Ranchi: इस समय ज्यादातर बच्चे सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तैयारी में व्यस्त हैं. यह समय परीक्षार्थियों के लिए बहुत ज्यादा महत्व रखता है. ऐसे ही समय में बच्चे परीक्षा में ज्यादा अंक कैसे लाएं, किस विषय की तैयारी कैसे करें, इसे लेकर चिंतित हो जाते हैं और दबाव में आ जाते हैं. जिसका नतीजा यह होता है कि परीक्षा नजदीक आते ही वे बीमार पड़ने लगते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कि इन परीक्षाओं में बिना किसी दबाव के कैसे अच्छे अंक लाए जा सकते हैं, इसे लेकर राज्य के अलग अलग स्कूल और अन्य शिक्षण संस्थाओं के प्रिंसिपल, शिक्षकों से बात करने पर उन्होंने कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं. जिसमें ज्यादातर शिक्षाविदों ने टेंशन फ्री स्टडी की सलाह दी है.

परीक्षा की तैयारी के जरूरी 5 टिप्स
सही टाइम टेबल : पढ़ाई का सबसे अच्छा तरीका है कि टाइम टेबल बनाएं, और यह पहले ही तय कर लें कि आपको कब, क्या और कितना पढ़ना है . चाहें तो हर आधे या एक घंटे में 10 से 15 मिनट का ब्रेक लें. इससे दोबारा जब पढ़ाई करने बैठेंगे तो बेहतर तरीके से पढ़ पाएंगे. एक ही बार में ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की कोशिश न करें. पहले कठिन विषयों का अध्ययन कर लें उसके बाद आसान चीजों को पढ़ें. धीरे-धीरे पढ़ाई के घंटों को बढ़ाएं लेकिन बीच में ब्रेक जरूरी लें. अगर टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई होगी तो सभी विषयों पर बराबर ध्यान दे पाएंगे.
पर्याप्त नींद : अक्सर परीक्षा और पढ़ाई के दबाव के चलते बच्चे पर्याप्त नींद नहीं लेते, वे देर रात तक तो पढ़ाई करते ही हैं, सुबह भी पढ़ाई के लिए जल्दी उठ जाते हैं जिससे पर्याप्त नींद नहीं हो पाती. जिससे दिमाग सुस्त और उसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है. दिमाग तभी ठीक से काम करेगा जब उसे पर्याप्त आराम मिलेगा.
खान-पान : ज्यादातर बच्चे पढ़ाई के दौरान खाने-पीने पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते, लेकिन इस समय उन्हें पोषण की आवश्यकता अधिक होती है. बच्चों को हरी सब्जियां, ड्रायफ्रूट्स, जूस, दूध आदि लेना चाहिए और एक ही बार में ज्यादा खाने के बजाए थोड़ा-थोड़ा खाएं. ज्यादा मिर्च मसाले, तली हुई चीजों और फास्ट फूड से दूर रहें.
शारीरिक व्यायाम : चाहे सुबह की सैर हो, योगा या फिर घर में ही कोई व्यायाम करना हो. मानसिक स्वास्थ्य के लिए शरीर को चुस्त-दुरूस्थ रखना भी बेहद जरूरी है. इससे दिमाग को ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचती है, रक्तसंचार बेहतर होता है और वह तेजी से काम करता है. शरीर स्वस्थ्य रहने से पढ़ाई में भी मन लगता है. पढ़ाई के वक्त थकावट महसूस नहीं होती है. शारीरिक व्यायाम से भूख भी लगती है. साथ ही भोजन के पचने में मदद मिलती है.
मनोरंजन : सिर्फ पढ़ाई करते रहने से दिमाग बोझिल हो सकता है. उसे रिफ्रेश करने के लिए मनोरंजन भी बेहद जरूरी है. चाहें तो घर पर ही कुछ फनी करें या फिर कुछ देर दोस्तों के साथ जाकर खेलकर या अन्य कार्य करके मूड को रिफ्रेश करें. परीक्षा के दिन नजदीक आते ही, तनाव होना स्वभाविक है. लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप न केवल परीक्षा की बेहती तैयारी कर सकते हैं साथ ही तनाव को भी दूर कर सकते हैं.
चंद्रदीप पांडेयवस्तुनिष्ठ प्रश्नों को लेकर अच्छी तरह प्रैक्टिस कर लें  

चंद्रदीप पांडेय (प्रधानाध्यापक, पीपुल्स एकेडमी हाई स्कूल, जमशेदपुर) का कहना है कि जहां तक परीक्षा की तैयारी का प्रश्न है, तो बच्चे अभी रणनीति के तहत तैयारी या रीविजन करें. उनका पहला लक्ष्य कम से कम उत्तीर्णता का अंक प्राप्त करना होना चाहिए. प्रश्नपत्र में इतने वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं कि बच्चे उत्तीर्णता अंक हासिल कर लें. अतः वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को लेकर अच्छी तरह प्रैक्टिस कर लें. साथ ही सब्जेक्टिव प्रश्नों का सवाल है, तो इसमें विकल्प भी होते हैं. अतः इसमें बच्चे अपनी सुविधा के अनुसार प्रश्नोत्तर को दोहरा लें. इसके अलावा मॉडल प्रश्न के आधार पर प्रैक्टिस करें. बाजार में भी प्रश्नपत्र उपलब्ध हैं, उनसे भी मार्गदर्शन लिया जा सकता है.

