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Kanpur: सर्दी हो रही जानलेवा, भीषण ठंड में हार्ट अटैक से 17, ब्रेन अटैक से तीन की मौत

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : Pixabay

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कानपुर में शीत लहर का कहर जारी है। माहौल में गलन रोगियों के दिल और दिमाग पर भारी पड़ रही है। सोमवार को हार्ट अटैक से 17 और रोगियों की मौत हो गई। इसके साथ ही ब्रेन अटैक पड़ने से तीन रोगियों की मौत हुई है। 12 रोगियों को हैलट और अन्य अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती किया गया है। ब्रेन अटैक के कई रोगी वेंटिलेटर पर हैं।

इन रोगियों की दिमाग की नसें फट गई हैं। ब्रेन अटैक के तीन रोगी और हार्ट अटैक के 14 रोगियों की सांस अस्पताल पहुंचने के पहले ही थम गई थी। परिजनों का कहना है कि रोगियों की अचानक तबीयत बिगड़ी थी। अस्पताल लेकर पहुंचते उसके पहले ही मौत हो गई। बाद में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि ठंड से बचाव में चूक होने और दवाएं लेने में लापरवाही से रोगियों का ब्लडप्रेशर अचानक बढ़ जाता है।

इससे हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक की नौबत आती है। एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के इमरजेंसी कंट्रोल रूम के मुताबिक सोमवार को 14 हृदय रोगी मृत अवस्था में अस्पताल आए। इनकी मौत पहले हो चुकी थी। डॉक्टरों ने ईसीजी जांच रिपोर्ट फ्लैट आने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके साथ ही गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हुए तीन रोगियों की इलाज के दौरान मौत हो गई। कार्डियोलॉजी की इमरजेंसी और ओपीडी में कुल 698 रोगियों की जांच की गई। इनमें 44 रोगियों में गंभीर लक्षण पाए गए, उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया गया।

इसके साथ ही ब्रेन अटैक के रोगियों को हैलट और निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। हैलट में ब्रेन अटैक के आठ रोगी और निजी अस्पताल में चार रोगी भर्ती किए गए। इनमें छह रोगियों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। फजलगंज के रामगोपाल (65), गुमटी के धीरेंद्रनाथ (48) और लखनपुर के निरंजन (54) की ब्रेन अटैक से मौत हुई है। दो रोगियों को हैलट और एक रोगी को कल्याणपुर के अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि रोगी ठंड से बचाव करें। ज्यादातर रोगियों ने ब्लडप्रेशर की दवा समय से नहीं ली थी जिससे ब्रेन अटैक पड़ा।

ऐसे करें बचाव
– सीने पर लगातार भारीपन रहे तो जांच करा लें।
– गैस जैसी दिक्कत लगातार है तो डॉक्टर को दिखाएं।
– सीने के बीचो-बीच और जबड़ों में दर्द हो तो जांच कराएं।
– हृदय और बीपी रोगी सुबह बाहर न निकलें, धूप निकलने पर बाहर जाएं।
– बीपी सामान्य होने पर दवा कतई न छोड़ें।
– दवा की खुराक अपने डॉक्टर से मिलकर दुरुस्त करा लें।
– ऊनी टोपी, मफलर बांधकर, गर्म कपड़े पहनक र बाहर निकलें।

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कानपुर में शीत लहर का कहर जारी है। माहौल में गलन रोगियों के दिल और दिमाग पर भारी पड़ रही है। सोमवार को हार्ट अटैक से 17 और रोगियों की मौत हो गई। इसके साथ ही ब्रेन अटैक पड़ने से तीन रोगियों की मौत हुई है। 12 रोगियों को हैलट और अन्य अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती किया गया है। ब्रेन अटैक के कई रोगी वेंटिलेटर पर हैं।

इन रोगियों की दिमाग की नसें फट गई हैं। ब्रेन अटैक के तीन रोगी और हार्ट अटैक के 14 रोगियों की सांस अस्पताल पहुंचने के पहले ही थम गई थी। परिजनों का कहना है कि रोगियों की अचानक तबीयत बिगड़ी थी। अस्पताल लेकर पहुंचते उसके पहले ही मौत हो गई। बाद में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि ठंड से बचाव में चूक होने और दवाएं लेने में लापरवाही से रोगियों का ब्लडप्रेशर अचानक बढ़ जाता है।