टैक्स चोरी मामले में डीजीजीआई अफसरों ने बुधवार को उद्योगपति किशोर वाधवानी से सीजीओ कॉम्प्लेक्स दफ्तर में दिनभर पूछताछ की। वाधवानी को माटा, अमित बोथरा, नायर से बातचीत के प्रमाण दिखाए तो वह असहज हो गए। सारी पूछताछ के केंद्र में ज्यादातर वे सवाल रहे, जिन पर पूर्व में पकड़ाए आरोपी विजय नायर ने कुछ बातें कबूली थीं। नायर ने अफसरों को बताया था कि वह फ्रंट में रहकर कंपनी जरूर चलाता है, पर मास्टरमाइंड वाधवानी ही है। वह (नायर) सिर्फ कागजों में मालिक है। संजय माटा से उसकी बातें होती थीं। अन्य फर्मों में करोड़ों के लेन-देन होना इसका प्रमाण है।
वाधवानी से मिलने की फिराक में घूम रहा था शर्मा
बुधवार को ही वाधवानी को जिला व सत्र न्यायालय लाने की सूचना थी। इस चक्कर में उनका करीबी वैभव शर्मा कोर्ट परिसर के बाहर पहुंच गया। मास्क लगाए, चश्मा पहने वह वाधवानी से मिलने की फिराक में था। शाम साढ़े चार बजे करीब संदेह होने पर डीजीजीआई की टीम ने उसे पकड़ लिया। उसे भी पूछताछ के लिए सीजीओ कॉम्प्लेक्स लाया गया। डीजीजीआई को ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ कंपनी में शर्मा भी कागजों पर संचालक है। इधर, वाधवानी के वकील अविनाश सिरपुरकर रिमांड का विरोध करने पहुंचे, लेकिन पौने चार बजे करीब सूचना आई कि अभी नहीं लाया जा रहा। कारण यह कि डीजीजीआई के पास गुरुवार तक रिमांड का वक्त है। गुरुवार को तीन बजे तक लाया जा सकता है।
न्यायिक हिरासत 30 जून तक बढ़ी
टैक्स चोरी मामले में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आरोपी संजय माटा, विजय नायर अशोक डागा और अमित बोथरा की सुनवाई हुई। कोर्ट ने इन सभी की न्यायिक हिरासत 30 जून तक के लिए बढ़ा दी।
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