हिमांशु दुबेकम से कम 6 घंटे रोज पढ़ें ,सभी विषयों का रिवीजन करें

एस्कॉट पब्लिक स्कूल के शिक्षक हिमांशु दुबे ने कहा कि बच्चों को कम से कम 6 घंटे रोज पढ़ना चाहिए. सारे सब्जेक्ट का प्रत्येक दिन रिवीजन करें. रिवीजन करने से बच्चों के दिमाग में सारी बातें घुमती रहती हैं. उसकी मदद से वह एमसीक्यू आसानी से कर सकते हैं. बच्चे इस वक्त हो सके तो घर पर समय दे. टीचर के कांटेक्ट में रहे और अभिभावकों से मेरा अनुरोध है कि बच्चों के लिए घर पर एक पॉजिटिव वातावरण तैयार करके रखे. पॉजिटिव वातावरण में बच्चों की तैयारी अच्छी हो जाती है. सबसे ज्यादा लाभदायक बच्चों के लिए सैंपल पेपर हैं तो बच्चे से जितना हो सके उतना सैंपल पेपर सॉल्व करें. टाइम मैनेजमेंट का जरूर ध्यान रखें. बिना टाइम मैनेजमेंट के बच्चे अच्छे प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे.

सुमन कुमारीमाता-पिता भी देखें कि उनका बच्चा पढ़ रहा है कि नहीं  

सुमन कुमारी ( हरिजन हाई स्कूल, भालूबासा, जमशेदपुर) कहते हैं कि कई बच्चे ऐसे होते हैं, जो स्कूल के अलावा घर में पढ़ाई करते ही नहीं हैं. ऐसे में विशेष कर जब परीक्षा नजदीक आ रही है, तो कम से कम माता-पिता को भी जागरूक होना होगा. उन्हें भी देखना होगा कि उनका बच्चा पढ़ रहा है या नहीं. हालांकि प्री बोर्ड के बाद बच्चों को स्कूल में बुला कर रीविजन कराया जा रहा है. डाउट क्लीयर किया जा रहा है. किसी भी बोर्ड के बच्चे हों, योजनाबद्ध तरीके से रीविजन करें. आजकल बच्चों के लिए ऑनलाइन स्टडी की भी सुविधा उपलब्ध है. यू-ट्यूब पर हर बोर्ड के बच्चे के लिए हर विषय के प्रश्नों का हल मौजूद है. अच्छी तरह समझाया भी जाता है.

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फ्रांसिस जोसेफअब नये सिरे से तैयारी करने का समय नहीं है 

फ्रांसिस जोसेफ (प्राचार्य, काशीडीह हाई स्कूल, जमशेदपुर) का कहना है कि परीक्षा का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. ऐसे में बच्चों के पास अब नये सिरे से तैयारी करने का समय नहीं है. सीबीएसई बोर्ड की बात करें, तो पिछले शुक्रवार को ही बोर्ड ने दूसरा टेस्ट पेपर लांच किया है. बच्चे अच्छी तरह से टेस्ट पेपर के आधार पर प्रैक्टिस करें. सेल्फ स्टडी पर ध्यान दें. परीक्षा का तनाव बिल्कुल न लें और सेहत का ख्याल रखते हुए अच्छी डाइट व अच्छी नींद लें. इसके अलावा एक अहम बात यह है कि परीक्षा के दौरान प्रश्नों का जो भी उत्तर लिखें उसमें की-वर्ड्स का प्रयोग करें और उसे अंडरलाइन करें. इससे अच्छे अंक अर्जित कर सकेंगे.

मंजू सिन्हासोशल मीडिया के दूर रहें. टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें 

मंजू सिन्हा (अपग्रेडेड जमशेदपुर बालिका विद्यालय, साकची, जमशेदपुर) कहती हैं कि परीक्षा शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं. अतः विषयवार रीविजन जरूरी है. योजनाबद्ध तरीके से रीविजन करना नितांत आवश्यक है. सोशल मीडिया के एकदम दूर रहें. टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें. इसके साथ ही विद्यार्थियों को चाहिए कि वे सबसे पहले यह देखें कि वे किस विषय में कमजोर हैं. एक शिड्यूल बना कर वे उस विषय के सवालों का अच्छी तरह रीविजन करें. उसके साथ ही योजनाबद्ध तरीके से अन्य विषयों का भी रीविजन करते रहें. प्रश्नोत्तर को रिवाइज करने के साथ ही लिखने की प्रैक्टिस भी जरूरी है. क्योंकि परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट काफी अहमियत रखता है.

