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पाकिस्तान में ‘गृह युद्धÓ होने के हालात देखेगी दुनिया

बहुत लंबे समय से आपको बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ही पाकिस्तान के लोगों के लिए सबसे बड़ा दुश्मन बनता जा रहा है। वहां स्थितियां ठीक नहीं हैं लेकिन अब तो स्थिति बहुत-बहुत बुरी हो चुकी हैं। विरोध रूपी बारुद पर बैठा पाकिस्तान कभी भी फ ट सकता है क्योंकि हर तरफ पड़ोसी देश में चिंगारियां लग रही हैं।

पाकिस्तान में सेना की मनमानी और सरकार की विनाशकारी नीतियों के विरुद्ध लोगों का जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है। आटे की किल्लत से लोगों में भगदड़ मची हुई है जिससे पाकिस्तान के लोगों की जाने जा रही हैं। कुछ तो भूखे मर रहे हैं तो कुछ पाकिस्तानी सेना की गोली के शिकार हो रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार की गलत नीतियों ने पड़ोसी देश का बंटाधार कर दिया है। वहां कि स्थिति को और अच्छे जानने के लिए वहां की गतिविधियों को जानना होगा।

दरअसल, बलूचिस्तान प्रांत का ग्वादर भयंकर विरोध की आग में सुलग रहा है, ग्वादर वो स्थान है जहां चीन पाकिस्तान कॉरिडोर के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं यानी ष्टक्कश्वष्ट प्रोजेक्ट चल रहा है। बलूचिस्तान के लोग चीन के इस महत्वपूर्ण प्रोजेरक्ट का जमकर विरोध करते हुए चीन और पाकिस्तान दोनों को चुनौती दे रहे हैं। लोग इस प्रोजेक्ट को देश के लिए खतरा बता रहे हैं। वहां काम कर रहे चीनियों की बलूचिस्तानियों के द्वारा हमले भी किए जा रहे हैं जिससे चीन चैन की नींद नहीं ले पा रहा है। यहां तक कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच फ ायरिंग और पत्थरबाजी तो अब आम बात हो गई है। ग्वादर के लोगों का कहना है कि उन्हें अपने ही देश में अजनबी महसूस कराया जाता है। इस तरह का विरोध चीन के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है।

कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगिट बाल्टिस्तान का भी है। जहां पाकिस्तान की सरकार के विरुद्ध लोग बड़े स्तर पर विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं। यहां के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना अवैध रूप से उनकी जमीनों पर कब्जा कर रही हैं। यहां भी लोग ष्टक्कश्वष्ट प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक पाकिस्तान की सेना कई सालों से वहां के लोगों की भूमि हड़प रही हैं जिससे लोगों के अंदर वहां की सेना के विरुद्ध भयंकर आक्रोश है। वहां के लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं क्योंकि पाकिस्तान के अत्याचारों से वहां के लोग तंग आ चुके हैं। यहां भी जिस तरह से चीन के विरुद्ध विरोध चल रहा है वह चीन के लिए घातक हो सकता है।