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झारखंड में बिजली संचरन की प्रगति को केंद्रीय ऊर्

Ranchi: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने झारखंड में बिजली संरचन के विस्तार पर संतोष जताया और कहा, उम्मीद है कि झारखंड भविष्य में भी बेहतर कार्य करेगा. यह बातें सिंह ने दिल्ली में सभी राज्यों के बिजली बोर्ड और बिजली वितरण कंपनियों के साथ दो दिवसीय समीक्षा एवं प्लानिंग बैठक के समाप्ति के मौके पर कही. यह बैठक मंगलवार को समाप्त हो गई. बैठक में झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा पीपीटी के माध्यम से राज्य में बिजली संरचना के विस्तार पर योजना पेश की गई.

झारखंड की प्रगति पर केंद्रीय मंत्री ने संतोष जताया. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भविष्य में झारखंड बेहतर करेगा. इस बैठक में झारखंड की ओर से ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी अविनाश कुमार, निदेशक मनीष कुमार,निदेशक वितरण केके वर्मा, जीएम (वाणिज्य) ऋषिनंदन, कार्यपालक अभियंता सिद्धार्थ आदि शामिल हुए.

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बिजली खरीद और वितरण के बीच के घाटे को कम किया जा रहा है : सीएमडी

सीएमडी अविनाश कुमार ने पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी कि झारखंड में बिजली की क्या स्थिति है, और आने वाले समय में घाटा कम करने के लिए क्या-क्या किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जेबीवीएनएल का एटीएंडसी लॉस 33 प्रतिशत है. घाटा कम करने के लिए उपभोक्ताओं के मीटर बदले जा रहे हैं, साथ ही सभी ट्रांसफारमर और फीडर में भी मीटर लगाये जा रहे हैं. सेल्फ बिलिंग टावर ऐप लाया गया है. ऊर्जा मेला, कंट्रोल रूम द्वारा मॉनीटरिंग, हाउसहोल्ड कार्ड, लाइनमैन कार्ड, सघन छापेमारी जैसे काम किये जा रहे हैं. टैरिफ बढ़ाने के लिए नियामक आयोग के पास आवेदन दिये गये हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए एनुअल रेवन्यु रिक्वायरमेंट 8708.11 करोड़ की मांग नियामक आयोग से की गयी है. फिलहाल आयोग के फैसले के इंतजार है.

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3262.27 करोड़ की लागत से संरचन का विस्तार

सीएमडी द्वारा पीपीटी के माध्यम से बताया गया कि रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम (आरडीएसएस) के तहत 3262.67 करोड़ रुपये बिजली नेटवर्क के विस्तार पर खर्च किये जाएंगे. इसके तहत 13.41 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जायेंगे. वर्तमान में 16 हजार उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं. 37283 ट्रांसफामर में मीटर लगाये जायेंगे. 1919 अनमीटर्ड फीडर में मीटर लगाये जाएंगे.

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