हेल्दी डाइट लेने से बच्चों का मन फ्रेश होता है : कृष्ण कुमार नंदन

रामगढ़ के गुरु नानक पब्लिक स्कूल के समाजिक विज्ञान और इतिहास के शिक्षक कृष्ण कुमार नंदन कहते हैं कि परीक्षा के समय देखा जाता है कि बच्चे बहुत स्ट्रेस में आ जाते हैं पढ़ाई को लेकर बच्चे रात भर जागते हैं और सुबह जब परीक्षा लिखते हैं तो प्रश्नों का उत्तर नहीं लिख पाते हैं . इसलिए बच्चों को सबसे जरूरी चीज है कि परीक्षा के समय नींद अच्छे ले और हेल्दी डाइट पर ध्यान दें हेल्दी डाइट लेने से बच्चों का मन फ्रेश होता है . बच्चों को पढ़ाई के समय कुछ क्षणों के लिए ब्रेक लेना चाहिए लगातार नहीं पढ़ना चाहिए . परिवार के सदस्य या दोस्तों के साथ बातचीत करते रहना चाहिए . अभिभावकों को भी ध्यान में रखना चाहिए कि उस समय बच्चों से बात करते रहे.

एनसीईआरटी की किताबों पर ध्यान देना चाहिए : हरमीत कौर

रामगढ़ की अर्थशास्त्र की शिक्षिका हरमीत कौर कहती हैं कि 12वीं में अर्थशास्त्र विषय की तैयारी को लेकर बच्चों को सबसे पहले एनसीईआरटी किताबों पर ध्यान देना चाहिए . ऐसा देखा जाता है कि बच्चे प्राइवेट पब्लिकेशन के पीछे भागते हैं और वे एनसीईआरटी की तरफ ध्यान नहीं देते हैं . बच्चों को 12वीं अर्थशास्त्र में माइक्रो इकोनॉमिक्स की तैयारी के लिए संदीप गर्ग की किताब से डिटेल में स्टडी करते हैं तो बच्चों को वहां से बहुत ही इजी कंटेंट प्राप्त होंगे बच्चों को अच्छे नंबर लाने के लिए डिटेल में पढ़ाई करना चाहिए. जिससे वे हर तरीके के प्रश्नों का उत्तर लिख अच्छे नंबर ला सकते हैं . अपनी तैयारी में हर दिन एक पेपर के साथ एक चेप्टर को पकड़ कर डिटेल स्टडी कर के महत्वपूर्ण नोट्स बनाये.

कैलाश रवानीसमय कम है टाइम मैनेजमेंट के साथ करें पढ़ाई 

धनबाद के द्वारिका मेमोरियल फाउंडेशन एकेडमी के मैथ्स के शिक्षक कैलाश बताते हैं कि विद्यार्थियों को अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई शुरू कर देनी चाहिए. बचे हुए समय में टाइम मैनेजमेंट के अनुसार पढ़ाई रिजल्ट में सुधार करेगा. इसलिए विद्यार्थियों को पढ़ाई टाइम मैनेजमेंट के साथ शुरू कर देनी चाहिए. मैथ्स के जिन टॉपिक्स को विद्यार्थियों ने अब तक नहीं पढ़ा है उन्हें छोड़कर उन टॉपिक पर विशेष फोकस करें, जिसकी पढ़ाई उन्होंने की है. उसे रिवाइज करें. परीक्षा के अंतिम समय में केवल रिवीजन पर ध्यान दें और अपना स्वास्थ्य अच्छा रखें, ताकि परीक्षा में अपनी क्षमता का 100 प्रतिशत प्रदर्शन कर सकें.

सोनू पंडितरोजना पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र सॉल्व करने का अभ्यास करें

धनबाद के अभ्यास क्लासेस में गणित के शिक्षक सोनू पंडित बताते हैं कि परीक्षा में अब कम समय बचा है. विद्यार्थी सैंपल पेपर बनाने पर फोकस करें. मैथ्स मार्क्स ओरिएंटेड सब्जेक्ट हैं. इसलिए 100 में 100 अंक प्राप्त हो सकता है, जिससे ओवरऑल रिजल्ट अच्छा होगा. इसके लिए पिछले कुछ वर्षों के प्रश्नों को सॉल्व करें. मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन को सॉल्व करना अपने रूटीन में शामिल करें. रूटीन बनाकर टाइम मैनेजमेंट के साथ पढ़ाई करें. परीक्षा को लेकर बहुत ज्यादा प्रेशर ना लें. ज्यादा स्ट्रेस लेने से मानसिक तनाव होगा, जिसका तैयारी पर बुरा असर पड़ेगा और खुद का ही नुकसान होगा.

रवि कुमारगणित के सूत्रों को कंठस्थ कर लेने की जरुरत 

कोडरमा शिव तारा सरस्वती विद्या मंदिर के गणित शिक्षक रवि कुमार का कहना है कि सभी प्रश्नों के उत्तर समय सीमा के अंदर देने की कोशिश करें . साथ ही छात्र सभी प्रश्न कई कई बार अभ्यास करें. छात्रों को गणित विषय के सूत्रों की समझ हो, इसके लिए सभी सूत्रों को कंठस्थ कर लेने की जरुरत है. गणित विषय अभ्यास की वस्तु है . इस कारण इस विषय का अभ्यास ज्यादा करना चाहिए.

