Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

क्याअब 24 घंटे राजनीति करेंगे राहुल?

Default Featured Image

कांग्रेस के नेता उत्साह में हैं कि पांच महीने की भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की छवि सुधर गई है। अब उनको एक गंभीर राजनेता माना जाने लगा है। यात्रा के समापन के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा द्वारा राहुल गांधी की पप्पूÓ की जो झूठी छवि गढ़ी गई थी वह इस यात्रा से ध्वस्त हो गई है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि पांच महीने की यात्रा से राहुल की छवि बेहतर हुई है और इन पांच महीनों में भाजपा को भी कोई खास मौका नहीं मिला है उनको अटैक करने का। लेकिन असली सवाल यह है कि आगे क्या होगा?आगे भाजपा के नेता राहुल गांधी को पप्पूÓ नहीं कहेंगे या बाकी पार्टियां भी उनको गंभीरता से लेंगी या कांग्रेस में उनकी सर्वोच्च नेता वाली स्थिति टिकाऊ हो जाएगी, यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि वे आगे क्या करेंगे? उन्होंने श्रीनगर में यात्रा के समापन कार्यक्रम में बहुत मार्मिक और अच्छा भाषण दिया। उन्होंने लोगों से कश्मीर के लोगों से कनेक्ट किया और साथ ही सेना व सुरक्षा बलों के जवानों से भी कनेक्ट किया। लेकिन सवाल है कि वे फिर कब कश्मीर जाएंगे? संभव है कि इस साल जम्मू कश्मीर में विधानसभा का चुनाव हो तो क्या राहुल अभी से चुनाव अभियान शुरू करेंगे वहां?प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह फरवरी को कर्नाटक जा रहे हैं। इस साल यानी 2023 के पहले 37 दिन में यह उनकी तीसरी यात्रा होगी। वहां मई में चुनाव होने हैं। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई दिन कर्नाटक में रहे लेकिन चुनाव अभियान का आगाज करने वे कब कर्नाटक जाएंगे? पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। त्रिपुरा में 16 फरवरी को और नगालैंड व मेघालय में 27 फरवरी को चुनाव हैं। राहुल गांधी का वहां का क्या कार्यक्रम है? वे कितने दिन इन तीन राज्यों में जाएंगे और चुनावी रैलियां करेंगे? राजस्थान में इस साल के अंत में चुनाव है और वहां पार्टी का आंतरिक संकट सुलझ नहीं रहा है। उसे सुलझाने के लिए राहुल के पास क्या योजना है?संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है और पहले ही दिन राहुल गांधी व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े इसमें शामिल नहीं हुए क्योंकि खराब मौसम के कारण वे कश्मीर में ही अटक गए। सत्र से पहले सरकार की बुलाई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नहीं शामिल हुए। उसने कहा कि खराब मौसम के कारण नहीं शामिल होंगे। यह बहुत फालतू की सफाई थी। कांग्रेस अपने किसी भी सांसद को भेज सकती थी लेकिन उसका कोई सांसद उस सर्वदलीय बैठक में नहीं गया, जिसमें 27 पार्टियों के नेता शामिल हुए। यह कोई अच्छी एप्रोच नहीं है। सो, राहुल की छवि सुधरी हुई तभी मानी जाएगी जब वे 24 घंटे राजनीति में उतरते हैं। राज्यों के दौरे करते हैं, संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं और संगठन के आंतरिक मुद्दे सुलझाते हैं। अगर यात्रा करके संत बनना है तो अलग बात है!