अरुण कुमारप्रश्नों के उत्तर समय सीमा के अंदर देने की कोशिश करें  

कोडरमा से शिवतारा सरस्वती विद्या मंदिर के अंग्रेजी विषय के शिक्षक अरुण कुमार ने बताया कि अंग्रेजी विषय को छात्र कठिन विषय समझते हैं इसलिए उन्हें अंग्रेजी के सुलभ तरीके से प्रश्नों के उत्तर देने के लिए कई टिप्स दिए गए हैं. छात्र प्रत्येक प्रश्नों के उत्तर समय सीमा के अंदर देने की कोशिश करें. जिस विषय में कठिनाई हो उसमें विशेष फोकस करें. छात्र को जहां भी परेशानी हो वे अपने शिक्षकों से संपर्क करें.

बबलू कुमारसमय सीमा के अंदर प्रैक्टिस करना चाहिए 

कोडरमा से शिवतारा सरस्वती विद्या मंदिर के विज्ञान विषय के शिक्षक बबलू कुमार ने बताया कि विज्ञान विषय में छात्रों को समय सीमा के अंदर प्रैक्टिस सेट उपलब्ध कराकर उन्हें प्रैक्टिस करना चाहिए. छात्रों को केमिस्ट्री और फिजिक्स के सूत्रों को याद कर लेना चाहिए. इससे प्रश्नों को जल्द हल करने में सहूलियत होती है. साथ ही अच्छे मार्क्स भी आते हैं. परीक्षा देते समय छात्र समय सीमा का ख्याल रखें.

मनोज कुमारप्रश्नों को समय सीमा के अंदर हल करने की कोशिश करें 

कोडरमा से कैलाश राय सरस्वती विद्या मंदिर के सामाजिक अध्ययन के शिक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि परीक्षा हॉल में प्रश्नों को पढ़कर उत्तर देने की कोशिश करें छात्र वही उत्तर को घर में समय सीमा के अंदर हल करने की कोशिश करें. प्रश्नों को अच्छी तरह से पढ़े और तय सीमा के अंदर ही उसके उत्तर लिखें. विषय वार प्रश्नों के उत्तर को समझें.साथ ही ध्यान रहे कि सभी विष्यों की तैयारी करनी है, उसी तरह प्लान बनाए.

अब रिवीजन के साथ डिस्कशन करना जरुरी : मिंकू कुमार

आरसी मिशन रेसिडेंसियल स्कूल के निदेशक मिंकू कुमार कहते हैं कि डिस्कशन और रिवीजन दोनों जरूरी है. अब नया अध्याय उठाने से लाभ नहीं मिलनेवाला है. अब तक पढ़े हुए अध्याय का रिवीजन करें और कंटेंट के लिए आपस में सहपाठियों के साथ डिस्कशन करें. कोशिश करें कि परीक्षा में उत्तर गलत न हो. अच्छा स्कोर उठाने का प्रयास करें. इसके लिए यह भी ध्यान रहे कि सभी विषयों की पढ़ाई करें ताकि अच्छे मार्क्स आ सके.

छात्र अपने ऊपर परीक्षा का तनाव हावी नहीं होने दें : धीरेंद्र कुमार

नेशनल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य धीरेंद्र कुमार ने कहा कि परीक्षा में आत्मविश्ववास बनाए रखें. परीक्षा का तनाव खुद पर हावी नहीं होने दें. अगर आपने वर्षभर ईमानदारी से पढ़ाई की है, तो आपको स्कोरिंग में कोई परेशानी नहीं होगी. बस रिवीजन और अभ्यास करते रहें. यही आपको बेहतर सफलता दिलाएगी. यह परीक्षा से पूर्व सभी विषयों का रिवीजन करना जरुरी है. इसके अलावा विद्यार्थी अपने खानपान और स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें.

रूपा वर्मासमय कम है, परीक्षार्थी अब रिवीजन पर ध्यान दें

हजारीबाग के बिहारी बालिका गर्ल्स हाई स्कूल की प्रभारी प्राचार्य और गृह विज्ञान की शिक्षिक रूपा वर्मा हैं कि परीक्षार्थी अब रिवीजन पर ध्यान दें. लिखने का निरंतर अभ्यास करें. मॉडल प्रश्न लेकर उसका उत्तर समय पर लिखने की प्रैक्टिस करें. परीक्षा का तनाव नहीं लें. सहज और सरल तरीके से परीक्षा की तैयारी में लगे रहें. कंटेंट पर ज्यादा ध्यान दें. अपना आत्मविश्वास बनाए रखें. परीक्षा केन्द्र में मन शांत रख्रें और प्रश्नों को हल करें.

रेणु कुमारीजीव विज्ञान में सचित्र वर्णन के प्रश्नों पर पकड़ बनाएं 

हजारीबाग के जीव विज्ञान की शिक्षिका रेणु कुमारी ने कहा कि जीव विज्ञान के लिए सचित्र वर्णन के प्रश्नों पर पकड़ बनाएं. इसमें पूरी स्कोरिंग की उम्मीद रहती है. चित्र सही बनाएं और साफ-सुथरे तरीके से उसे नामांकित करें. जन्तु और पादप दोनों विज्ञान पर समान ध्यान दें. विद्यार्थियों को सलाह दी कि जीव विज्ञान को भारी नहीं समझें और न ही इस सब्जेक्ट को हल्के में लें. ऑब्जेक्टिव पर पकड़ बनाए रखें.

जीतेंद्र कुमारसमय कम है,छात्र परीक्षा तक अभ्यास करते रहें 

हजारीबाग के अंग्रेजी के शिक्षक जीतेंद्र कुमार कहते हैं कि मॉडल प्रश्न पत्र को आधार बनाते हुए परीक्षा तक नियमित अभ्यास करते रहें. एनसीइआरटी पुस्तक का अध्ययन करें. ऑब्जेक्टिव प्रश्न सही हल करने के लिए विस्तार से अध्ययन की जरूरत है. अब समय नहीं है, इसलिए जो पार्ट छूट रहा हो, उस पर सरसरी निगाह जरूर डालें. ग्रामर पर ध्यान दें और पैसेज पर पकड़ बनाएं.पढ़े हुए विषयों का रोज रिवीजन भी जरुरी है.

सादिक हुसैनउर्दू में हर सब्जेक्ट पर ध्यान दें, लिखने का अभ्यास करें  

हजारीबाग के उर्दू के शिक्षक सादिक हुसैन कहते हैं कि उर्दू में हर सब्जेक्ट पर ध्यान दें. खासकर लिखने का निरंतर अभ्यास करते रहें. उतना ही लिखें, जितना प्रश्न किया गया है. इसके लिए डिस्कशन और रिवीजन दोनों जरूरी है. अब नया अध्याय उठाने से लाभ नहीं मिलनेवाला है. अब तक पढ़े हुए अध्याय का रिवीजन करें और कंटेंट के लिए आपस में सहपाठियों के साथ डिस्कशन करें. यह सब काम बिना किसी दबाव के करें.

ममता कुमारीपरीक्षा को लेकर अपना कंसेप्ट क्लियर रखें 

हजारीबाग के सामाजिक विज्ञान की शिक्षिका ममता कुमारी कहती हैं कि परीक्षा में अपना कंसेप्ट क्लियर रखें. किसी प्रश्न में उलझें नहीं. सटीक और तार्किक तरीके से उसका उत्तर लिखें. परीक्षा में आत्मविश्ववास बनाए रखें. परीक्षा का तनाव खुद पर हावी नहीं होने दें. अगर आपने वर्षभर ईमानदारी से पढ़ाई की है, तो आपको स्कोरिंग में कोई परेशानी नहीं होगी. इस समय कोई स्ट्रैच लेने की जरुरत नहीं है.शांत मन से काम करें.

मो. निजाउद्दीनविद्यार्थी अब बचे समय का सदुपयोग करें 

गिरिडीह के किरण पब्लिक स्कूल के शिक्षक मो. निजाउद्दीन का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए विद्यार्थियों के पास अब समय कम है. इसलिए वे सभी विषयों की रिवीजन शुरू कर दें. साथ ही अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें. जो पढ़ें हैं उसी को दोहराए.सभी काम शांत मन से करें. खानपान पर भी ध्यान दें. रात को अच्छी नींद लें. रात जागकर पढ़ने की जरुरत नहीं है. परीक्षा केन्द्र में अपना मन शांत रखें और प्रश्न हल करें.

दिलीप सिंहबचे समय का सदुपयोग करें  

गिरिडीह के बीएनएस डीएवी पब्लिक स्कूल के शिक्षक दिलीप सिंह का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा है कि समय का सही सदुपयोग करें. समय को फालतू कार्यों में खर्च नहीं कर अध्ययन में लगाए. प्रश्नों के हल करने का फॉर्मूला बताया गया है.

योगेश्वर शर्माजरूरी चैप्टर का रिवीजन करें

गिरिडीह के बीएनएस डीएवी के शिक्षक योगेश्वर शर्मा ने कहा है कि अब समय बहुत कम है. विद्यार्थी जरुरी चैप्टरों का रिवीजन करें.साथ ही टाइम टेबल का ध्यान रखें. सभी विषयों की पढ़ाई समय निर्धारित कर करें. समय अब कम होने के कारण कोई नई चीज शुरू न करें. जो पढ़े हैं उसका रिवीजन करना जरुरी है.

संध्या सिंहअब समय है पूरे कोर्स का अच्छी तरह रिवीजन करे  

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के प्रिंसिपल संध्या सिंह ने कहा कि बच्चे आखरी समय में अपने पूरे कोर्स का अच्छे से रिवीजन कर ले. टीचर द्वारा बताए गए सवाल को बार-बार रिवीजन करें. सैंपल पेपर को समय निर्धारित करके प्रैक्टिस करें. इस बार की परीक्षा में एमसीक्यू भी आने वाले हैं. इसलिए एमसीक्यू पर भी ध्य़ान देना है. अभिवावक लगातार बच्चों के साथ संपर्क में रहें और उनका उत्साह बढ़ाते रहेंगें तो बच्चे अच्छा प्रदर्शन करेंगे. जो विषय पूरी तरह से कंप्लीट हो चुकी है, उस पर फोकस करें. नई चीजें पढने पर बिल्कुल ध्यान न दें. एग्जाम के दौरान जो 15 मिनट पहले सवाल पढ़ने में मिलता है. उसका सदुपयोग जरूर करें. प्रश्नों को शांत दिमाग से पढ़ें, नर्वस होने की जरूरत नहीं है.

शिवव्रत दासटाइम मैनेजमेंट बहुत बड़ा फैक्टर है, इसका ध्यान रहे 

कैंब्रियन स्कूल के शिक्षक शिवव्रत दास ने कहा कि बच्चे अपने सिलेबस का पैटर्न अच्छे से समझ ले, ताकि जब वह सैंपल पेपर सॉल्व करें तो उन्हें अंदाजा हो किस सिलेबस के पोर्शन से कितने सवाल पूछे जाते हैं. टाइम मैनेजमेंट एक बहुत बड़ा फैक्टर है जिसे बच्चों को ध्यान रखना चाहिए. टाइम मैनेजमेंट पर पूरी तरह फोकस करें. जो चैप्टर पूरी तरह से कंप्लीट है, उस पर विशेष ध्यान रखें और उसे ही बार रिवीजन करें. पढ़ाई के साथ सेहत का ख्याल रखना जरूरी है, क्योंकि बच्चें स्ट्रेस में आकर अपनी तबीयत खराब कर लते है, तो उनकी सारी मेहनत व्यर्थ चली जाएगी. एनसीईआरटी किताब पर फोकस रखें. फालतू किताब से दूरी बनाकर रखें.

अतुल कुमार सिंहसैंपल पेपर को चेक करें कि कितने नंबर आ रहे हैं 

डीएवी नंदराज के शिक्षक अतुल कुमार करण ने कहा कि बच्चे जितना हो सके उतना सैंपल पेपर प्रैक्टिस करें. नई चीजें पढ़ने का समय चला गया है,इसलिए नई चीजें न पढ़े. पढ़े हुए चैप्टर को रिवीजन करें. रिवीजन कितनी अच्छी हुई है, इसको चेक करने का सबसे अच्छा तरीका है, सैंपल पेपर को एक तय समय पर बनाकर चेक करें कि कितने नंबर आ रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक आइटम से दूरी बनाकर रखे. बच्चें सबसे ज्यादा समय फोन में ही बर्बाद करते हैं. समय सीमा तय करके पढ़ाई करें. परीक्षा के दौरान पहले 15 मिनट में सारे सवाल अच्छे से पढ़ले. शांत दिमाग से सारे सवाल के जवाब लिखे अपनी तयारी पर पूरा भरोसा रखे.

जय किशोरकेमिस्ट्री, फिजिक्स के लिए प्रत्येक दिन पांच घंटे का समय जरूर दें, इन विषयों में अच्छे मार्क्स आते हैं 

डीएवी नंदराज पब्लिक स्कूल के शिक्षक जय किशोर ने कहा कि सभी चैप्टर को पढ़ लें, क्योंकि इस बार 18 एमसीक्यू आने वाले हैं. एमसीक्यू करने के लिए सभी चेपटर अच्छें से पढ़े होने चाहिए. साइंस से जुड़े सब्जेक्ट जैसे केमिस्ट्री फिजिक्स के लिए प्रत्येक दिन 5 घंटे का समय जरूर दें. पढ़े टॉपिक को रिवीजन बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर आप रिवीजन नहीं करेंगे तो आधी चीजें भुल जाएगें. जितनी भी कमजोर टॉपिक है उसे अच्छे से पढ़ाई कर ले. केमिस्ट्री और फिजिक्स के फार्मूला जरूर याद रखें और नुमेरिकल को सौल्व करके प्रैक्टिस करें. एनसीईआरटी की किताबें लाइन बाय लाइन पढ़े. जो क्वेश्चन बार-बार रिपीट होते हैं उन्हें जरूर करें. सॉल्यूशन पर ध्यान रखें. क्वेश्चन का आंसर टू दि पॉइंट लिखें. अनावश्यक कॉपी भरने की कोशिश न करें. पिछले 10 सालों का क्वेश्चन प्रैक्टिस करें जो क्वेश्चन बार-बार आते हैं. उन्हें जमकर लिख ले. कम से कम 5 से 7 सैंपल पेपर रोज सॉल्व करें. पढ़ाई के दौरान पेट भर खाना खा कर न बैठे, क्योंकि अगर पेट पूरी तरह से भरा होगा तुम नींद और सुस्ती आएगी. जो पढ़ने में बाधा पहुंचा सकती है. अच्छा प्रोटीन युक्त खाना खाएं थोड़ी थोड़ी देर में थोड़ी थोड़ी पानी पीते रहे. पढ़ने वक्त मोबाइल को ऑफ करके दूसरे रूम में रखे. टीवी मोबाइल कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजट से दूरी बनाकर रखें. एकाग्रता के साथ पढ़ाई करें. तनाव मुक्त रहे रात को जल्दी सो जाओ और सुबह जल्दी उठे. ढीले ढाले कपड़े पहने और शांत दिमाग के साथ अपने ऊपर भरोसा रखकर एग्जाम देने जाए.

ममतासभी विषयों की पढ़ाई समय निर्धारित कर करें 

जवाहर विद्या मंदिर की शिक्षिका ममता का कहना है कि बच्चों को पांचों विषयों को दिन भर के समय से विभाजित कर लेना है और उसके हिसाब से पढ़ना है. अब समय कम है, इसलिए खाते,नहाते और जब भी रेस्ट करेंगे उस वक्त जो पढ़े हैं उसे याद करें. जो भूल रहे हैं उसे तुरंत देखे. बच्चों को समय समय पर लिक्वीड भी लेना है क्योंकि दिमाग तेजी से काम कर रहा है. अब परीक्षा के लिए समय बहुत कम बचा है. इसलिए जितनी पढ़ाई कर ली गई है. उसी का रिवीजन करें. इस समय किसी प्रकार का दबाव लेने की जरुरत नहीं है. पढ़ाई के साथ सभी काम शांत मन से करें. रात जागकर पढ़ने की जरुरत नहीं है. ध्यान रहे कि परीक्षा के समय स्वास्थ्य ठीक रहे.

यशवंत कुमारपढ़ी हुई चीजों को बार-बार पढ़ने की जरुर है, साथ ही अंक विभाजन के आधार पर पाठ्यक्रम का अध्ययन करें 

रांची-असीसी उच्च विद्यालय सामलौंग के पूर्व शिक्षक यशवंत कुमार का कहना है कि अंक विभाजन के आधार पर पाठ्यक्रम का अध्धयन करना चाहिए. ताकि अधिक से अधिक अंक प्राप्त किया सके.प्रत्येक विषय को बारीकी से अध्ययन करना चाहिए.पढ़ी हुए चीजों को बार बार पढ़ें,ताकि हमेशा याद रहे.मैथ्स विषय में ज्योमेट्री विषय को हर रोज प्रैक्टिस करे.बच्चे अपने आखिरी समय पर जितना हो सके उतना सैंपल पेपर सॉल्व करें. एग्जाम की तैयारी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होती है टाइम मैनेजमेंट. बच्चे अपनी टाइम मैनेजमेंट पर जरूर फोकस रखें. समय पर सही समय पर उठे और अपनी पढ़ाई को समय के साथ मैनेज करते हुए पढ़ाई करे. समय समय पर खानपान भी बहुत जरूरी है, अक्सर देखा जाता है कि एग्जाम की तैयारी के दौरान अपने खान-पान का ध्यान नहीं दिया जाता है.जो गलत है. प्रोटीन युक्त आहार ले. सुबह जल्दी उठे. एग्जाम की तैयारी में सबसे योग्यदान बच्चों के साथ अभिभावकों का होता है. अभिभावकों से मेरा अनुरोध है कि बच्चों की तैयारी में पूरा समर्थन करें. घर का माहौल पॉजिटिव बनाकर रखें. पॉजिटिव माहौल में बच्चों की तैयारी अच्छी होती है. अनावश्यक बच्चों पर दबाव न डालें.दबाव में बच्चे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. बच्चों को परीक्षा को लेकर पॉजिटिव रहने के लिए प्रेरित करें.बच्चे एग्जाम के दौरान नर्वस न हो.सभी विषयों में पास करना जरुरी है. इसलिए सभी विषयों पर बराबर समय देने की जरुत है. जिस विषय को पढ़ चुके हों उसको दोहराना जरुरी है ताकि वह याद रह सके.

आशु तिवारीबच्चों के पास अब नये-नये चैप्टर पढ़ने का समय नहीं 

आ शु तिवारी ( प्राचार्य, मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल, जमशेदपुर) का कहना है कि प्री बोर्ड परीक्षा हो चुकी है. ऐसे में हर बच्चे को पता है कि वह कहां कमजोर और कहां बेहतर है. वहीं विद्यार्थी दो तरह के होते हैं, एक एकेडमिक अचीवर्स और दूसरे एवरेज. ऐसे में अचीवर्स ग्रुप को किसी भी विषय से किसी भी चैप्टर को नहीं छोड़ना चाहिए. क्योंकि इनका लक्ष्य अधिक से अधिक अंक (98-99 प्रतिशत) अर्जित करना होता है. इसलिए इस ग्रुप को उन टॉपिक्स को भी दोहरा लेना चाहिए, जिसमें उनकी रुचि नहीं है. इसके बाद औसत ग्रुप के विद्यार्थियों की बात करें, तो ऐसे बच्चों के पास अब नये-नये चैप्टर पढ़ने का समय नहीं है. हालांकि इनका लक्ष्य अच्छे से अच्छे अंक हासिल करना है. इसलिए ऐसे बच्चों ने जिन चैप्टर्स को पढ़ा है, उसका इस तरह अध्ययन करना चाहिए कि उस चैप्टर से ऑब्जेक्टिव या सब्जेक्टिव जो भी सवाल पूछे जायें, उसका सही तरीके से जवाब दे सकें. इसके अलावा आईसीएसई बोर्ड की बात करें, तो यह बोर्ड पिछले वर्ष श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों की कॉपी अपलोड करता है, जिसमें परीक्षक का मंतव्य भी होता है. चूंकि दूसरे की गलतियों से काफी कुछ सीखा जाता है, अतः इसे भी अच्छी तरह देख लेना चाहिए. इसके अलावा अच्छी डाइट लें, 15-16 घंटे पढ़ने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे बीमार भी पड़ सकते हैं. परीक्षा का तनाव बिल्कुल न लें. टाइम मैनेजमेंट का विशेष ध्यान रखें.

आत्मविश्वास बनाए रखें, परीक्षा को सफलता और असफलता की कसौटी पर नहीं परखें : कृष्णा देवगम

कृ ष्णा देवगम (प्रधानाध्यापक उत्क्रमित मध्य विद्यालय, नीमडीह सदर चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम) का कहना है कि जब परीक्षा की बात मन में आती है, जाहिर सी बात है कि सफल और असफलता की बातें भी मन में उभरकर आती हैं. विद्यार्थियों में उधेड़बुन शुरू हो जाता है कि परीक्षा पूर्व किस तरह तैयारी आवश्यक है और दिनचर्या कैसी हो. जीवन में किसी तरह का भी इम्तिहान हो,दृढ़तापूर्वक की गई तैयारी या सोच काफी काम आती है. यह तभी संभव है जब मन में एकाग्रता हो. एकाग्रता से पढ़े गए विषय वस्तुओं को आत्मविश्वास के साथ अभिव्यक्त करने से परीक्षा में सफलता अवश्य मिलेगा. परीक्षा को एक अवसर के रूप में लेने से सारी दुविधा या डर भाग जाता है और आत्मविश्वास बढ़ जाता है. जब विद्यार्थी में आत्मविश्वास जागा तो परीक्षा उसके लिए जीवन का सुनहरा अवसर की तरह होगा. परीक्षा को सफल और असफलता की कसौटी पर नहीं रखना चाहिए. चूंकि सफलता-असफलता जीवन का दो पहलू हैं. दोनों पहलू एक- दूसरे को मजबूती प्रदान करते हैं. काफी लोग या खासकर विद्यार्थी जब परीक्षा में असफल होते हैं तो काफी निराश हो जाते हैं. उनके इस निराशा के पीछे हमारा सामाजिक परिवेश में होने वाली नकारात्मक प्रतिक्रियाएं हैं. इस मामले को लेकर परीक्षार्थियों को शांत,एकाग्र और धैर्यपूर्वक स्वयं को अवलोकन करने की आवश्यकता है. अपनी कमजोरियों को मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते जाना चाहिए. इसमें अच्छे दोस्तों की सकारात्मक बातें,अच्छी किताबें और अनुशासित दिनचर्या काफी सहायक होते हैं. अभी विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक और इंटरमिडिएट की परीक्षाएं सिर पर आ गई हैं. इस समय विद्यार्थियों के लिए परीक्षा के अनुरूप स्वयं को अनुकूलित करने का वक्त है. अपनी मन:स्थिति को शैक्षणिक सत्र में ग्रहण किए विषय वस्तुओं की जानकारियों को केन्द्र में रखकर अभिव्यक्ति की तैयारी में जुट जाना चाहिए.

डॉ. मुरारी वैद्यतनाम मुक्त रहें, पढ़ाई और परीक्षा से संबंधित सकारात्मक विचार मन रखें 

जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज, चाईबासा के सहाक प्रोफेसर डॉ मुरारी वैद्य का कहना है कि परीक्षा के ठीक पहले छात्र-छात्राओं को तनाव मुक्त रहना चाहिए. परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान किसी तरह का टेंशन नहीं लेना चाहिए, ताकि वे सही तरीके से परीक्षा दे सकें. साथ ही परीक्षा के एक दिन पहले सभी पढ़े हुए चैप्टर का रिवीजन कर लें. जो ज्यादा कठिन लगे उसे ज्यादा दफा पढ़े. जिस दिन परीक्षा हो, उस दिन हो सके तो कुछ नया न पढ़ें, बल्कि पुराने पढ़े हुए हुए पाठ को दोहराएं. अगर किसी स्टूडेंट का कोई चैप्टर छूट गया है, तो उसके लिए उसे चिंता नहीं करनी है. नही तो जो आपने याद किया है, वो भी आप भूल जाएगे. परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर बहुत सोच समझ कर देना है और लिखित परीक्षा में जितने शब्दों में उतर मांगें जाए, उतने शब्दों में ही उत्तर लिखना है. स्टूडेंट्स जिस विषय में थोड़ा कमजोर हैं, उसमें उन्हें ज्यादा समय देना चाहिए. परीक्षा में प्रश्न कैसा भी आये, उसे देख कर घबराना नहीं है, बल्कि धैयपूर्वक प्रश्न को पढ़ कर उसका उत्तर देना है. हमेशा छात्रों को अपने अंदर पढ़ाई और परीक्षा से संबंधित बातों पर कभी नाकारत्मक विचार नहीं आने देना चाहिए. उन्हें हमेशा अपने अंदर सकारत्मक विचार लाने चाहिए. यदि किसी छात्र या छात्रा को परीक्षा के बाद असफलता भी मिलती है, तो उसे घबराना नहीं चाहिए, बल्कि फिर से पूरी तैयारी के साथ परीक्षा देकर सफल होना चाहिए, क्योंकि असफलता ही सफलता का रास्ता बनाती है.